- सोनू कश्यप –
प्रतापपुर, 19 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। क तरफ वन विभाग जंगलों को बचाने तथा पौधे लगाने जगह जगह वन महोत्सव का आयोजन कर ग्रामीणों को प्रेरित कर रही है, वहीं पर दूसरी ओर हरे भरे बेशकीमती पेड़ों को काटकर उस जगह पर कजा करने का सिलसिला दिन ब दिन लोगों में बढ़ता जा रहा है। फिर भी इसे रोकने विभाग कारगर साबित नही हो रही है। यही वजह है कि कभी पेड़ों से आच्छादित घने जंगल आज वीरान होकर मैदान में तदील हो रहे हैं।
धरमपुर परिक्षेत्र के ग्राम सिंघरा, दलदली, गौरा और बगड़ा के लगे जंगलों पर अवैध अतिक्रमण जारी हैै। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी बिल्कुल भी निष्कि्रय नजर आ रहे हैं, जिससे वन विभाग के बड़े भूभाग में अतिक्रमण जारी है।
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा पहले हरे भरे पेड़ों के निचले भाग के ऊपरी सतह में मौजूद छाल वाले भाग को टांगी से थोड़ा थोड़ा गहरानुमा काटकर अलग कर दिया जाता है, जिससे पेड़ के ऊपरी भाग में पानी, ऑक्सीजन सहित अन्य पोषक तत्व नहीं जा पाता है। जिस कारण पेड़ एक से दो माह में सूख जाता है। सूखने के बाद इसे काटकर गिरा दिया जाता है। कजाधारी ग्रामीणों में यह क्रम निरंतर जारी है।
धरमपुर वन परिक्षेत्र में इस प्रकार के दर्जनों साल के पेड़ों को सूखने के लिये छोड़ दिया गया है, जबकि वन भूमि पर कजा जमाने के लिये ग्रामीण जुताई कर रहे हैं। वन विभाग को जानकारी होते हुये भी इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शासन जब से वन भूमि पर काबिज आदिवासी वर्ग के लोगों को पट्टा प्रदान कर रही है, तब से आदिवासी वर्ग सहित अन्य वर्गो में वन भूमि पर कजा जमाने हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई करने की होड़ लगी है। इस सम्बंध में विजय कुजूर से फोन करने पर उन्होंने फ़ोन रिसिव नही किया।
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