बैकुण्ठपुर@अंबिका जी राजनीति चुनें या मुझे:पति अमिताबो घोष

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विधायक पति ने इंग्लैंड से किया पांचवा और अंतिम पोस्ट कहा मुझे मेरी बीवी वापिस मिल जाए
कौन सीखा है सिर्फ बातो से सबको एक हादसा जरूरी है, मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं…जिद होती तो कही का नही रहती:अमिताबो घोष
कौन सा रहस्य है आखिर विधायक का जिसकी सूची माँ रामदिया के सामने रख आए हैं विधायक पति?

– रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 05 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर विधायक और संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के पति अमिताबो घोष ने इंग्लैंड से पांचवा और अंतिम पोस्ट किया है, इस बार उन्होने साफ तौर पर विधायक से कहा है कि या तो राजनीति चुनें या मुझे। अंतिम पोस्ट में श्री घोष ने ईषारे ही ईषारे में अनेक बातो का उल्लेख किया है, उनकी बाते कई सवालो को जन्म देती है हलांकि उन सवालो का जवाब मिलना मुष्किल है, मामला पारिवारिक है, लेकिन समझदारो के लिए ईषारा ही काफी है। उक्त पोस्ट के बाद श्रीमती सिंहदेव राजनीति छोड़ती है या ही यह देखने वाली बात होगी पिछले दिनो बयान जारी करते हुए उन्होने कहा था कि वो राजनीति के क्षेत्र में ही काम करेंगी।
आखिर अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर विधायक पति ने एक ऐसी लाइन लिखी जो वाकई में सभी को चौंका दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया, उन्होंने लिखा कि माँ रामदिया से प्रार्थना रहा के जो जो इस अपराध से जुड़े है सबका संसार एसे ही उजडे पूरे नामों का लिस्ट मैं माँ के चरणों में रख के आया हूँ जब आप पर बितेगा तब आपको समझ में आएगा हम पर क्या गुजरा रहा है इस लाइन के बाद अब आखिर यह कौन से अपराध का जिक्र कर रहे हैं जिसे लेकर लोगों जानने की उत्सुकता बढ़ गई है आखिर कौन सा ऐसा मामला या अपराध है जो कभी सामने आ गया तो उथल पथल की स्थिति हो सकती है कौन सा रहस्य है विधायक का?
मुझे भी कुछ कहना है
5वां और अंतिम पोस्ट – उक्त पंक्ति के साथ उन्होने आगे लिखा है कि लिखा था मंडे 6 फरवरी आखिरी पोस्ट करूंगा क्षमा करना थक गया हूं साहब,एक दिन पहले ही अंत कर रहा हूं यह पोस्ट का सिलसिला। आप जब ऐसा कुछ देखे नही तो मैं कहां किया हूं। काश सुषांत सिंह राजपूत और अन्य अनेक लोग चुप चाप चले जाने से पहले थोड़ा हिम्मत करके मेरे ही तरह कुछ किए होते, जिंदगी से भाग के जाओगे कहां,अब मतलब पर-मैं क्यूं चाहता हूं अंबिका जी राजनीति छोड़ दे? छोटी सी उार है- राजनीति नही गंदी राजनीति। उन्होने आगे लिखा है कि इस विषय में विस्तार से मैं कुछ नही लिखूंगा क्युंकि चोरी-छिपे तो कुछ नही हो रहा है, जो भी हो रहा है खुले आम हो रहा है। आपको दिखाई नही दे रहा है? दे रहा है पर आप कहोगे राजनीति तो आइसा ही होता है सही बात है, इसीलिए तो मैं कभी नही चाहा कि मेरी पत्नी राजनीति में आए या रहें। आप आपने पत्नी को छोड़ दोगे इस राजनीति के मैदान में? नही न तो हमसे यह उम्मीद क्यूं रखते हो साहब? श्री घोष ने आगे लिखा कि आप में से बहुत लोग मुझे पहले से जानते है कुछ पीछे दो साल से,एक जन भी तो आगे हो कर हमसे बोले नही के आप उन्हे समझाये इस सियासी मैदान से बाहर आ जाये,उल्टा आप अपने स्वार्थ और मतलब से अंबिका जी का साथ दिये। क्यूं अंबिका जी विधवा है,मै मर गया हूं डिवोर्सी है मैं छोड़ के भाग आया हूं?
ईश्वर पर रखता हूं भरोसा
श्री घोष ने बहुत ही गंभीरता से आगे लिखा है कि अंबिका जी के साथ मेरा नाम हर जगह पर जुड़ा है यहा तक कि उनके सरकारी बंग्लो के हर एक बिल्स पर,आपका नही। मैं ईश्वर पर भरोसा रखता हूं, मां रमदईया से प्रार्थना रहा कि जो जो इस अपराध से जुड़े है सबका संसार आइसा ही उजरे पूरा नामो का लिस्ट मैं मां के चरणो में रख के आया हूं जब आप पर बितेगा तब आपको समझ में आएगा हम पर क्या गुजरा।
मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं जिद होती तो कही का नही रहती जैसे शदो के साथ सबूत इकट्ठा करने का भी जिक्र
पति अमिताबो घोष ने आगे लिखा है कि अंबिका जी के राजनीति का पहले दो साल मैं सब समझ रहा था इंग्लैंड से 2021 से अब तक देखा सुना समझा सबूत इकटठा किया एक एक कर के इंडिया में। घबराईये मत मै न ही किसी का नाम लेने वाला हूं न ही कोई सबूत जनसमक्ष में लाने वाला हूं अगर मजबूर न किए गए तो। मुझे साब किसी से कुछ लेना देना नही बस मेरा बीवी मुझे वापिस मिल जाये। जो हुआ बहुत हुआ। मै उनको पीछे 4 साल से तो समझा ही रहा था वो नही सुने फिर मै उन्हे कहा कि मैं क्या करूंगा वो सोचे कि यह सिर्फ बोल रहे हैं कुछ करेगा नही। नही हूजुर- कौन सीखा है सिर्फ बातो से सबको एक हादसा जरूरी है, कर दिया न मैं हादसा, अब फैसला अंबिका जी को लेना है या तो वो राजनीति चुने या मुझे। श्री घोष ने आगे लिखा कि आप्सन दे दिया डिसीजन वो लें साक्षी आप। वो जो भी फैसला लेंगे मुझे स्वीकार है। एक शद भी और नही लिखूंगा इस विषय में,चलते चलते सिर्फ आखिरी दो लाईन-मोहबत है इसीलिए जाने दे रहा हूं जिद होती तो कही का नही रहती। इसी के साथ उन्होने अपनी बात समाप्त की है।
क्या निर्णय लेती हैं विधायक, परिवार या राजनीति?
अमिताबो घोष ने इस विषय पर लगातार पोस्ट किया और हर पोस्ट में कुछ न कुछ खुलासा भी किया है, विधायक अंबिका सिंहदेव के राजनीति में आने व मामले को राजनैतिक रूप देने की कोशिश भी श्री घोष ने ही नाकाम की है, यह उनके कार्यषैली पर भी अब सवालिया निषान है। राजनीति में पैसा कमाने से लेकर मारपीट, अपमान किये जाने का जिक्र भी उन्होने किया है। पति द्वारा विधायक पत्नी का चेहरा सामने लाने के बाद कई तरह की बाते अब हो रही हैं,अंतिम पोस्ट पर श्री घोष ने सीधा लिखा है कि अंबिका जी राजनीति छोड़े या मुझे,अब देखना होगा कि विधायक अंबिका सिंहदेव इस पर क्या निर्णय लेती हैं। फिलहाल पूरे मामले पर उन्होने चुप्पी बनाई हुई है,समर्थक और आम जन भी तरह तरह की बाते कर रहे हैं। तो वहीं सवाल भी उठता है कि इस कार्यषैली की एक महिला जो कि खुद राजपरिवार से आती हैं उन्हे राजनीति करनी चाहिए या नही।
क्या अब विधायक अपने ही पति के खिलाफ महिला आयोग जाएंगी?
स्थानीय विधायक सभी के पारिवारिक व व्यक्तिगत मामले में घुस कर दखलंदाजी करती थी और अपने आप को सुपर बताने का प्रयास करती थी, क्या अब अपने ही पति के खिलाफ महिला आयोग जाएंगे जहां पर व बैठकर पत्रकार के चरित्र प्रमाण पत्र एक बार बांट रही थी सिर्फ एक अधिकारी के लिए पत्रकार को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही थी, उस समय इनकी सोच व मर्यादा कहां गई थी जब एक संविधानिक व न्यायालय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती नजर आई थी वह भी एक अधिकारी के बचाव में। अब अपने पति के मामले में क्या करेगी?
विधायक पति की बातो में बहुत ही गहराई
सिलसिलेवार पोस्ट के जरिए किये गए खुलासे अब विधायक अंबिका सिंहदेव के लिए भी भविष्य में राजनीति करने की दिषा में परेषानी का सबब बन गया है। वह राजनीति छोड़ती हैं या नही यह तो देखने वाली बात है ही लेकिन हर पोस्ट में लिखी हुई बातो में बहुत ही गहराई दिखलाई देती है। पति ने एक विधायक पत्नी के लिए इतना सब कुछ लिख दिया है कि वह मिटने वाला तो नही है साथ ही साथ कई सवालो को जन्म दे रहा है। मामला भले ही पारिवारिक हो लेकिन विधायक से जुड़ा हुआ है इसलिए इसमें हर वर्ग की दिलचस्पी दिखलाई दे रही है।
पारिवारिक मामले ने सोशल मीडिया में लिया स्थान,सोचनीय विषय
मामला बिल्कुल ही पारिवारिक था,विधायक पति नही चाहते थे कि उनकी पत्नी गंदी राजनीति के दलदल में फंसे, 4 वर्षो ने उन्होंने काफी प्रयास भी किया, कुछ और बाते हुईं जिसका सबूत भी इकट्ठा कर रखा गया है काफी प्रयास के बाद भी जब बात नही बनी तो अंत में थक हारकर इस मुद्वे को सोषल मीडिया में लाया गया जाहिर सी बात है तब तक सब कुछ खत्म सा हो गया होगा। यह अत्यंत सोचनीय विषय है कि आखिर क्या कारण है कि पति के ना चाहते हुए भी दो पुत्रो से दूर होकर विधायक राजनीति में रूचि रख रही हैं। सारे सवालो और आषंकाओ की समाप्ति विधायक द्वारा ही की जा सकती है।


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