गरीब व आदिवासी तबकों में नकली शराब के कारण उत्पन्न समस्याओं का जिम्मेदार कौन?
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 31 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। वैसे तो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सामने जनता अपनी समस्याओं को लेकर दौड़ लगाती रहती है। परंतु बहुत ही कम मामलों में ऐसा देखा जाता है की दूसरों की तकलीफ का संज्ञान लेकर कोई भागदौड़ करे। ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है। जिसमें गोदरीपारा चिरमिरी निवासी प्रभास राय ने मनेंद्रगढ़ विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल के समक्ष चिरमिरी क्षेत्र में नकली शराब की बिक्री के सूचनार्थ और उस पर कार्यवाही कराने बाबत एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि संपूर्ण चिरमिरी में नकली शराब बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बिक्री की जा रही है। अवैध नकली शराब की बिक्री का मुख्य कारण उन्होंने बताया कि शासकीय शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा शराब में अन्य द्रव्य का मिलावट कार्य किया जाता है और असली शराब को निकालकर परे रख लिया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने स्थानीय स्तर पर बनने वाली महुआ शराब का भी जिक्र किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि आदिवासी परिवारों को शासन द्वारा 5 बोतल महुआ शराब घरेलू उपयोग हेतु बनाने की अनुमति है। जिसकी आड़ में व्यापक पैमाने पर महुआ शराब का निर्माण किया जाता है, जिसमें यूरिया खाद एवं अन्य हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं। जिसके सेवन से गरीब तबका बीमार हो रहा है। अपने पत्र में उन्होंने किया है कि नकली और जहरीली शराब के सेवन के कारण क्षेत्र में आमतौर पर मौत होने की भी सूचना लगातार प्राप्त होती रहती है। पत्र के माध्यम से उन्होंने मनेंद्रगढ़ विधायक से नकली व जहरीली शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने और विक्रेताओं पर कार्यवाही करने की मांग की है।
शराबबंदी की घोषणा के फल स्वरुप सत्ता में आए विधायक महोदय क्या करा पाएंगे कार्यवाही?
विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में शराबबंदी एक प्रमुख एजेंडा था जिसका सीधे तौर पर पार्टी को लाभ भी मिला और लंबे वनवास के बाद पार्टी सत्ता में आई कोरिया जिले के तीनों विधानसभा में कांग्रेस पार्टी का परचम लहराया। शराबबंदी तो नहीं हुई परंतु अवैध शराब की बिक्री कोरिया जिले में जोरों पर है। जिसका गाहे-बगाहे कोई न कोई प्रकरण सामने आ ही जाता है। बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश की शराब कोरिया के समीपवर्ती क्षेत्रों में खपाई जा रही है, वहीं शासकीय शराब दुकानों से विक्रय की जाने वाली शराबों में भी व्यापक पैमाने पर मिलावट की सैकड़ों शिकायतें हैं। जिसके कारण लोगों की सेहत और जान से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। अब जब जनता मुखर होकर निर्वाचित विधायक के समक्ष अवैध और जहरीली शराब विक्रय पर अंकुश लगाने की मांग कर रही है, तो देखने वाली बात होगी कि विधायक महोदय क्या कदम उठाते हैं।