बैकुण्ठपुर@महल की बंद दरवाजों के बीच शिक्षकों ने बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण करा के क्या दिखाया व क्या सिखाया?

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  • क्या शिक्षक अपने आप को विधायक समर्थक समझकर महल पहुंचे शैक्षणिक भ्रमण की आड़ में?
  • महल पहुंचकर शैक्षणिक भ्रमण हुआ या फिर विधायक से मुलाकात
  • शैक्षणिक भ्रमण में महल जाकर बच्चों ने क्या सीखा?
  • शिक्षक शैक्षणिक भ्रमण कराने गए थे या फिर बच्चों को विधायक से मिलाने या फिर खुद विधायक से मिलने?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। कटकोना संकुल द्वारा सामान्य ज्ञान परीक्षा में सफल होने वाले बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए रविवार को कई जगह ले जाया गया , जिसमें शैक्षणिक भ्रमण स्थल में महल को भी शामिल किया गया पर सवाल यह है कि आखिर बंद महल में शिक्षक बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण में क्या दिखाने ले गए और उन्हें क्या सिखाया? शैक्षणिक भ्रमण का मतलब होता है भ्रमण के साथ बच्चों को ऐतिहासिक धरोहर से लेकर प्रकृति के संबंधित जानकारी व शिक्षा प्रदान करना, पर क्या महल पहुंचकर बच्चों को शैक्षणिक जानकारी में कुछ अपने लिए जुटाने के लिए मिला क्या शिक्षकों ने छात्रों को महल के विषय में कुछ समझाया जो उनके ज्ञान में वृद्धि करने वाला रहा? क्या विधायक के साथ फोटो शूट कराकर विधायक को दिखाया या फिर महल के बारे में भी कोई विस्तृत जानकारी दी गई या फिर महल की उपलब्धि बताई गई या फिर या कहा जाए तो महल का इतिहास क्या है यह बताया गया? वही चर्चा का विषय यह भी है की कांग्रेस से श्रद्धा रखने वाले शिक्षक खुद को विधायक का खास बताने के लिए महल को शैक्षणिक भ्रमण के लिए चुनने निर्णय लिए। मिली जानकारी के अनुसार 2 बस में तकरीबन 120 छात्र छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण में कटकोना से बसों द्वारा ले जाया गया था, एक बस अंगा से दूसरी बस कटकोना संकुल से 7.30 बजे अंगा से रवाना हुई सार 7.45 में पूटा 8.00 बजे कटकोना से दोनों बसें एक साथ जनपद सदस्य शिव शंकर सिंह की अध्यक्षता में रवाना हुई 8.30 में पटना में नाश्ता 9.30 बजे पैलेस 10.30 झुमका 12.00 बजे हंसदेव का उद्गम स्थल 2.00 गांगी रानी नटवाही 4.00 बजे वापसी हेतु रवानगी 7.00 बजे कटकोना वापसी का समय तय किया गया था पर महल जाने की वजह से काफी विलंब हुआ पर वापसी में काफी रात हो गई। महल में शैक्षणिक भ्रमण कम राजनीतिक नजारा ज्यादा देखने को मिला यही वजह थी कि बच्चों को महल में ही काफी विलंब हो गया।
कांग्रेस विचारधारा से जुड़े शिक्षक ने विद्यालय के छात्र छात्राओं को भी अपने राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग किया
जैसा की बताया जा रहा है की छात्र छात्राओं को भ्रमण पर बैकुंठपुर महल ले जाया जाए यह निर्णय कांग्रेस विचारधारा से जुड़े एक शिक्षक ने निर्णय लिया और उसी ने पूरे भ्रमण को राजनीतिक रूप दे दिया। जो भ्रमण अन्य जगहों पर जाकर होना था उसे महल तक ही विशेष रखा गया विधायक के समक्ष अपनी साख बनाने के लिए उक्त शिक्षक ने भ्रमण को व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षा से जोड़कर उसके उद्देश्य को ही धूमिल कर दिया जो चर्चा का विषय है।
बंद महल में छात्रों को आखिर क्या दिखाया गया,क्या उनके ज्ञान में वृद्धि के लिए उपयोगी रहा
महल आम लोगों के लिए नहीं खोला जाता।महल की बाहरी दीवारों के अलावा कुछ और भ्रमण करने वाले नहीं देख सकते यह महल की जिम्मेदारी संभालने वालों का कहना है वैसे आजकल तो महल में तस्वीर खींचना भी मना है फिर भी छात्र छात्राओं के समूह ने फोटो खींची और शिक्षकों भी तस्वीर खींची।वैसे महल को अंदर से देखने का अवसर मिलता और यदि अंदर की ऐतिहासिक चीजों महल के राजाओं की तस्वीरों सहित बच्चो को कुछ जानने को मिलता तो यह भ्रमण सार्थक रहता जबकि भ्रमण में महल के बाहर ही बाहर छात्र छात्राओं को घुमाया गया और फिर विधायक से मुलाकात कर महल से ले जाया गया। छात्र छात्राओं को महल के विषय में जानकारी नहीं दी गई यह भी बात सामने आई।
राजनीतिक लोगों की भी रही भ्रमण में उपस्थिति
छात्र छात्राओं के भ्रमण कार्यक्रम में राजनीतिक लोगों की उपस्थिति देखी गई। शैक्षिक भ्रमण को जितना हो सकता था एक शिक्षक ने अपनी महत्वाकांक्षा ने राजनीतिक रूप प्रदान किया। भ्रमण शैक्षणिक न होकर एक शिक्षक के राजनीतिक महवाकांक्षा का भ्रमण साबित हुआ यह कहना गलत नहीं होगा।

इन से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब से केबीसी में अमिताभ बच्चन ने सवाल पूछा और कई जगह पर खबरें छपी इसके बाद से महल के दरवाजे नहीं खोले जा रहे हैं पूरी तरीके से भी प्रतिबंधित किया गया।
संजय सिंह
पैलेस से अधिकारी


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