- क्या 38 दिन के जद्दोजहद बाद उस तेंदुए को पकड़ने में वन विभाग को मिली कामयाबी जिसने ली कई ग्रामीण की जान?
- क्या सही में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ या कोई और तेंदुआ फसा पिंजरे में?
- तेंदुआ को पकड़ने के बाद भी तीसरे दिन और जारी रहेगा वन विभाग का रेस्क्यू
- पकड़े गए तेंदुए को कानन पेंडारी भेजा जाएगा
–रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 18 जनवरी 2023(घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को आखिरकार पकड़ लिया गया, 15 जनवरी को उसके हमले से एक व्यक्ति की मौत के बाद वन विभाग का सचिव स्तर से लेकर गार्ड स्तर तक की टीम उसकी खोज में लगी थी, बुधवार की सुबह तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिंजरे में फंस गया आदमखोर तेंदुए को कानन पेंडारी भेजा जाएगा पर वन विभाग के पिंजरे में एक तेंदुआ फस गया पर यह तेंदुआ वही तेंदुआ है जो लोगों की जान ले रहा था इसे लेकर वन विभाग भी संतुष्ट नहीं है जिस वजह से वह अभी भी 3 दिन और रेस्क्यू ऑपरेशन करेगा, क्योंकि इस क्षेत्र में कई और तेंदुआ है अब सवाल यह है कि जिस तेंदुए की वजह से लोग परेशान थे उनके जान पर आ पड़ी थी वह तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में फस या नही? इस समय यह कहना गलत होगा कि आदमखोर तेंदुआ ही वन विभाग के पिंजरे में फस गया है यदि वह तेंदुआ फस गया है तब तो राहत की बात है और यदि नहीं फसा है तो फिर से किसी ने किसी की जान ले सकता है ऐसी संभावना बनी हुई है संभावनाओं को देखते हुए ही वन विभाग अभी भी सचेत है। बुधवार सुबह राहत भरी खबर आई है दहशत का पर्याय बना तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिजरे में फंस गया, वन अमले के साथ क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली, बीते एक सप्ताह से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी, वनविभाग की ओर से आदमखोर तेंदुए की लगातार निगरानी की जा रही थी,आदमखोर तेंदुए को पकड़ने पहले बकरी फिर मुर्गा और अब कुत्तो को चारा बनाया गया था।
15 जनवरी की घटना के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग में हलचल हुई थी तेज
मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में बीते एक महीने से तेंदुए का आतंक था, आदमखोर तेंदुआ अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है, वहीं एक को गंभीर रूप से घायल कर चुका है, 15 जनवरी को हुई घटना के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग में हलचल तेज हुई, घटना के दूसरे दिन वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ जनकपुर पहुंचे, सीसीएफ सरगुजा के साथ वन्य प्राणी के सीसीएफ, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक और मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ दो दिन से तेंदुए की खोज में जनकपुर में डेरा डाले रहे।
खोजी कुत्तो की भी ली गई मदद
तेंदुए की खोज के लिए वन विभाग ने पूरा जोर लगाया. खोजी कुत्तो की मदद ली गई, तेंदुए पर नजर रखने और उसे ट्रेंकुलाइज करने दो टीम मौके पर थी, वहीं तमोर पिंगला से एक हाथियों को मंगाया गया, जिस पर बैठकर टीम तेंदुए के करीब जाकर उसे बेहोश करती, हालांकि हाथी की मदद लेने से पहले ही आदमखोर तेंदुआ पकड़ लिया गया।
बकरी के बाद पिंजरे में रखी गई मुर्गी
बकरी के बाद पिंजरे में रखी गई मुर्गी बीते 15 दिन से वन विभाग तेंदुए को पकड़ने की जुगत लगा रहा था. पहले पिंजरे में बकरी को तेंदुए के आहार के रूप में रखा गया. उसके बाद वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि “बाघ और तेंदुआ बकरी को अपना आहार नहीं बनाता, उसे मुर्गा या कुत्ता काफी पसंद है, फिर मुर्गे को पिंजरे में रखा गया, लेकिन तेंदुए ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, अब उसके लिए एक कुत्तो पिंजरे में रखा गया है, इसे शिकार बनाने में तेंदुआ पिंजरे में फंस गया।
आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के बाद तीसरे दिन भी शुरू हुआ रेस्क्यू
तैमोर पिंगला अभ्यारण से आये हाथी से की जाएगी फुट पेट्रोलिंग अभ्यारण से आई है 11 लोगो की टीम। जंगल सफारी और कानन पेंडारी से आये है वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट। एक तेंदुए पिंजरे में फसने से एक्सपर्ट की टीम सतर्क। दो और तेंदूए की पग मार्क मिले सर्चिग जारी है।
मुर्गे की लालच में वन विभाग के पिंजरे में में फंस तेंदुआ
मनेन्द्रगढ वन मंडल के जनकपुर परिक्षेत्र में पिछले 38 दिनों से दहशत फैलाने वाले आदमखोर तेंदुआ आखिरकार मुर्गे की लालच में वन विभाग द्वारा बिछाए गए जाल में फंस ही गया। तेंदुए के पकडे जाने से वन विभाग की टीम व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। तेंदुए को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम लगातार प्रयास कर रही थी। तेंदुआ को रायपुर जंगल सफारी भेजा गया है।
डाग नेरो की मदद से फसा तेंदुआ
लोकनाथ पटेल डीएफओ ने कहा वन विभाग की टीम ने तीन जाल नौढिया और सिंगरौली में लगाया था हर पिजड़े में मुर्गा रखा गया था। इसके अलावा तेंदुए को पकडने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व के डाग नेरो की भी मदद ली गई। नेरो ने ही तेंदुए के पंजे के निशान को सूंघकर उस जगह पर टीम को ले गया, जहां तेंदुआ था इसी के करीब पिंजरे को रखा गया था। पिंजरे के अंदर मुर्गे को बांध दिया गया था। इसी को खाने के लालच में तेंदुआ फंस गया। इस आदमखोर तेंदुए की वजह से यहां के ग्रामीणा काफी दहशत में थे।
आदमखोर तेंदुए ने तीन लोगों मारने के साथ एक मासूम को घायल कर चुका था। 15 जनवरी को इसके हमले से कुंवारी ग्राम के रमदमन बैगा की मौत हो गई थी। घटना से नाराज ग्रामीणों ने शव का पीएम न कराने की जिद पर अडे थे। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की थी कि तेंदुए को पकड़ा जाए या फिर उसे मार दिया जाए।
रविशंकर सिंह, जिला पंचायत सदस्य