भाजपा ने नेशनल हाईवे पुल पेंटिंग मामले में घेराव का दी थी चेतावनी पर प्रशासन ने नहीं की कोई पहल फिर भी भाजपाई शांत क्यों?
क्या इस समय एमसीबी जिले में भाजपाई व कांग्रेसी दोनों निभा रहे भाईचारा?
भाजपा ने जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा,क्या जिम्मेदारी के बोझ से कंध झुक दिख रह,ऐसे में कैसे फतह करेंगे 2023?
क्या कांग्रेस से गठबंधन कर चल रही एमसीबी जिले की नई भाजपा टीम?
क्या उन्हीं को दिया जा रहा है अवसर,जो नेता जी के सामने नहीं उठा पाते सर?
-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़ 15 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। एमसीबी नया जिला बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बिना देर किए 2023 विधानसभा को देखते हुए तत्काल वहां पर नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया और नई टीम तैयार कराई, जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पहला उपचुनाव हुआ उसमें भी वह जीत दर्ज करने में असफल रहे, विपक्ष की भूमिका में भी वह बाकी जिला अध्यक्षों की तरह नहीं देख रहे जबकि सत्ता पक्ष का अंतिम दौर चल रहा है, जिलाध्यक्ष के कार्यों को लेकर भी अन्य पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है मनेंद्रगढ़ में नेशनल हाईवे पर स्थित पुल के वॉल पेंटिंग को लेकर इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ इस मामले में भी भाजपा के जिला अध्यक्ष ना जाने क्यों मौन रहे? जिसे प्रशासन ने भी गलत ठहराया था ऐसा लग रहा था कि वह कांग्रेस के नेताओं के हितेषी बन गए हैं और इस मामले में कुछ भी बोलना नहीं चाहते, इसी मामले में भाजपा ने पुल की वॉल पेंटिंग को पूर्व की तरह यथावत करने के लिए प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा धरने के चेतावनी के बाद भी प्रशासन ने नेशनल हाईवे पर स्थित पुल पेंटिंग को फिर से यथावत नहीं करा पाई, अभी तक कांग्रेस द्वारा लिखा है स्लोगन अभी भी भाजपाइयों को चिड़ा रहे, पर भाजपाई उस मामले में शांति बना लिए हैं ऐसा लग रहा है कि कोई विरोध हुआ ही नहीं था और जो कांग्रेसियों ने किया था वह भी सही था। जिस प्रकार से नए जिलाध्यक्ष को बने तकरीबन महीनो होने को है पर अभी तक उन्होंने अपना ऐसा कोई भी विपक्षी होने का कर्तव्य नहीं निभाया जिससे कि सत्तापक्ष बैक फुट पर खड़ी रहे।
क्या एमसीबी में भाजपाई अपनी हार की जिम्मेदारी लेंगे?
अनुशासन व संगठन की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी को एमसीबी जिले के गठन के बाद पहली बार हुए निकाय चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना, बड़ी हार के बावजूद अभी तक संगठन की ओर से किसी ने इस हर की जिम्मेदारी नहीं ली है, इससे समझा जा सकता है की पार्टी में किस तरह के लोग कब्जा जमाए बैठे हैं। बीते 9 सितंबर को छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरिया जिले से अलग कर नए मनेंद्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर जिले का शुभारंभ किया था, नया जिला बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी प्रदेश नेतृत्व द्वारा नये जिले की कमान अनिल केसरवानी को सौंपी गई, तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोचा था पार्टी की कमान एक अनुभवी नेता को सौंपी गई है इसका लाभ जिले के पार्टी कार्यकर्ताओं को मिलेगा, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद जिस तरह से पुराने और सक्रिय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर जिला कार्यकारिणी की घोषणा की उसे साफ हो गया की भाजपा जिला अध्यक्ष को पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
संगठन को मजबूत बना रहे या कमजोर?
कुछ लोगों को छोड़कर ऐसे लोगों को जोड़ लिया गया जिन्हे आज तक जिला मुख्यालय के कार्यकर्ताओं ने कभी किसी कार्यक्रम में ही नहीं देखा था, वही लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इस तरह दरकिनार कर दिया गया जैसे पार्टी अब किसी की जागीर हो गई हो, इतना ही नहीं लोगों को तब और आश्चर्य हुआ जब भारतीय जनता महिला मोर्चा के जिला की कमान एक ऐसी महिला को सौंप दी गई जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन आने वाले खर्चों को मैनेज करने के लिए, क्या भाजपा जिलाध्यक्ष में सोची-समझी रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी मंडल के अध्यक्ष धर्मेंद्र पटवा की पत्नी प्रतिमा पटवा को इस उम्मीद से महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष बना दिया की प्रतिमा को जिला अध्यक्ष बनाने से धर्मेंद्र पार्टी के पूरे खर्चा उठाते रहेंगे?
वॉल पेंटिंग को लेकर हुए विरोध में भाजपा के जिला अध्यक्ष अनिल केसरवानी का मौन रहना भी लोगों को हैरत में डाल रहा है
अभी कुछ दिनों पूर्व वॉल पेंटिंग को लेकर हुए विवाद में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष अनिल केसरवानी काम मौन रहना भी लोगों को हैरत में डाल रहा है, जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ता सड़क पर खड़े होकर पार्टी के लिए जूझ रहे थे, उस दौरान भी भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल केशरवानी प्रदर्शन स्थल से नदारद थे, कांग्रेस के तथाकथित नेता खुलेआम पार्टी कार्यकर्ताओं को अपशब्दों का प्रयोग करते रहे, उन्हें देख लेने की धमकी देते रहे, लेकिन लेकिन जिलाध्यक्ष जी के मुंह मैं जैसे किसी ने ताला लगा दिया हो, उनका इस बारे में कोई बयान नहीं आया, मानो उनके मुँह में दही जम गया हो, इसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ता काफी हैरत में रहे। कुछ दिनों के बाद वाल पेंटिंग के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल मनेंद्रगढ़ द्वारा शहर के गांधी चौक में विशाल, ” प्रतिकार सभा ‘” का आयोजन किया गया, इस सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेसी नेता द्वारा की गई बदजुबानी को आम जनता के सामने रखा, मंच पर पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस पर जमकर बरसे लेकिन जिला अध्यक्ष महोदय यहां से भी नदारद रहे, इतने बड़े मसले पर जिलाधीश के किसी तरह के बयान ना आने को लोग यह मान रहे हैं कि कहीं अंदर ही अंदर जिलाध्यक्ष और कांग्रेसी नेताओं ने कोई गठबंधन तो नहीं कर लिया।
भाजपा की करारी हार का जिम्मा लेंगे एमसीबी जिलाध्यक्ष?
मामला यहीं नहीं थमा इसके पूर्व ही निकाय में उप चुनाव की घोषणा हो चुकी थी जिसमें नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ के एक वार्ड और नगर निगम चिरमिरी के 1 वार्ड में उपचुनाव होना था, यहां भी नेता जी ने जिस तरह से चुनाव प्रबंधन किया उसका परिणाम यह रहा कि नेताजी मंच पर चढ़कर बड़ी-बड़ी बात करते रह गए और जनता ने भारतीय जनता पार्टी को आईना दिखा दिया, खराब चुनाव प्रबंधन का इससे बड़ा प्रूफ क्या हो सकता है की मतगणना के दौरान मनेन्द्रगढ़ में वार्ड क्रमांक 3 से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनिल कुमार चंदेल अकेले ही मतगणना कराने गए वहां से 310 मतों की करारी हार के बाद मतगणना स्थल से अकेले ही अपने घर लौटे, वहीं चिरमिरी में भी भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी, हालांकि इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष अपने चहेती टीम के साथ स्वामी विवेकानंद जी के बताए हुए मार्गों पर चलने का सुझाव युवाओं को दे रहे थे लेकिन वे खुद इस पर कितना अमल करते हैंचुनाव परिणाम से साफ समझा जा सकता है, इन सब बातों को लेकर जिले के कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है,जो कभी भी विस्फोट का रूप ले सकता है,क्योंकि माननीय जिलाध्यक्ष जी जिस तरह से जिला और मंडल की टीम में अपनी मनमानी दिखा रहे हैं उसमें कार्यकर्ताओं की उपेक्षा साफ देखी जा सकती है, मनेंद्रगढ़ -चिरमिरी -जनकपुर के कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है, ऐसे में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी नैया अगर मझधार में डूब जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी और उसके बाद नेताजी फिर अपना झोला उठाकर कहीं प्रवास पर निकल जाएंगे और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के हाथ से एक बड़ा अवसर निकल जाएगा।
एसडीएम को सौंप गया ज्ञापन, नहीं हुआ प्रदर्शन
एसडीएम को भारतीय जनता पार्टी द्वारा ज्ञापन सौंपा क्या पर स्थित ज्ञापन सौंपने तक ही बात रह गई उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है, इसके पहले भी नगरपालिका के घेराव के लिए दिया जाता है एसडीएम को ज्ञापन,तभी पीछे हट गई थी भाजपा, आखिर क्या समझे कार्यकर्ता।