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पटना@उपेंद्र कुशवाहा के काफिले पर हमला

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युवकों ने फेंके पत्थर, सुरक्षाकर्मियों से हुई झड़प
पटना,30 जनवरी २०२३(ए)। जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विटर के माध्यम से उनके काफिले पर हमले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भोजपुर जिले के जगदीशपुर में नयका टोला मोड़ के पास से गुजर रहे काफिले में शामिल उनकी गाड़ी पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक पत्थर से हमला कर दिया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने जब उनका पीछा किया तो सभी हमलावर भाग निकले।
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा डुमरांव में पूर्व विधायक दाऊद अली के श्रद्धांजलि कार्यक्रम से आरा के रास्ते पटना लौट रहे थे। इस दौरान आरा के जगदीशपुर में नायका टोला मोड़ के पास उपेंद्र कुशवाहा के काफिले को काले झंडा दिखा रहे कुछ युवकों के साथ उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों की झड़प हो गई। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर उन पर हमले की जानकारी दी है।
अभी भोजपुर जिला के जगदीशपुर में नयका टोला मोड़ के पास से गुजर रहे काफिला में शामिल मेरी गाड़ी पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक हमला कर दिया, पत्थर फेंका। सुरक्षाकर्मियों के दौड़ने पर सभी भाग निकले।
युवकों का कहना- लोकतांत्रिक रूप
से कर रहे थे विरोध
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को काला काला झंडा दिखा रहे युवकों का कहना है वे लोग लोकतांत्रिक तरीके से विरोध -प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के साथ चल रहे लोगों ने उन लोगों के साथ मारपीट की, जिसमें दो युवकों को सिर में चोट आई है।
उपेन्द्र कुशवाहा को काला झंडा दिखाएं जाने के बाद हुई झड़प, चले लाठी- डंडे
इधर, उपेन्द्र कुशवाहा के विरोध कि‍ए जाने के बाद दो गुटों के समर्थकों के बीच सरेआम लाठी-डंडे चले, जिसका का लाइव वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। पुलिस ने मौके पर मोर्चा संभाल रही है। घटना जगदीशपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की है। उपेन्द्र कुशवाहा ने गाड़ी पर ईंट-पत्थर से हमला करने का आरोप लगाया है। वहीं, इस झड़प में अशोक कुशवाहा और प्रेम कुशवाहा को चोटें आई हैं, जिन्हें लाठी से पीटा गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने
मीडिया को दिया बयान
पूरे मामले पर उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वे जगदीशपुर गांव के नयका टोला के पास पहुंचे थे, जहां कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे थे। वहां से आगे जाने के क्रम में अचानक उनकी गाड़ी पर पत्थर फेंके जाने लगे। इससे वे सोच में पड़ गए कि आखिर हुआ क्या है। आगे उन्होंने बताया कि जब उनकी गाड़ी प्रदर्शन स्थल से थोड़ी आगे बढ़ी और उन्होंने गाड़ी वहीं रुकवा दी, जहां कुछ असामाजिक तत्व विरोध कर रहे थे। जब सुरक्षाकर्मी काफिले से उतरे तो असामाजिक तत्व वहां से भाग गए।


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