बैकुण्ठपुर@बीजेपी स्थानीय विधायक के कौन से निवास का करेंगी घेराव?

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  • महल विधायक का निवास नहीं, क्या बीजेपी निवास स्थान समझकर करेगी घेराव?
  • भाजपा बैकुंठपुर विधायक के किस निवास का करेगी घेराव जबकि महल विधायक का निवास नहीं है
  • पूर्व मंत्री के बयान को एडिटिंग कर गलत तरीके से प्रस्तुत करने का भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया है आरोप
  • पूर्व मंत्री पर गलत आरोप लगाकर बिना अनुमति पूर्व मंत्री का पुतला दहन किया कांग्रेस ने,भाजपा का यह भी है आरोप
  • आज 19 जनवरी को बीजेपी वीडियो एडिटिंग कर बिना अनुमति पुतला दहन के मामले में विधायक निवास का घेराव करने का निर्णय लिया है
  • कांग्रेस की महिला नेत्रियों ने अपने कंधे पर निकाली थी पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े की शवयात्रा
  • अब शवयात्रा और पुतला दहन मामला कांग्रेस को ही पड़ने वाला है भारी

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 18 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के भाजपाइयों द्वारा स्थानीय विधायक का निवास घेरने का निर्णय लिया गया है पर इस निर्णय में सवाल भी कई उठ रहे, बड़ा सवाल यह है कि जहां विधायक निवासरत है वह उनका स्थाई नहीं आस्थाई निवासी है, वही शासन द्वारा निवास अधिकृत किया गया है वह रायपुर में हैं क्या ऐसे में भाजपा रायपुर जाकर विधायक का निवास घेरेंगे या अस्थाई निवास याने की महल को ही घेरेंगे? आखिर जहां विधायक अभी निवासरत है वह महल के नाम से जाना जाता है और यह महल राजा साहब का बताया जाता है, ऐसे में सवाल यह उठता है की महल भी राजनीति का शिकार होगा और विधायक की वजह से, क्योंकि कुमार साहब के रहते हुए कभी भी ऐसी नौबत नहीं आई थी, हमेशा ही महल को सम्मान और इतिहास से जोड़कर ही देखा जाता है, जबकि स्थानीय विधायक का अधिकृत निवास तो रायपुर में है ऐसे में भाजपाई महल को ही स्थानीय विधायक निवास स्थल समझकर घेरेंगे? वही भाजपाइयों का कहना है कि विधायक अभी जहां निवासरत हैं हम तो उसे ही विधायक निवास मान रहे और यही सोचकर हम विधायक निवास घेरेंगे।

ज्ञात हो की कोरिया जिले की राजनीति में जैसे जैसे अब विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे पक्ष विपक्ष की तकरार भी बढ़ती हुई देखी जा रही है। कोरिया जिले में जिला विभाजन उपरांत वैसे तो कुल एक ही विधानसभा शेष बचा है लेकिन एक ही विधानसभा में पक्ष विपक्ष की तकरार इतनी तेज हो चुकी है की अब आभास होने लगा है की चुनाव नजदीक है और अब जनता के सामने खुद को साबित करने का वक्त आ गया है और एक दूसरे को परस्पर गलत ठहराकर आगे बढ़ने और जनता की नजर में श्रेष्ठ बनने का यही सही मौका है और जनता का अभी आंकलन चुनाव को लेकर जारी हो गया है और जनता भी अब अपने लिए आगामी चुनाव में किसे प्रतिनिधि चुनना है यह सोच विचार कर रही है। कोरिया जिले में सत्ताधारी दल और विपक्ष की आपसी तकरार अभी हालिया दिनों में तेज हुई है और यह तबसे और अधिक तेज हुई है जबसे उप चुनाव जो जिला पंचायत सदस्य का उप चुनाव था जिसमें सत्ताधारी दल को भाजपा से करारी शिकस्त मिली और सत्ता में रहकर भी कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ और पार्टी समर्थित प्रत्याशी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
क्या उप चुनाव में बड़ी हार के बाद सत्ताधारी दल उग्र हो गया?
उप चुनाव के परिणाम सामने आए और भाजपा के पूर्व बैकुंठपुर विधायक की पुत्रवधु को उप चुनाव में बड़ी जीत मिली और बस यहीं से सत्ताधारी दल खासकर विधायक को उग्र देखा जाने लगा और वह आक्रामक होती दिखीं और साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता भी आक्रामक नजर आने लगे जिसकी बानगी सोशल मीडिया पर भी देखने को मिली जहां यह यह देखने को मिला की हार को लेकर कांग्रेस के कई नेता खासकर युवा नेताओं को गहरा आघात लगा है और जिसके फलस्वरूप उनकी मानसिक स्थिति का सोशल मीडिया पर उन्होंने स्वयं उल्लेख किया है और जिससे जाहिर होता है की उन्हे बड़ा दुख हार का है। हार का ही दुख था सााधारी दल का जो सामने आया और उन्होंने खाली को गाली मानकर पूर्व मंत्री का पुतला बिना अनुमति जल्दबाजी में फूंक दिया और शवयात्रा भी निकलवा दी। वैसे जैसा की लोगों का कहना है की पूर्व मंत्री ने खाली ही कहा था जिसे गाली बताकर इस तरह प्रसारित किया गया जिससे महिला अपमान मानकर लोग अक्रोशित हों और सहानुभूति मिल सके।
क्या सहानुभूति जुटाने का पूरा उपक्रम उल्टा साबित हो रहा?
लेकिन सहानुभूति जुटाने का पूरा उपक्रम उल्टा साबित हो गया और जब यह बात स्पष्ट हो गई की पूर्व मंत्री ने गाली नहीं दी है लोगों की भी मानसिकता बदली और उन्होंने भी सत्ताधारी दल का इसे षडयंत्र माना और इसको लेकर उन्हे भी स्वीकार करना पड़ा की सबकुछ सहानुभूति के लिए किया गया और इसमें जो लोग भी सत्ताधारी दल के अगुवा बने सभी ने अपरिपम् राजनीति दिखाई और साबित किया की उन्हे राजनीति में अभी अनुभव कम है और उनकी इस गलती की सजा उन्हे ही भुगतनी पड़ेगी और इसका दुष्परिणाम भी पार्टी के हिस्से आएगा और हुआ भी वही पूरे मामले में भाजपा को मौका मिल चुका है और भाजपा साफ तौर पर कह रही है की पूर्वमंत्री के बयान की कहीं भी जांच करा ली जाए वह तैयार हैं और जांच में खाली शब्द ही सामने आएगा वह जानते हैं।
आज भाजपा करेगी विधायक निवास का घेराव
भाजपा ने पूरे मामले में विधायक निवास घेराव की चेतावनी दी है और 19 जनवरी को विधायक निवास भाजपा घेरने जा रही है जिसका ऐलान भी हो चुका है। पूर्वमंत्री के पुतला दहन सहित शवयात्रा निकाले जाने मामले में सत्ताधारी दल को एक और बड़ा नुकसान होने जा रहा है। पूर्व मंत्री के पक्ष में रजवार समाज सामने आया है और उसका कहना है की हिंदू रीति अनुसार शवयात्रा या शव दहन महिलाएं नहीं करतीं और कांग्रेस ने विरोध के दौरान महिलाओं को आगे कर महिलाओं से शवयात्रा निकलवाई जो की धर्मविरुद्ध है और रजवार समाज इससे आहत है। कुल मिलाकर कांग्रेस पूर्व मंत्री के विरोध में वह भी गलत बात पर विरोध मामले में यह भी भूल गई की पूरा रजवार समाज नाराज हो सकता है क्योंकि पूर्वमंत्री पर लगा आरोप ही झूठा है और यह वीडियो देखकर समझा जा सकता है।
भाजपा विधायक निवास के नाम पर क्या महल का करेगी घेराव
भाजपा पूर्व मंत्री के पुतला दहन मामले में बैकुंठपुर विधायक का निवास घेरने वाली है, बैकुंठपुर विधायक चूंकि महल में रहती हैं और उसी को उनका निवास माना जा सकता है ऐसे में क्या भाजपा महल को विधायक निवास मानकर घेराव करेगी। वैसे महल में फोटो खींचना मना है और बताया जाता है की महल में अनाधिकृत प्रवेश पर राजा साहब को अपत्ति रहती है और वह इसको लेकर नाराज भी रहते हैं। वैसे भाजपा विधायक निवास के नाम पर क्या महल का ही घेराव करती है या विधायक के प्रेमाबाग स्थित कार्यालय सह आवास का घेराव करती है यह देखने वाली बात होगी। वैसे महल के ही राजा ने वर्तमान विधायक को महल से राजनीतिक गतिविधि संचालित करने की मनाही की थी और उसी कारण विधायक को अपना कार्यकाल अन्यत्र प्रेमावाग में स्थापित करना पड़ा और जो प्रेमाबाग में स्थित है।
क्या महल का घेराव होने पर राजा हो सकते हैं नाराज?
जैसा की पिछले समय देखने और सुनने में आया की महल का अधिपत्य जिनके पास है या जो वर्तमान में राजा हैं उन्होंने महल में राजनीतिक गतिविधियां संचालित होने पर आपत्ति दर्ज की थी और तभी से विधायक कार्यालय प्रेमाबाग में संचालित हो रहा है और अब ऐसे में यह सवाल उठता है की क्या यदि भाजपा विधायक निवास मानकर यदि महल का घेराव करती है तो क्या राजा नाराज होंगे क्या वह इसको लेकर आपत्ति दर्ज करेंगे यह देखने वाली बात होगी।
स्वर्गीय डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव के कार्यकाल में कभी महल घेराव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी?
वैसे महल में ही रहकर कोरिया कुमार के नाम से प्रसिद्ध स्वर्गीय डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव ने भी अपनी पूरी राजनीतिक जिम्मेदारी निभाई और ऐसा उन्होंने कभी विपक्ष को मौका नहीं दिया की महल को घेरने का अवसर विपक्ष को मिल सके। कुल मिलाकर माना जाए तो बैकुंठपुर विधायक सहित उनके सलाहकारों ने विपक्ष को बेवजह बैठे बिठाए एक मौका दे दिया जिसको लेकर भाजपा अब अपना विरोध दर्ज करने जा रही है।


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