जिला पंचायत सदस्य उप चुनाव में भी सत्ताधारी दल का प्रदर्शन रहा खराब,तीसरे स्थान पर पहुंची पार्टी
सरडी माध्यमिक शाला व नगर माध्यमिक शाला पोलिंग बूथ पर कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
22 पोलिंग बूथ में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सिंगल डिजिट में सिमट गए
स्थानीय विधायक के नेतृत्व में बैकुंठपुर विधानसभा के चारों जिला पंचायत क्षेत्र में मिली हार, क्षेत्र क्रमांक 6 में दो बार मिली हार,क्षेत्र क्रमांक 6 व 7 में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर है
4 साल बीतने के बाद भी सत्ता दल के विधायकों का परफॉर्मेंस नहीं सुधरा परिणाम अच्छे नहीं
अविभाजित कोरिया जिले के तीनों विधानसभा में बैकफुट पर सत्ता दल के नेता
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 में कांग्रेस प्रत्याशी को मिली दुबारा हार, पहली बार तो टक्कर नजर भी आई थी लेकिन उप चुनाव में सत्ताधारी दल का प्रदर्शन इतना खराब रहा की उसे तीसरा स्थान मिला जो चर्चा का भी विषय बन चुका है जिले में क्षेत्र क्रमांक 6 के उपचुनाव में तो कांग्रेस को प्रत्याशी भी तलाशने में हुई थी मुश्किल, सही प्रत्याशी भी कांग्रेस नहीं उतर पाई मैदान में और जिसे उतारा भी उसके प्रचार में भी नहीं पहुंचे सत्ताधारी दल के विधायक व दिग्गज कांग्रेसी नेता परिणाम बुरी तरीके से मिली हार ठीकरा अपने सर फोड़ने के बजाय एक-दूसरे पर डालने की जुगत, सत्ता मिलने के बाद यदि बैकुंठपुर विधानसभा की बात की जाए तो बैकुंठपुर विधानसभा में जिला पंचायत के चार क्षेत्र आते हैं चारों क्षेत्रों में कांग्रेस को हार मिली थी दो क्षेत्रों में तो कांग्रेस तीसरे पायदान पर दिखी और क्षेत्र क्रमांक 6 ने तो एक अलग ही रिकॉर्ड बना दिया उपचुनाव में भी कांग्रेस को दोबारा वहां से हार का सामना करना पड़ा और हार भी ऐसी मिली की जमानत जप्त जैसी स्थिति नजर आई और कांग्रेस तीसरे स्थान पर पहुंच गई वहीं कुछ पोलिंग बूथ पर तो खाता ही नहीं खुला, 22 पोलिंग बूथ में सिंगल डिजिट में सिमट गए सत्ताधारी दल के प्रत्याशी, आंकड़े को देखकर तो यही लगने लगा है कि कांग्रेस के विधायक सत्ता हासिल करने के बाद ना जनपद बचा सके ना जिला पंचायत बचा सके और ना बचा सके नगरपालिका अब क्या 2023 में विधानसभा बचा पाएंगे यह सवाल बड़ा हो गया है।
विधायक के जनाधार पर लगा बड़ा प्रश्नचिन्ह
जिला पंचायत उप चुनाव में जिस तरह सत्ताधारी दल को पराजय का मुंह देखना पड़ा है उसको देखते हुए कहा जा सकता है की सत्ताधारी दल की विधायक कहीं न कहीं अपनी लोकप्रियता खोती जा रही हैं और उनका क्षेत्र में अब उतना जनाधार नहीं रह गया है जैसा की विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद सामने आया था। बैकुंठपुर विधायक जो छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव भी हैं के नेतृत्व में विधानसभा अंतर्गत जीतने भी महत्वपूर्ण चुनाव हुए सभी में सत्ताधारी दल को पराजय का मुंह देखना पड़ा जो साबित करता है की वर्तमान विधायक का जनता से नाता टूट चुका है और उन्हें जनता ने स्वीकार करना बंद कर दिया है। कम से कम उप चुनाव के नतीजे यही साबित कर रहें हैं जहां सत्ताधारी दल के समर्थित प्रत्याशी को इतने कम मत मिले की उससे ज्यादा मत गोंगवाना गणतंत्र पार्टी प्राप्त कर ले गई और कांग्रेस तीसरे स्थान पर पहुंच गई।
वरिष्ठ कांग्रेसजनों सहित कार्यकर्ताओं को नजरंदाज करना ही बैकुंठपुर विधायक की सबसे बड़ी भूल
बैकुंठपुर के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 में सदस्य के लिए हुए उप चुनाव में सत्ताधारी दल कांग्रेस का प्रदर्शन देखकर यही कहा जा सकता है की यह तो होना ही था,पहले जिला और जनपद पंचायत में पराजय फिर नगरपालिका में पराजय उसके बाद जिला पंचायत उप चुनाव में पुनः पराजय यह केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि बैकुंठपुर की वर्तमान विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ जनों सहित वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए हुए हैं। विधायक कांग्रेस पार्टी से ऊपर संगठन के नियमों से ऊपर साथ ही संगठन के कार्यों व निर्णय से ऊपर अपना निर्णय रखती हैं और वह अपने निर्णय को अपने ही निर्देशों को सही मानती हैं और इसीलिए यह हार लगातार हुई यह माना जा रहा है। वरिष्ठ अनुभवी नेताओं कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर चुनाव में जीत दर्ज करने की कोशिश ही विधायक की भूल मानी जा रही है और इसे ही हार का कारण माना जा रहा है।
कई पोलिंग बूथ पर नही खुला सत्ताधारी दल का खाता,कई मतदान केंद्रों में दहाई तक भी नहीं पहुंचा प्राप्त मतों का आंकड़ा
जिला पंचायत सदस्य के लिए संपन्न हुए चुनाव में सत्ताधारी दल के लिए खासकर बैकुंठपुर विधायक के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है की सत्ताधारी दल को कई मतदान केंद्रों में एक भी मत प्राप्त नहीं हुआ वहीं कई मतदान केंद्रों में सत्ताधारी दल के प्रत्याशी को इतना भी मत प्राप्त नहीं हो सका की वह दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। कुछ मतदान केंद्रों में खासकर जहां के निवासी थे सत्ताधारी दल के प्रत्याशी वहां स्थानीय होने का फायदा उन्हे जरूर मिला लेकिन कुलमिलाकर पूरा प्रदर्शन खराब ही रहा अच्छा नहीं रहा।
सत्ता के सेमीफाइनल मैच में हार का असर पड़ेगा विधानसभा चुनाव परिणाम पर
जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 सदस्य हेतु हो रहे उप चुनाव को सत्ता का मतलब विधानसभा चुनाव के ऐन पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा था जिसमे सत्ताधारी दल को बुरी तरह हार का समाना करना पड़ा, यदि आगामी विधानसभा चुनाव से इस चुनाव के परिणाम को जोड़कर देखा जाए तो यह माना जा सकता है की सत्ताधारी दल की स्थिति विधानसभा चुनाव में अच्छी नहीं रहने वाली है और उसे इसी तरह के परिणामों से दो चार होना पड़ेगा जो उसकी हार का भी कारण बन सकता है।
मुख्यमंत्री के चेहरे की बदौलत चुनाव जीतना नहीं होगा आसान,विधायकों की छवि को भी जनता परख कर करेगी मतदान
आगामी विधानसभा चुनाव में जनता केवल मुख्यमंत्री के चेहरे को देखकर उनकी तरफ से चलाई जा रही अच्छी योजनाओं को ही देखकर मतदान करेगी ऐसा नहीं हैं,उप चुनाव जिला पंचायत सदस्य परिणाम जो कोरिया जिले में समाने आए उसको देखकर यही समझा जा सकता है की जनता क्षेत्रीय विधायक की छवि को देखकर ही अपना अंतिम निर्णय लेगा और उसकी छवि और जनता के लिए उपलबधता के आधार पर ही जनता जनप्रतिनिधि का चुनाव करेगी यह तय है। बैकुंठपुर विधायक की वर्तमान में जनता के बीच छवि अच्छी होती और जनता यदि उन्हें अपना दर्द का साथी मानती तो जरूर परिणाम उलट होते और सत्ताधारी दल का प्रत्याशी जीत दर्ज कर चुका होता। कुल मिलाकर अपनी परफॉर्मेंस जो मुख्यमंत्री ने भी कई बार विधायकों को समझा दिया है विधायकों को सुधारनी होगी तभी विजय सुनिश्चित होगी।
विधायक की क्षेत्र की जनता से दूरी मुख्य वजह बनी सत्ताधारी दल के समर्थित प्रत्याशी के हार की
उप चुनाव के जो परिणाम समाने आए और जिस तरह सत्ताधारी दल से समर्थन प्राप्त उम्मीदवार की बड़ी हार हुई उससे साबित हुआ की क्षेत्रीय विधायक की क्षेत्र की जनता से काफी दूरी बढ़ चुकी है। विधायक यदि क्षेत्र की जनता के संपर्क में होती परिणाम कुछ और होता यह कहा जा सकता है।