- आखिर क्या कारण की पति नही चाहते विधायक पत्नी करें राजनीति?
- बैकुंठपुर विधायक के पति की विधायक के निज सचिवों से सोशल मीडिया पर मार्मिक अपील क्यों?
- निज सचिव विधायक की सक्रिय राजनीति से बाहर निकलने में मदद करें,विधायक पति की है अपील
- बैकुंठपुर विधायक से क्षेत्र की जनता तो पहले से ही थी नाखुश,अब क्या पारिवारिक रूप से भी वैसी ही परिस्थिति आई सामने?
- सोशल मीडिया पर पति के अपील के बाद एक बार फिर कोरिया की राजनीति हुई गर्म
- क्या विधायक अपने पति की अपील मानेंगीं या फिर अपने बेलगाम निज सचिव के बहकावे में ही चलेंगी?
- विधायक अंबिका सिंहदेव से पति ने की सक्रिय राजनीति छोड़ने की मार्मिक अपील, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पोस्ट
- क्या पति को अपनी पत्नी की कामयाबी पसंद नहीं आ रही या फिर उनकी राजनीति करने का तरीका पसंद नहीं आ रहा?
- फेसबुक पोस्ट से झलका विधायक अंबिका सिंहदेव के पति का दर्द,मार्मिक अपील कर कहा राजनीति छोड़े,निज सहायकों से भी की गुजारिश
-रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 01 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर की राजनीति में नया भूचाल आया है और वह भूचाल है स्थानीय विधायक के पति का सोशल मीडिया में अपील कर राजनीति से अपनी पत्नी को दूर रहने को कहना, अब यह अचानक अपील क्यों आया किस वजह से आया यह तमाम तरह के सवाल उठना भी लाजमी है? पर कहीं ना कहीं उस सोशल मीडिया के पोस्ट को देखकर उनके पति का दर्द भी लोग समझ रहे हैं उस पोस्ट के पीछे पति का दर्द झलक रहा है इस बात को लोग समझ रहे हैं, आखिर ऐसा क्या वाक्या हो गया की पति सत्तापक्ष की अपनी ही विधायक पत्नी को राजनीति करने से रोकना चाहते हैं?
अभी तक तो विरोधी ही स्थानीय विधायक पर हावी थे पर अब पति भी नहीं चाहते कि पत्नी राजनीति में रहे?
छत्तीसगढ़ के प्रथम वित्तीमंत्री रामचंद्र सिंहदेव की भतीजी बैकुंठपुर विधायक और संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के पति अमिताभ कुमार घोष ने फेसबुक पर की अपील में लिखा है की ‘मुझे भी कुछ कहना है’ बैकुंठपुर, कोरिया विधायक और संसदीय सचिव होने के साथ अम्बिका सिंह देव बीते 26 साल से मेरी पत्नी हैं हम एक-दूसरे को 51 साल से जानते हैं, हमारे दो बेटे भी है आज मैं मेरे धर्मपत्नी और हमारे बच्चों के माँ से अनुरोध करता हूँ, कि वो सक्रिय राजनीति छोड़ दें। अमिताभ कुमार ने इसके साथ विधायक अंबिका सिंहदेव के दोनों पीए भूपेंद्र सिंह और विनय जायसवाल के प्रति बीते पांच सालों से पत्नी के काम में सहयोग देने के लिए आभार जताते हुए अंतिम बार इस कार्य में सहयोग देने का अनुरोध किया है, अपने पति के सोशल मीडिया के जरिए की गई अपील को लेकर अंबिका सिंहदेव का अभी तक कोई भी अधिकृत बयान नहीं आया है और वह इस मामले में अभी चुप्पी साधे हुई हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि वह कार्यक्रम में व्यस्तता का जिक्र करते हुए इस संबंध में बाद में बात करने की बात कही हैं, बता दें कि अंबिका सिंहदेव राजपरिवार के किसी सदस्य के देहांत की वजह से जयपुर गई हुई हैं।
पति ने सोशल मीडिया पर एक अपील लिखकर कोरिया जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया है
कोरिया जिले के एकमात्र बैकुंठपुर विधायक जो महिला हैं के पति ने सोशल मीडिया पर एक अपील लिखकर कोरिया जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया है और उनकी अपील के कई मायने निकाले जा रहें हैं वहीं इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह सामने आ रही है वह पुरुष होकर महिला पत्नी की सफलता को बर्दास्त नहीं कर पाना बड़ी वजह मानी जा रही है जैसा की अनुमान लगाया जा रहा है। बैकुंठपुर विधानसभा में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव पूर्व वित्तमंत्री पूर्व बैकुंठपुर विधायक एवम कोरिया कुमार के नाम से प्रसिद्ध स्व डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव की भतीजी ने कांग्रेस पार्टी से भाग्य आजमाया और उन्हे सफलता मिली और वह विधायक बनी साथ ही उन्हे वर्ष बीतते बीतते संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी मिल गई और देखते ही देखते एक पारिवारिक रूप से जीवन जी रही श्रीमती अंबिका सिंहदेव का सार्वजनिक जीवन में प्रवेश हो गया जो पत्नी सहित दो बच्चों की मां की जिम्मेदारियों में अपना जीवन व्यतीत कर रहीं थीं, राजनीति खासकर सार्वजनिक जीवन में प्रवेश होने उपरांत जैसा की लग भी रहा था की पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए समय कम मिल सकेगा वैसा हुआ भी और आज उसका उदाहरण देखने को मिल रहा है जब उनके पति ही अब उनके राजनीतिक सन्यास की बात कर रहें हैं वह भी सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर। विधायक पति की अपील जो उन्होंने विधायक के दो निज सचिवों से की है उसके अनुसार उन्होंने दोनों से अपील की है की वे उनकी पत्नी को राजनीतिक जीवन से बाहर निकल दीजिए।
ऐसी क्या वजह आ गई कि अपनी पत्नी से बोलने के बजाय पति को सोशल मीडिया पर लिखना पड़ा?
वैसे बैकुंठपुर विधायक एवम छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के पति को अपनी पत्नी को सक्रिय राजनीति से दूर करने के लिए सोशल मीडिया पर उनसे और उनके निज सचिवों से अपील करना पड़ रहा है और इसकी वजह क्या है यह भी स्पष्ट नहीं है। आखिर क्यों विधायक पति अपनी पत्नी को राजनीति से दूर करना चाह रहें हैं, वैसे इसके पीछे की एक वजह पुरुष होने के नाते उनको पत्नी की सफलता से खुद में उस तरह की प्रसिद्धि हासिल नहीं कर पाने का मलाल जैसा माना जा सकता है। माना जा रहा की पत्नी की सफलता से उन्हे कहीं न कहीं अपनी कम प्रसिद्धि खल रही होगी इसलिए उन्होंने यह अपील की है,वहीं यह भी माना जा रहा है की एक कारण यह भी हो सकता है की यह निर्णय स्वयं बैकुंठपुर विधायक का हो और उन्होंने इसे अपने पति की तरफ से प्रसारित करने को कहा हो क्योंकि वर्तमान में विधायक की लोकप्रियता और जनाधार चुनाव जीतने लायक नहीं है और इस तरह वह आगामी विधानसभा चुनाव में खुद की दावेदारी से पारिवारिक कारण बताकर बच निकलेंगी और भविष्य में फिर राजनीति की सोचेंगी। वैसे बात कुछ भी हो लेकिन यह अपने आप में एक नया ही विषय है और नया मामला भी की पति अपनी सफल पत्नी को सफलता का मार्ग छोड़कर घरेलू गृहणी स्वरूप में ही स्वीकार करना चाहता है।
विधायक दोनों निज सचिव से भी सहयोग की लगाई गुहार?
विधायक पति ने विधायक के दोनो निज सचिवों से भी विधायक को सक्रिय राजनीति से दूर करने में उनकी मदद करने की अपील सोशल मीडिया पर की है।वैसे विधायक के दो निज सचिवों का विधायक के राजनीतिक जीवन में कितना हस्तक्षेप है यह विधायक पति की सोशल मीडिया अपील से समझा जा सकता है जहां उन्होंने यह आग्रह किया है दोनो निज सचिवों से की वह विधायक को सक्रिय राजनीति से दूर करने में उनकी मदद करें। अब यह भी स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है की विधायक की अलोकप्रियता की वजह दोनो निज सचिव हैं जिनकी वजह से विधायक लोगों से दूर हुईं और आज परिणाम ऐसा सामने आया।
क्या विरोधियों के लिए सुखद?
वैसे सत्ताधारी दल कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के उन विधायक विरोधियों के लिए यह सुखद संदेश है जो विधायक से लगातार दूरी बनाए हुए थे या विधायक के प्रतिद्वंदी हैं। अब कांग्रेस में ही कई ऐसे दावेदारों को जैसे एक उम्मीद मिल गई जो उनकी दावेदारी को और हवा दे गई।
आइए जानते है कौन हैं अमिताबो घोस
पूर्व वित्त मंत्री स्व.डॉ रामचंद्र सिंहदेव के जीवित रहते ही अंबिका सिंहदेव का राजनीतिक क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रूप से आगमन हुआ। पूर्व वित्त मंत्री ने भी कभी सार्वजनिक रूप से श्रीमती सिंहदेव को राजनीति में आने के विषय में नही कहा था। हलांकि बीच-बीच में वे अपने साथ अंबिका सिंहदेव को दौरा कराया करते थे। इसी बीच पिछले विधानसभा चुनाव के पहले उनका निधन हो गया और फिर अंबिका सिंहदेव का राजनीतिक पदार्पण हो गया। उन्होने काका यानि की पूर्व वित्त मंत्री स्व. डॉ रामचंद्र सिंहदेव के नाम को खूब भूनाया भी, उनके सपनों को पूरा करने का वादा किया और कांग्रेस पार्टी की ओर से पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर प्रत्याषी विधायक निर्वाचित हुईं। श्रीमती अंबिका सिंहदेव पूर्व वित्तमंत्री के बड़े भाई स्व.महेन्द्र प्रताप सिंहदेव की पुत्री हैं जिनका विवाह अमिताबो घोस के साथ वर्ष 1996 में हुआ है। वे वर्तमान में लंदन में निवासरत हैं।
क्या लिखा है पोस्ट में
संसदीय सचिव श्रीमती अंबिका सिंहदेव के पति अमिताबो घोस द्वारा अपने फेसबुक पेज पर किये गये पोस्ट पर यदि गौर किया जाए तो उसमें उन्होने अत्यंत ही मार्मिक भरे अंदाज में लिखा है कि, मुझे भी कुछ कहना है-1,श्रीमती अंबिका सिंहदेव बैकुंठपुर कोरिया का विधायक और छत्तीसगढ के संसदीय सचिव होने के साथ मेरी धर्मपत्नी भी हैं पिछले 26 साल से (1996-2023)। हम एक दूसरे को जानते हैं 51 साल से (1972-2023)। हमारे दो बेटे भी हैं – 20 और 18 साल आर्यमान जय घोष और अनिरूद्व घोष। आज मैं मेरी धर्मपत्नी और हमारे बच्चो के मां से अनुरोध करता हूं कि वो सक्रिय राजनीति छोड़ दें/इस्तीफा दे दे। मै उनके दोनो पीए भूपेंद्र सिंह और विनय जायसवाल से भी अनुरोध करूंगा कि आप दोनो इस काम में उनकी सहायता करें। पिछले 5 साल से आप ही दोनो मेरे पत्नी के हर काम में साए की तरह साथ दिये हैं, एक आखिरी बार दे दीजिए। हम हमारे परिवार के और से आप दोनो के हमेषा आभारी रहेंगे। श्री घोष के बारे में जानकारो का कहना है वे एक बेहद ही सुलझे और गंभीर प्रवृत्ति के इंसान है, उनके द्वारा फेसबुक में किये गए उक्त पोस्ट के बाद इसे लोग विभिन्न रूप में देख रहे हैं और उनके व्यक्तिगत जीवन से लेकर सार्वजनिक जीवन के विषय में भी तरह तरह की बाते कर रहे हैं।
लिखने का कारण अस्पष्ट
संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के पति अमिताबो घोस ने सोषल मीडिया में जिस प्रकार का लेख पोस्ट किया है उसके कई तरह के मायने हैं लेकिन उसके विषय मे उन्होन कुछ भी नही लिखा है। कारण स्पष्ट न होने से लोग यह नही समझ पा रहे हैं कि आखिर अचानक ऐसी क्या स्थिति निर्मित हो गई कि उनके पति को चुनाव के ठीक पहले इस प्रकार का पोस्ट करना पड़ा है। जानकारो का कहना है कि संभवतः पिछले चुनाव के पहले दोनो के बीच एक पंचवर्षीय तक ही राजनैतिक क्षेत्र में कार्य करने की बात थी लेकिन अब श्रीमती अंबिका सिंहदेव राजनैतिक क्षेत्र में ही रहना चाह रही हैं जिसके बाद ही संभवतःविवाद की स्थिति उत्पन्न हुई है। लंबे समय से संसदीय सचिव के पति का बैकुंठपुर क्षेत्र में न आना भी कई सवालो को जन्म देता है।
विवाद तो कारण नही?
पिछले महीने क्षेत्र में राजनीति के क्षेत्र में काफी उठापटक देखने को मिला हैं संसदीय सचिव और पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े के बीच भी प्रत्यक्ष तो नही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से काफी विवाद हुआ है। दोनो नेताओ के समर्थकों ने भी खूब आरोप प्रत्यारोप लगाये हैं। कुछ लोगो का कहना है कि हो सकता है इसी विवाद के बाद संसदीय सचिव के पति द्वारा इस प्रकार का पोस्ट किया गया है। तो वहीं कुछ जानकारो का कहना है कि अपने कार्यकाल में अंबिका सिंहदेव ने अपनी पार्टी में ही विरोधियों की लंबी फौज खड़ी कर ली है। आने वाला चुनाव उनके लिए आसान नही है शायद इस बात की भनक से यह पोस्ट लिखा गया हो। उक्त पोस्ट के बाद कई समर्थको ने श्री घोष से भी संपर्क करने की कोषिष की लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका। सूत्रों ने बतलाया कि बुधवार सुबह श्री घोष कोलकाता से लंदन के लिए रवाना हुए हैं और रवाना होने के ठीक पहले उन्होने इस प्रकार का पोस्ट किया जिसके बाद फ्लाईट में होने के कारण उनसे संपर्क नही किया जा सका।
मामला लोगो के समझ से परे
बुधवार सुबह सोषल मीडिया में उक्त पोस्ट के आते ही यह चर्चा का विषय बन गया, कांग्रेसी समर्थको के साथ ही अन्य लोग भी यह समझने में लगे रहे कि आखिर ऐसी क्या स्थिति निर्मित हो गई कि इस प्रकार का मार्मिक पोस्ट करना पड़ा है।
इसमें भी कहीं कोई राजनीति तो नही
संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के पति द्वारा किया गया यह पोस्ट संसदीय सचिव के लिए भी अब सवालिया निषान बन गया है। पूरे चार वर्ष क्षेत्र में जिस प्रकार की राजनीति संसदीय सचिव द्वारा की गई है वह किसी से छिपा नही है आज उनके खास समर्थक भी उनसे दूर हो चुके हैं। विपक्ष के कई लोगो का मानना है कि इस पोस्ट के पीछे भी संसदीय सचिव की कोई चाल हो सकती है। वे राजनीति के क्षेत्र में फ्लाप साबित हुई हैं,अब ऐसी संभावना नही है कि उनकी छवि में कुछ खासा सुधार हो आमजन भी संसदीय सचिव से काफी दूर हैं। पिछले बार के चुनाव में उन्हे सहानुभूति के आधार पर ही जीत मिली थी लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नही है। हो सकता है सहानुभूति बटोरने के लिए इस प्रकार का पोस्ट कराया गया हो। क्योंकि राजनीति के क्षेत्र में किसी भी संभावना से इंकार नही किया जा सकता।
जमकर वायरल हुआ पोस्ट
सोषल मीडिया पर पोस्ट करते ही लोगो ने इसे खूब वायरल किया बैकुंठपुर विधानसभा ही नही बल्कि कोरिया से लेकर एमसीबी व पूरे छत्तीसगढ के लिए भी यह फेसबुक पोस्ट चर्चा का विषय बन गया। उक्त पोस्ट की सच्चाई और उसमें छिपा रहस्य क्या है पोस्ट आखिर क्यो किया गया, यह तो संसदीय सचिव और उनके पति ही बता सकते हैं लेकिन पोस्ट के बाद संसदीय सचिव की राजनीति और रणनीति क्या होगी यह भविष्य के गर्त मे है। उक्त मामले में संसदीय सचिव से भी संपर्क करने की कोषिष की गई लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका। कयास लगाये जा रहे हैं कि जल्द ही इस विषय पर सामने आ कर वे अपना पक्ष रख सकती हैं।
सोशल मीडिया की कवायद कहीं सहानुभूति बटोरने का नया तरीका तो नहीं?
जिस प्रकार से बैकुंठपुर विधानसभा के वर्तमान विधायक पति ने सार्वजनिक तौर पर विधायिका को इस्तीफा देने के लिए कहा और उनके निजी सचिव से इस्तीफा में सहयोग करने की मार्मिक अपील की, कहीं यह सहानुभूति बटोरने का नया पैंतरा तो नहीं। यूं तो राजनीति में साम दाम दंड भेद सब नीति जायज है और जनता को अपनी ओर आकृष्ट करने के लिए नित नए नए तरीके इजाद किए जाते रहे हैं। परंतु भावनात्मक तरीके से ब्लैकमेल कर जनता को स्वयं के प्रति आकर्षित करने का यह तरीका नायाब है। हांलाकी इस्तीफा देने की बात जिस संदर्भ में कहीं गई है वह अभी तक सामने नहीं आ पाई है। परंतु लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाओं का दौर जारी है। जिसमें विगत दिवस बैकुंठपुर विधानसभा में हुए गाली गलौज और अपशब्द वाले राजनीतिक गर्मा गर्मी और नए पैंतरे बाजी से सहानुभूति बटोरने का तरीका लोगों में जन चर्चा का विषय बना हुआ है।