-सुखाई और मिराज के क्रेस होने का मामला
मुरैना ,31 जनवरी 2023 (ए)। ग्वालियर से उड़ान भरकर हवा में टकराने के बाद मुरैना के पहाडगढ़ जंगल में ध्वस्त हुये सुखोई-30 का एक इंजन गहरी खाई में मिला है। वायुसेना जांच दल द्वारा इसे निकालने की बीते 24 घंटों से कोशिश की जा रही है। क्रेस हुए सुखाई और मिराज का मलवा अभी भी मौके पर पड़ा हुआ है। पहाडग़ढ में विमान के टुकड़े करीब दो किलोमीटर तक फैले हुये हैं। जिन्हें वायुसेना का 20 सदस्यीय जांच दल एकत्रित करने का कार्य कर रहा है। सुखोई एक इंजन को निकालने के लिये वायुसेना का विशेष दल पहाडग़ढ़ पहुंच गया है। जिला प्रशासन द्वारा भी इस दल का सहयोग किया जा रहा है।
पहाडग़ढ़ मानपुर के जंगल में पिछले चार दिन से एयर फोर्स के जवान मिराज के समूचे भाग को एकत्रित नही कर पाये है क्यों कि खोज में उन्हें काफी पार्ट्स जंगल में दूर दूर तक फैले मिले हैं। वायुसेना के जांच दल को जंगल की एक गहरी खाई में बड़ा हिस्सा दिखाई दिया। इसे सुखोई-30 का एक इंजन बताया जा रहा है। जिसे विगत दिवस निकालने की कोशिश सफल नहीं हो पाई। आज सुबह ग्वालियर एयरवेश से एक बड़ा दल पहाडग़ढ़ पहुंच गया है। तकनीकी व मशीनों के सहारे इस इंजन को निकालने की कोशिश की जा रही है। देर शाम तक इस इंजन को निकालने की संभावना है। विदित हो कि 28 जनवरी की सुबह ग्वालियर एयरवेश से मिराज 2000 तथा सुखोई-30 नियमित अभ्यास उड़ान पर थे। अज्ञात तकनीकी खामियों के कारण पहाडग़ढ़ जजीपुरा के ऊपर यह दोनों विमान आपस में टकरा गये। जिससे सुखोई में आग लग गई और इसका एक बड़ा हिस्सा पहाडग़ढ़ के जंगलों में गिर गया वहीं विमान का अधिकांश भाग राजस्थान भरतपुर के जंगल में जा गिरा। जबकि मिराज का सम्पूर्ण हिस्सा पहाडग़ढ़ के जंगल में ही गिरा। विगत दिवस मिराज के मलवे से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर एक गहरी खाई में विमान का बडा हिस्सा दिखाई दिया। वायुसेना जांच दल ने इसे देखा अब इसे निकालने की मशक्कत की जा रही है। यह सुखोई-30 का एक इंजन बताया जा रहा है। सुखोई-30 में दो इंजन व दो पायलेट रहते हैं। दुर्घटना के बाद इसके दोनों पायलेट कॉकपिट से इजेक्ट होकर पैराशूट से जमीन पर आ गये थे।
चारों तरफ सुरक्षा का घेरा –
जिस जगह विमान गिरा था उसे हिस्से को चारों तरफ से वायुसेना की टीम ने चारों तरफ से घेर लिया है। ग्रामीण देखने के लिए पहुंच रहे है, लेकिन उन्हें आस-पास नहीं जाने दिया जा रहा है। सभी पर पाबंदी लगा दी गई है। वायुसेना के जांच दल ने अस्थाई शिविर लगा दिये हैं। अधिकारियों द्वारा विमानों के पाट्ॅस को एकत्रित किया जा रहा है।
बेंगलुरू की फोरेंसिक
लैब में होगी जांच –
पहाडग़ढ़ व भरतपुर से ट्रकों व हेलीकॉप्टर से वायुसेना स्टेशन पर एकत्र किए गए विमानों के ब्लैक बॉक्स व कॉकपिट के पार्ट्स की बेंगलुरू स्थित फोरेंसिक लैब में कराई जाएगी। इसके बाद ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए विमान कंपनियों को भेजा जा सकता है। प्रारंभिक पड़ताल के बाद वायुसेना के दिल्ली मुख्यालय पर वायुसेना स्टेशन, टैक्डी व कमान अधिकारियों की बैठक संभवत: अगले सप्ताह की जाएगी। प्रारंभिक पड़ताल व घायल पायलट से पूछताछ के बाद दुर्घटना के कारण कॉबेक्ट अभ्यास के दौरान मिराज व सुखोई के बीच कम दूरी रहना समझा गया है।
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