नई दिल्ली@राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का राष्ट्र के नाम संदेश

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बोलीं-हम विभाजित नहीं बल्कि एकजुट हुए
राष्ट्रपति मुर्मु ने देशवासियों को दी गणतंत्र दिवस की बधाई
राष्ट्रपति मुर्मु ने अनेकता में एकता का दिया उदाहरण
नई दिल्ली,25 जनवरी 2023 (ए)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु परंपरा को कायम रखते हुए 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी।
देश के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब देश एक संप्रभु राज्य बन गया था। उत्सव के हिस्से में कर्तव्य पथ पर पारंपरिक मार्च पास्ट शामिल है, जिसमें सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की टुकडç¸यों द्वारा भव्य परेड शामिल है।
राष्ट्रपति ने बहादुर जवानों
को किया नमन
राष्ट्रपति ने देश के लिए शहीद जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा, मैं उन बहादुर जवानों की विशेष रूप से सराहना करती हूं जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और किसी भी त्याग तथा बलिदान के लिए सदैव तैयार रहते हैं। देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले समस्त अर्ध-सैनिक बलों तथा पुलिस-बलों के बहादुर जवानों की भी मैं सराहना करती हूं।
राष्ट्रपति ने किसानों
और मजदूरों की भूमिकाओं को सराहा
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, मैं किसानों, मजदूरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भूमिकाओं की सराहना करती हूं जिनकी सामूहिक शक्ति हमारे देश को “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” की भावना के अनुरूप आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है।
राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन की तरफ खींचा ध्यान
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, मेरे विचार से जलवायु परिवर्तन ऐसी चुनौतियां हैं, जिनका सामना शीघ्रता से करना है। वैश्विक तापमान बढ़ रहा है और मौसम में बदलाव के चरम रूप दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए हमें प्राचीन परम्पराओं को नई दृष्टि से देखना होगा। हमें अपनी मूलभूत प्राथमिकताओं पर भी पुनर्विचार करना होगा। परंपरागत जीवन-मूल्यों के वैज्ञानिक आयामों को समझना होगा।
जी-20 की अध्यक्षता
भारत को मिलने पर
राष्ट्रपति ने जताई खुशी
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष भारत जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। जी-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है।
सशक्तीकरण को लेकर
बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सशक्तीकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित, कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है। वास्तव में हमारा उद्देश्य न केवल उन लोगों के जीवन की बाधाओं को दूर करना और उनके विकास में मदद करना है, बल्कि उन समुदायों से सीखना भी है।
देश के भविष्य में अधिकतम योगदान देंगी महिलाएंः राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि महिला सशक्तीकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रह गए हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर डाला प्रकाश
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। उन्होंने कहा कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाः राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हम शीघ्र ही मंदी से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।
राष्ट्रपति ने भारत को बताया आत्मविश्वास से भरा हुआ देश
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने अनेकता में एकता का दिया उदाहरण
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं। इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है बल्कि हमें जोड़ा है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं। यही भारत का सार-तत्व है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने
देशवासियों को दी गणतंत्र दिवस की बधाई
राष्ट्रपति मुर्मु ने 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम संबोधन में कहा कि देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।


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