बैकुण्ठपुर/पटना@धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों के घर से बारदाना जप्त होने के दो दिन बाद समिति प्रबंधक,फड़ प्रभारी सहित अन्य के ऊपर एफआईआर हुआ दर्ज

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  • एफआईआर ना हो इसे लेकर समिति से लेकर थाना तक हुआ हो हल्ला फिर भी प्राथमिकी हुई दर्ज
  • समिति के कुछ नेता पुलिस को बरगलाने का भी किया प्रयास पर पुलिस ने दिखाई तत्परता मामला हुआ पंजीबद्ध
  • एक नेता के भाई का भी नाम आ रहा सामने पर दर्ज अपराध के अन्य में हो सकते है शामिल
  • क्या नेता के भाई को बचाने का हो सकता है प्रयास? एफआईआर में नाम ना आए इसलिए काफी ऊपर से आप फोन:सूत्र
  • गिरजपुर धन खरीदी केंद्र के कर्मचारियों के घर बारदाना पकड़ाने के बाद दूसरे समिति से कर्मचारी बुला सोमवार व मंगलवार को ही धान खरीदी
  • गिरजापुर धान खरीदी केंद्र में फर्जीवाड़ा, कर्मचारी के घर से 16 हजार 2 सौ बारदाने हुआ था जप्त
  • गिरजापुर समिति के कर्मचारियों को सोमवार पूरे दिन थाने में बैठाया गया
  • दुसरे समिति के कर्मचारी को बुलाकर धान खरीदी कराना क्या सही फैसला?
  • बुलाया भी उस समिति से कर्मचारियों को जहां पहले से ही विवाद चल रहा है
  • एक बार फिर गिरजापुर धान खरीदी केंद्र में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आया मामला सामने

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर/पटना 31 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। गिरजपुर समिति के कर्मचारियों के घर से बारदाना पकड़ आने के 2 दिन बाद समिति प्रबंधक फाड़ प्रभारी सहित अन्य पर 420 का मामला हुआ पंजीबद्ध, यह मामला पंजीबद्ध ना हो इसे लेकर दूसरे समिति के प्रबंधक व समिति कर्मचारियों के नेता गिरजापुर समिति से लेकर थाने तक किया हो हल्ला और काफी दलीले दी और समिति प्रबंधक का बचाव करते नजारा है पर इनकी दलीलें काम नहीं आई पुलिस ने अंततः समिति प्रबंधक पर मामला पंजीकृत कर दिया पूरे दिन जोर आजमाइश चलती रही तर्क वितर्क चलता रहा पर यह साफ था कि मामले में गड़बड़ी तो हुई है पर इस एफआईआर व मामले के दौरान एक कांग्रेस नेता के भाई का नाम भी सामने आ रहा है जिसकी भी भूमिका इस मामले में संदिग्ध थी पर उसका ना एफआईआर में दर्द ना हो इसे लिए काफी ऊपर से फोन आया ऐसा सूत्रों का मानना है।
पुलिस अधीक्षक महोदय कोरिया त्रिलोक बंसल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय बैकुण्ठपुर श्रीमति कविता ठाकुर के निर्देशन पर तथा तहसीलदार बैकुण्ठपुर मनहरन सिंह राठिया के द्वारा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित गिरजापुर में प्रबंधक सुरेन्द्र राजवाडे फड़ प्रभारी दिनेश कुशवाहा व अन्य के द्वारा शासन की महत्वाकांक्षी व लोक कल्याणकारी धान खरीदी की योजना में बारदाना का फर्जीवाड़ा किया जाकर शासन को लाखों रूपये का विाीय क्षति पहुंचाया जा रहा है तथा शासन की क्षति धूमिल करने का कुत्सित कृत्य किया जा रहा है के संबंध में जाँच रिपोर्ट बारदाना जप्ती पंचनामा पेश करने पर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित गिरजापुर के प्रबंधक सुरेन्द्र राजवाडे फड़ प्रभारी दिनेश कुशवाहा व अन्य के खिलाफ थाना पटना में भारतीय दण्ड विधान के तहत धारा 409, 420, 467, 468, 120बी कायम कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया है।
पकड़े गए बारदाना को राइस मिलरों का बताकर बचने का कर रहे थे प्रयास
इतने भारी मात्रा में कर्मचारियों एक घर से जब बारदान जप्त हुआ इसके बाद बचने के लिए बारदाना को राइस मिलरो का बारदाना बताकर उनसे लिखवा कर भी ले आया गया था और स्टॉक सही है यह बता कर इस मामले से बचने का प्रयास किया जा रहा था पर यदि इनके घरों में राइस मिलरो का भी बारदाना था तो उन पर भी कार्यवाही होनी थी, आखिर राइस मिलरो ने कर्मचारियों को ही बारदाना क्यों दिया और इनके पास बारदाना कहां से आया? इन्होंने 4 कर्मचारी को ही बारदाना के देन को ही क्यों चुना? ऐसे तमाम तरह के सवाल थे जिसमे राइस मिलर का भी नाम आ रहा है तो उस पर भी मामला पंजीबद्ध होना चाहिए और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि पूरे मामले में राइस मिलर व समिति दोनों ही गड़बड़ी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
लंबे समय से बैठे धान खरीदी केंद्र में मठाधीश गड़बड़ी करने में एक्सपर्ट
1 नवंबर से शुरू हुआ था छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जो 31 जनवरी 2023 को थम जाएगा, हर साल धान खरीदी के समय गड़बड़ी की शिकायत आती भी है और मामला ठंडे बस्ते में चला भी जाता है, यह कोई आज की नई बात नहीं है बीजेपी के शासन से यह चलते आया है पर आज तक किसी पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, जिस वजह से हर साल धान खरीदी के समय गड़बड़ी होती आई है, धान खरीदी सहकारिता व प्रशासन की देखरेख में होता है और इन दोनों के सहयोग से धान खरीदी होती है पर सहकारिता अलग नियम से चलता है तो वहीं प्रशासन अलग नियम से और इन दोनों के बावजूद धान खरीदी केंद्र में गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हो जाती है, क्योंकि लंबे समय से बैठे धान खरीदी केंद्र में मठाधीश गड़बड़ी करने में एक्सपर्ट हो चुके हैं, उन्हें पकड़ पाना अच्छे-अच्छे के बस के बाहर रहा है, इस बार गिरजपुर धान खरीदी केंद्र में एक नया ही मामला आया है जिसमें समिति का बारदाना कर्मचारियों के घर से ही बड़े संख्या में बरामद हुआ। जिसके बाद तत्काल एफआईआर होना था पर एफआईआर में भी लेटलतीफी देखी गई, अब यह लेटलतीफी सेटिंग की वजह से हो रही है या फिर कर्मचारियों को बचाकर मोटी रकम वसूली के लिए हो रही है, यह एक अपने आप में सवाल है? बैकुंठपुर तहसीलदार द्वारा कर्मचारियों के घर से बारदाना जप्त कर कार्यवाही की थी इसके बाद जब सोमवार को धान खरीदी होनी थी तो समिति के कर्मचारियों को बिना एफआईआर के ही थाने में बैठा कर रखा गया और समिति का जब धान खरीदी प्रभावित होने लगा तो दूसरे समिति से कर्मचारी बुलाकर नियम विरुद्ध तरीके से धान खरीदी कराया गया, ऐसा क्यों किया गया इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
तहसीलदार बैकुंठपुर एमएस राठिया ने कर्मचारियों के घर से 16200 बारदाना किया था जप्त
ज्ञात हो की कोरिया जिले में शासन की गाइड लाइन के अनुसार धान की खरीदी नही हो रही है। समिति प्रबंधक फर्जीवाड़ा कर शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फ़ेर रहे हैं। जिससे किसानों में नाराज़गी व्याप्त है, वहीं शासन को करोड़ों का चूना लग रहा है। गत 01 नवम्बर से प्रारंभ धान खरीदी 31 जनवरी तक होगी। ताज़ा मामला जिले के गिरजापुर धान खरिदी केन्द्र है। जहां बडे पैमानें पर सिर्फ कागजों में फर्जी खरीदी की गई है। शिकायत मिलने पर कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह के निर्देश पर तहसीलदार बैकुंठपूर एम. एस. राठिया के नेतृत्व में गिरजापुर धान खरीदी समिति में छापामार कार्यवाही की गई। इस दौरान चार घरों से 16 हजार 2 सौ बारदाने जप्त किये गए। जिससे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की आशंका है। कार्यवाही के दौरान हल्का पटवारी गिरजापुर योगेश गुप्ता, हल्का पटवारी संजय सूर्यवंशी, हल्का पटवारी रानु कुर्रे, हल्का पटवारी शकुंतला सिंह की टीम द्वारा गिरजापुर समिति के कर्मचरियो के अलग अलग ठिकानो मे छापामार कार्यवाही की गई। कार्यवाही के दौरान उमेश देवांगन के घर से 7000 बारदाना, दिनेश कुशवाहा के घर से 2000 बारदाना, ईश्वर साहू के घर से 7000 बारदाना व उमेश कुशवाहा के घर से 200 बारदाना मिला। अभी तक टीम द्वारा कुल 16200 बारदाना जप्त किया गया। कार्यवाही के बाद तहसीलदार बैकुंठपुर एमएस राठिया द्वारा पंचनामा व प्रतिवेदन अगली कार्यवाही के लिए भेजा गया है।
यह थी इनकी योजना
बताया जाता है कि मिलर को धान के बदले 1700 रु. प्रति मि्ंटल भुगतान कर डीओ मैनेज किया गया है। समिति मे बारदाने का स्टाक बराबर करनें के लिए व फर्जी खरीदी करने हेतु लगभग 16 हजार बारदाना समिति के कर्मचारियों के घर रखा गया था। जिसकी शिकायत मिलने पर कलेक्टर कोरिया के निर्देश पर बैकुण्ठपुर के तहसीलदार मनहरण सिंह राठिया गिरजापुर जांच हेतु पहुंचे थे। पूर्व मे भी गिरजापुर समिति की शिकायत कलेक्टर कोरिया से की गई थी। वह मामला अभी तक दबा हूआ है। गत 25 नवम्बर को भी निरीक्षण के दौरान टोकन में गड़बड़ी पाये जाने पर गिरजापुर समिति पहुंचे कलेक्टर विनय लंगेह ने जांच व कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
समिति प्रबंधक शासन-प्रशासन की मंशा पर फ़ेर रहे पानी
शनिवार 28 जनवरी को कलेक्टर कोरिया के निर्देश पर गिरजापुर पहुंचे तहसीलदार मनहरण सिंह राठिया ने 4 घरों में मारा छापा। जहां से अब तक लगभग 16 हजार 2 सौ बारदाने बरामद किए गए हैं। यदि इन्हें जोड़ें तो धान खरीदी में शासन-प्रशासन को लगभग डेढ़ करोड़ रु. का चूना लगाया गया है। कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह व राजस्व अधिकारियों द्वारा लगातार जिले की धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके बावजूद जिले में शासन की गाइड लाइन के अनुसार धान खरीदी नही हो पा रही है। समिति प्रबंधक शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फ़ेर रहे हैं। फर्जी धान खरीदी के साथ टोकन व तौल से लेकर हमाली तक में समिति प्रबंधकों द्वारा मनमानी की जा रही हैं।
किसान हितैषी भूपेश सरकार योजनाएं तो लाती है किन्तु अधिकारियों व समिति प्रबंधकों की लापरवाही से फेल हो जाती है
विदित हो कि छत्तीसगढ़ की किसान हितैषी भूपेश सरकार योजनाएं तो लाती है किन्तु अधिकारियों व समिति प्रबंधकों की लापरवाही से सब फेल हो जाती है। जिले के धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी को लेकर किसान काफी परेशान हैं। धान खरीदी केंद्रों में अधिक तोल के साथ पल्लेदारी के नाम पर भी किसानों से राशि वसूली जा रही है। खरीदी प्रबंधकों पर आरोप है कि वो धान खरीदी में गड़बड़ी कर किसानों व सरकारी खजाने को लूट रहे हैं। किसानों ने बताया कि अधिकांश खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों द्वारा भारी अनियमितता किया जा रहा है। खरीदी केंद्र में पहुँचनने वाले किसानों से 40 किलो प्रति बोरा धान की जगह 41 किलो प्रति बोरा धान लिया जा रहा है। और किसानों से ही धान पलटी, छल्ली लगाना सहित अन्य कार्य कराकर शोषण किया जा रहा है। टोकन व पर्ची बिना चढ़ोत्तरी के नही मिल पा रही है। किसानों का आरोप है कि कम बारिश के चलते वो मुश्किल से फसल पैदा कर पाए हैं, जिसे समर्थन मूल्य में बेचने, धान खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां तुलाई में धान का अधिक वजन लिया जा रहा है। साथ ही हम किसानों से हमाली का भी कार्य कराया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों को किसी प्रकार परेशानी न हो इसकी पूर्ण व्यवस्था की है और नियम भी निकालें हैं। पर समिति में नियुक्त खरीदी प्रभारी नियमो को ताक पर रखकर किसानों का शोषण करने लगते हैं। यह बिल्कुल गलत है। यह कि प्रति मि्ंटल 09 रुपये की दर से प्रत्येक सोसाइटी में छल्ली बोरा पलटी के लिए व्यवस्था की गई है। किसान धान में जो बोरी पलटी करते हैं वो कार्य सब समिति प्रबंधक का है। क्योंकि सरकार के द्वारा इसकी पूरी व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ में गत 01 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ की गई थी जो कि 31 जनवरी तक चलेगी।
कही फिर मामला ठंडे बसते में तो नहीं चल जाएगा
आखिर इतने भारी मात्रा में बारदाना कर्मचारी के घर क्या कर रहा है? क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी या फिर जो संभावना जताई जा रही उसके अनुसार मिलर और समिति प्रबंधक लाखों का वारा न्यारा कर लेंगे? जानकारी के मुताबिक बैकुण्ठपुर तहसीलदार मनहरण सिंह राठिया गिरजापुर जांच के लिए पहुंच तो गए हैं पर जांच कितने निष्पक्ष होगी इस पर सवाल बरकरार है क्योंकि कई बार ऐसी शिकायतें आई हैं और जांच ठंडे बस्ते में ही देखा गया है बचाने का प्रयास ज्यादा कार्यवाही करने का प्रयास कम ही दिखता है। पूर्व मे भी गिरजापुर समिति की शिकायत कलेक्टर कोरिया से की गई थी, वह मामला अभी तक दबा हूआ है और संभावना है कि दवा ही रहेगा क्योंकि किसी को भी दिलचस्पी नहीं है ऐसा लगता है कि सभी का हिस्सा बराबर मिल रहा है समस्या तो सिर्फ किसान की है, परेशान तो सिर्फ किसान को होना है बाकी समिति के कर्मचारी से लेकर तमाम लोगों को तो सिर्फ लाभ ही होना है, पूरे साल भर समिति को धान खरीदी का इंतजार होता है और हो भी तो क्यों ना हो क्योंकि यही तो वह समय होता है जब लाखों कमाया जा सकता है इसके बाद तो फिर आराम से खाने के दिन रहते हैं।


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