बैकुण्ठपुर @जनपद उपाध्यक्ष के लिए विधायक को करनी थी चिंता,लेकिन जनपद उपाध्यक्ष के लिए जनपद अध्यक्ष कर रहीं हैं चिंता

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  • जनपद अध्यक्ष जहां भाजपा नेत्री वहीं जनपद उपाध्यक्ष कांग्रेस नेत्री,विधायक भी हैं कांग्रेस पार्टीे की
  • अध्यक्ष की ऊंची सोच, अपने दल की नहीं होने के बावजूद वह खड़ी हैं जनपद उपाध्यक्ष के पक्ष में
  • विधायक ने जनपद उपाध्यक्ष को छोड़ दिया है अकेला,जबकि कभी जनपद उपाध्यक्ष थीं विधायक की खास
  • एक तरफ जनपद अध्यक्ष का कद भाजपा में लगातार बढ़ रहा वहीं उपाध्यक्ष का कद कांग्रेस में घट रहा
  • जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के घटते कद की वजह भी नहीं आ रही सामने,आखिर क्यों विधायक ने कर रखा है उन्हे किनारे?
  • महिला होकर जहां महिला उपाध्यक्ष के पक्ष में खड़ी हैं जनपद अध्यक्ष वहीं विधायक ने उपाध्यक्ष से बना ली है दूरी?
  • कांग्रेस संगठन भी विधायक के इशारे पर जनपद उपाध्यक्ष से बना चुका है दूरी

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 14 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर में जनपद पंचायत अध्यक्ष भाजपा समर्थित नेत्री हैं वहीं उपाध्यक्ष कांग्रेस समर्थित महिला नेत्री वहीं यदि अध्यक्ष उपाध्यक्ष के बीच की जुगलबंदी की बात की जाए तो कोई देखकर नहीं कह सकता की दोनो दो अलग अलग राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखती हैं और परस्पर आपस में विरोधी दल से उनका नाता है। बैकुंठपुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष साथ ही उपाध्यक्ष अभी वर्तमान में सीइओ जनपद पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठी हुई हैं और दोनो जनपद क्षेत्र के समस्त सरपंचों के साथ जनपद सीइओ को हटाने अपने अडिग आत्मिविश्वास के सहारे डटी हुई हैं और लगातार सीइओ को हटाने वह अभियान भी चला रही हैं।
वहीं विरोध की असल वजह को लेकर कुछ कहना सही नहीं होगा क्योंकि सभी का अपना अपना इसको लेकर तर्क है जहां एक तरफ इसे सीइओ जनपद की ईमानदारी की वजह से उपजा गतिरोध बताया जा रहा है विरोध बताया जा रहा हैं वहीं यह भी पक्ष सामने आया है की ग्राम पंचायतों में मूलभूत कार्यों के लिए भी भुगतान नहीं हो पा रहा है इसलिए विरोध है सीईओ का और यह भी एक वजह है सीइओ के विरोध का। खैर वजह जो भी हो लेकिन जहां सीइओ के विरोध में भाजपा नेत्री एवम जनपद अध्यक्ष का अपनी ही पार्टी में कद बढ़ता हुआ नजर आ रहा है उन्हे पार्टी पूरा समर्थन दे रही है वहीं कांग्रेस नेत्री जनपद उपाध्यक्ष को पार्टी से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है और उन्हे अब जनपद उपाध्यक्ष के भरोसे अपना विरोध दर्ज करना पड़ रहा है जो देखने को भी मिल रहा है।
जनपद उपाध्यक्ष के पक्ष में जनपद अध्यक्ष भी डटकर खड़ी, वही कांग्रेस जिलाध्यक्ष के आंदोलन से किया किनारा
जनपद उपाध्यक्ष के पक्ष में जनपद अध्यक्ष भी डटकर खड़ी हैं और वह सीइओ को हटाकर ही दम लेंगी ऐसा उनका कहना भी है। वैसे यदि जनपद उपाध्यक्ष को उनके पार्टी का सहयोग मिलता बात बहोत आगे नहीं बढ़ती और बातचीत से ही समाधान निकल जाता लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं और बात बिगड़ी और आंदोलन तक की नौबत आई और जिसमे भाजपा नेताओं के साथ जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर के समर्थक कांग्रेस नेताओं ने भी आंदोलन में भाग लिया और अपनी ही सरकार में आंदोलन किया। आंदोलन की भनक और कांग्रेस पार्टी से लोगों के शामिल होने की जानकारी जिलाध्यक्ष कांग्रेस को होने पर उन्होंने मामले में कोई निष्कर्ष निकालने अपनी ही पार्टी की उपाध्यक्ष की साख बचाने कोई प्रयास नहीं किया बशर्ते उन्होंने पत्र जारी कर पार्टी को आंदोलन से अलग बता दिया और आंदोलन से किनारा कर लिया।
जनपद अध्यक्ष ने खुलकर जनपद उपाध्यक्ष का किया समर्थन
कांग्रेस जिलाध्यक्ष के आंदोलन से किनारा करने वाले पत्र के जारी करने के बाद जनपद उपाध्यक्ष जब अकेली पड़ गईं तब जनपद अध्यक्ष ने उनके साथ दिया और खुलकर उनके समर्थन में समाने आई और विधायक को लेकर सोशल मीडिया पर भड़ास निकाली। जनपद अध्यक्ष ने कहा की महिला उपाध्यक्ष के साथ वह खड़ी हैं जबकि विधायक को खड़ा होना था जबकि महिला उपाध्यक्ष के खिलाफ जनपद सीइओ ने एफआईआर का भी प्रयास किया था और उस समय भी विधायक को साथ होना था उपाध्यक्ष के जबकि उन्होंने साथ नहीं दिया। जनपद उपाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर विधायक को लिखा है की जब सीइओ जनपद बैकुंठपुर महिला उपाध्यक्ष से दुर्व्यवहार कर रहे थे उन्हे धमकी दे रहे थे तब विधायक सहित कांग्रेस के लोग मौन थे और अब जब उपाध्यक्ष सहित पूरे जनपद पंचायत क्षेत्र के सरपंच एकजुट होकर सीइओ का विरोध कर रहें हैं विधायक सहित कांग्रेस सीइओ के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है और उन्हे बचाने अब नया नया षड्यंत्र रच रही है।
जनपद उपाध्यक्ष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहीं हैं जनपद अध्यक्ष
जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर के साथ जनपद अध्यक्ष कदम से कदम मिलाकर चल रहीं हैं। ऐसा देखकर नहीं लगता की दोनो विपरीत राजनीतिक दलों से हैं और उनकी विचारधारा अलग है। जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष की जोड़ी आज बैकुंठपुर जनपद में दोस्ती की अजीब मिशाल बन चुकी है। जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं और उनकी ही वजह से भाजपा के नेता भी जनपद मामले में आक्रामक होने से खुद को नहीं रोक रहें हैं और जनपद अध्यक्ष का हर तरह से साथ दे रहें हैं वहीं जनपद अध्यक्ष भी उपाध्यक्ष को लेकर इतनी गंभीर हैं की वह उपाध्यक्ष के साथ हुए दुर्व्यवहार एवम उनको धमकी दिए जाने मामले में विधायक तक पर आरोप लगाने से पीछे नहीं हट रहीं हैं बशर्ते वह अत्यंत आक्रामक हो चुकी हैं जो सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। आज बैकुंठपुर जनपद अध्यक्ष जो की महिला हैं की आक्रामकता जो विधायक को लेकर दिख रही है वह विपक्ष को एक नई मजबूती प्रदान कर रही है और एक जुझारू महिला नेत्री भाजपा के खेमे में उपलब्ध है यह साबित करता उनका व्यवहार सामने आ रहा है।जनपद अध्यक्ष की सोच भी ऊंची कही जा सकती है जो वह अपने दल से नहीं होने के बावजूद भी जनपद उपाध्यक्ष के पक्ष में नजर आ रही हैं उनके लिए विधायक से भी वह टकराने तैयार हैं।
विधायक ने जनपद उपाध्यक्ष से कर लिया है किनारा
जनपद उपाध्यक्ष जो कभी विधायक की खास थीं जिनका पूरा परिवार जो आरंभ से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ था से कांग्रेस की विधायक ने किनारा कर लिया है ऐसा समझ में भी आने लगा है। विधायक जो बिना जनपद उपाध्यक्ष कहीं जाया नहीं करती थीं आजकल जनपद उपाध्यक्ष के बगैर ही सभी क्षेत्रों खासकर जनपद उपाध्यक्ष के क्षेत्र में भी भ्रमण पर नजर आती हैं जो आश्चर्यजनक भी लगता है। कुल मिलाकर विधायक ने जनपद उपाध्यक्ष से पूरी तरह किनारा कर लिया है यह समझ में भी आने लगा है। वहीं विधायक के जनपद उपाध्यक्ष से किनारा करने के बाद उनके साथ जनपद अध्यक्ष का मजबूत साथ नजर आ रहा है जो देखा जा रहा है।
कहीं भाजपा में शामिल न हो जाएं जनपद उपाध्यक्ष?
अपनी ही पार्टी में उपेक्षित जनपद उपाध्यक्ष कहीं भाजपा में प्रवेश न कर जाएं यह भी संभावना बनती नजर आने लगी है। यदि ऐसा होता है तो इसका पूरा श्रेय जनपद अध्यक्ष को जायेगा जिन्होंने मुस्किल समय में भी उपाध्यक्ष का साथ नहीं छोड़ा। भाजपा के लिए भी उपलब्धि होगी क्योंकि ऐन चुनावी वर्ष में एक मजबूत नेतृत्व महिला नेत्री के रूप में उन्हे मिल सकेगा जो कांग्रेस से टूटकर उन्हे मिलेगा। वैसे भी उपाध्यक्ष का कद कांग्रेस ने लगातार घटाया ही है।
कांग्रेस संगठन ने उपाध्यक्ष से बना ली है पर्याप्त दूरी
जनपद उपाध्यक्ष से कांग्रेस संगठन ने भी दूरी बना ली है और यह विधायक के इशारे पर हुआ है यह भी सामने आ चुका है। जनपद उपाध्यक्ष लगातार सीइओ जनपद का विरोध करती रहीं और उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई और इससे वह व्यथित भी हुईं यह भी देखा गया।


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