एमसीबी/चिरमिरी @विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों के चेहरे पर आई मुस्कान,प्रोग्रेसिव युटिलाईजेशन ऑफ रिसर्च एंड ईकानामिक्स ग्रुप ने दी दस्तक

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छःग की राजधानी रायपुर से डॉ. सत्यजीत साहू के साथ चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने शिविर लगा किया स्वास्थ्य प्रशिक्षण दी दवाईयां

एमसीबी/चिरमिरी 23 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। भारत देश की आजादी के बाद बने सविधान में जिन बातों को प्रमुखता से अंकित किया गया है आज उन बातों पर हमारा समाज और वर्तमान परिवेश किसी भी रूप में उन बातों को स्वीकारने में अपनी कोई रूचि नहीं रखता चाहे वह मनुष्य के जीवन से जुडी कोई भी चीजें हो पर आज की 21 वीं सदी मानों खुद एक नये सविधान को निर्माण करने में लगी है। देश के सविधान में हर जाती हर धर्म को पूर्ण रूप से आजादी का दर्जा दिया गया है पर आज तक किसी भी जाती धर्म को उन्नति,प्रगति, उनके जीवन में नये आयाम को कैसे बढ़वा दें इस पर कोई बल नहीं दिया गया और न ही इसपर कोई पहल दिखाई देती है। हर मनुष्य के जीवन में उसके स्वास्थ्य और शिक्षा की बढ़ती कमी उसको हर स्तर पर कमजोर बना रही है। देश के सविधान में सबसे बड़ी प्राथमिकता विशेष संरक्षित जनजाति पंडो जाती को दी गई है पर केवल कागजो में जमीनी स्तर इनके उथान की कोई भी चीजे नजर नहीं आती। इन जातियों को जागरूक करने इनके स्वास्थ्य सुदृण बनाने की एक अनोखी पहल बीते रविवार को देखने को मिली जहाँ प्रोग्रेसिव युटिलाईजेशन ऑफ रिसर्च एंड ईकानामिक्स ग्रुप की संस्था ने अपनी दस्तक देते हुए इनका स्वास्थ प्रशिक्षण किया और दवाइयां भी बाटी इस अनोखी पहल को मूलरूप देने के लिए छःग राज्य की राजधानी रायपुर से मधुमेह के स्पेस्लिस्ट चिकित्सक डॉ. सत्यजीत साहू एवं उनके चिकित्सकीय विशेषज्ञों के द्वारा विशेष शिविर लगा कर इस कार्य को अंजाम दिया। जिस पहल से विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों. के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली जिन्हें सबसे बड़ी जरुरत थी।जानकारी अनुसार संस्था के तत्वधान में और इसके संस्थापक के रूप में रायपुर के प्रसिद्ध मधुमेह चिकित्सक गुड विल हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ0 सत्यजीत साहू के द्वारा नवगठित जिला (एमसीबी) के ग्राम पंचायत-ठग्गांव के बहालपुर गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति समुह पांडो जाति के लोगो का चिकित्सा शिविर लगा कर निःशुक इलाज कर उन्हें दवाइयों का वितरण किया गया । शिविर में बड़ी संख्या में पांडो जनजाति के महिलाओ ने विशेष रुचि लिया गया। डॉ0 सत्यजीत साहू द्वारा बताया गया कि इस शिविर के माध्यम से मेरी टीम छाीसगढ़ मे निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगो में स्वास्थ्य प्रति जागरूकता पैदा करना साथ ही इन समूहों में छोटी-मोटी बीमारियों के प्रति भ्रांतियां को दूर करने का प्रयाश है। इस प्रकार की सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कैम्प लगा कर राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओ के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया जा रहा है। ताकि ये विशेष पिछड़ी जनजाति समूह इन योजनाओं के बारे जान सके और अच्छी स्वास्थ्य योजनाओ का लाभ उठा सके । शिविर के माध्यम इन जनजातीय समूह को खान-पान साफ सफाई के लाभ हानि के बारे में जानकारियां देने का उद्देश हैं। श्री साहू ने भी कहा की वह संस्था के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के स्वास्थ परीक्षण कर उन्हें स्वास्थ प्रति जागरूकता देना उद्देश्य हैं। जिससे उन्हें एक अच्छी स्वास्थ लाभ मिल सके। संस्था के माध्यम से लोगो को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी पहल करने की हर संभव कोशिश किये जायेंगे। आने वाले दिनों में संस्था समाज के बुद्धजीवी वर्ग, पत्रकारिता वर्ग, शिक्षक वर्ग को शामिल करते हुए उनके द्वारा दिये गए सुझाव को आर्थिक,सामाजिक दृष्टि से मजबूत करने की दिशा में पहल किया जाएगा किया जायेगा। आने वाले समय मे सरगुजा संभाग के प्रत्येक जिलों में संस्था पीयुआई के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या के साथ जो भी गतिविधियां संचालित की जाएगी उसकी रूप रेखा सरगुजा संभाग के संयोजक दिनेश कुमार यादव के द्वारा संस्था आपसे साझा करेगी। शिविर में स्थानीय नागरिकों में श्री नंदलाल, सुनिल शर्मा, सूरज दुबे, दिनेश कुमार यादव,अशोक श्रीवास्तव,अशोक पटेल, अशोक प्रधान, मंटू खेरवार, शिव वर्मा एवं आर यु संस्था रायपुर चैप्टर के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने इस विशेष शिविर में अपना सहयोग दिया।
प्रोग्रेसिव युटिलाईजेशन ऑफ रिसर्च एंड ईकानामिक्स ग्रुप के सरगुजा संभाग के संयोजक दिनेश यादव और शोयेब ने इस पहल को और भी अन्य विशेष संरक्षित जनजातियों के बीच करने का संकल्प लिया और डॉ सत्यजीत साहू की टीम का आभार प्रकट किया। उल्लेखनीय है की राज्य सरकार द्वारा इन विशेष जनजातियों को बचाने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं के द्वारा कार्य किये जा रहे है । एक अच्छी सोच के साथ हमारी संस्था का ये प्रयास है कि इन जनजातीय समूहों के सामाजिक के साथ – साथ इनके आर्थिक विकास में एक छोटा सी पहल कर पाए इसी उद्देश के साथ हमारी संस्था पीयुआरई इनके विकास में एक भागीदार बने।


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