बैकुण्ठपुर@सौगातें, सारी उपलब्धियां एक ओर…विभाजन की त्रासदी सब पर भारी

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  • कोरिया जिला वर्ष 2022 में विभाजित हुआ, विभाजन से रोकने संघर्ष तो हुए लेकिन सफलता नहीं लगी हाथ
  • कोरिया जिले के लिए वर्ष 2022 अच्छा अनुभव छोड़कर नहीं गया,विभाजन का मलाल सभी में देखा गया
  • वर्ष 2022 में भाजपा ने खोए अपने दो दिग्गज नेता, पूर्व विधायक सहित आदिवासी नेता का हुआ निधन
  • कांग्रेस ने 2022 में नगर पालिका बैकुंठपुर में पूर्ण बहुमत आने के बावजूद गवाया नगर पालिका अध्यक्ष का पद
  • कांग्रेस ने शिवपुर चरचा नगरपालिका में भी पूर्ण बहुमत के बावजूद गंवाया उपाध्यक्ष का पद
  • वर्ष 2022 भी कोरिया जिले में राजनीतिक उठापटक के बीच बीता
  • 2022 में कोरोना का भय तो नहीं था, पर निरंकुश स्वास्थ्य व्यवस्था का भय जरूर था
  • अवैध कारोबारियों के लिए 2022 काफी अच्छा रहा राजनीतिक संरक्षण भी खूब मिला
  • 2022 में भी प्रशासन का निरंकुश पन बना रहा, पुलिस प्रशासन ने भी अपनी खूब किरकिरी कराई
  • कोयला,कबाड़,रेत,जुआ सहित अवैध शराब मामले में सााधारी दल की फजीहत होती रही
  • पुलिस भी पूरे वर्ष सोती रही,अवैध कोयला खदानें,अवैध शराब की सप्लाई सहित जुआ फड़ चलते रहे

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 31 दिसम्बर 2022(घटती-घटना)। कभी जिले का निर्माण राजनीतिक कुशलता का था परिचायक, उसके ऊपर जिला मुख्यालय बैकुंठपुर का बनना राजनीतिक कद की ऊंचाई का बना था पैमाना। आज जिला विभाजन का त्रास बना राजनैतिक विफलता का पर्याय। जल, जंगल, जमीन, खनिज सब हुए कोरिया के दायरे से बाहर। विभाजन भी ऐसा कि बंटवारे के बाद अलग हुआ हिस्सा मूल से बड़ा, मूल हिस्सा ही रह गया छोटा। विभाजन के विरोध में उठे स्वर भी नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसे। राजनीतिक रोटी सेंकने के चक्कर में विरोध के स्वर की गूंज और धमक रही धीमी। विपक्ष करता रह गया राजनीति और साा पक्ष महात्मा गांधी के तीन बंदर समान आंख कान और मुंह मूंदे बैठा रह गया। भरे मंच में सफलता न मिलने पर मंच साझा न करने की शपथ भी निकली झूठी।

नौजवान कोरिया 2023 में 25 साल का हो जाएगा, कोरिया जिले के लिए वर्ष 2022 हमेशा के लिए काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया, यह वर्ष 2022 है जिसमें कोरिया जिला ना चाहते हुए भी दो टुकड़े में विभाजित हो गया, बचाव की समितियां भी बनी संघर्ष भी हुआ लेकिन इसे रोक पाने की क्षमता किसी मे नहीं रही और विभाजन हो गया, कोरिया मूल जिला होने के बावजूद भी बंटवारे में राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गया, ना पर्यटन मिला, ना लॉक मिला ज्यादा, ना ही क्षेत्र मिला ज्यादा, यहां तक की सबसे कम राजस्व वाले जिले में भी हो गई गिनती, सबसे छोटे जिले की भी मिली उपलçध। इस जिले को अब प्रशासनिक अधिकारी भी हीन भावना से देखने लगे हैं वहीं कोई नहीं आना चाहता जिले में चार थाना के जिले में पुलिस अधीक्षक भी नहीं आना चाहते, कोरिया ने जो 1998 में पाया था 2022 में उसका आधा से ज्यादा हिस्सा नवीन जिले को मिल गया। हर तरफ विरोध व बंटवारे में पक्षपात पर सरकार सुर्खियों में रही फिर भी सरकार ने अपने फैसले पर नहीं किया बदलाव, अंततः कोरिया के इतिहास में कांग्रेस के ही एक दिग्गज नेता व पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव का सपना वर्ष 2022 में टूट गया, 2022 कोरिया जिले के लिए काले अतीत के पन्नों में समा गया, 2023 से कोरिया को नई उम्मीद होगी और नए सपनों के साथ कोरिया को उड़ान भरनी होगी अब 2023 कोरिया के लिए क्या होगा यह तो आने वाला साल बताएगा।

कोरिया जिले को वर्ष 2023 से होंगी उम्मीदें
कोरिया जिले को वर्ष 2023 में काफी उम्मीदें होंगी यह उम्मीद जिले को जिलेवासियों को राजनीतिक व्यक्तियों से होंगीं जो जिले को विभाजन से हुए नुकसान से निजात दिला सकें। जिले का बहुत कुछ छीन गया है और अब उसे पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है फिर भी जिले में अभी भी विकास की अपार संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में कौन काम करता है यह देखने वाली बात होगी।

जिला विभाजन रोकने बनी संघर्ष समिति की भूमिका भी रहेगी जिले के लिए लाभकारी
कोरिया जिले को वर्ष 2022 में बांट दिया गया,1998 में बने जिले को दो भागों में विभाजित किया गया एवं कोरिया को विभाजन में नवीन जिले से भी कम मिला जो जिले के साथ अन्याय के रूप में देखा जा रहा है। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने बड़ी मेहनत की और हर स्तर तक जाकर संघर्ष समिति ने जिला विभाजन रोकने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सके। अब संघर्ष समिति की भूमिका और महत्वपूर्ण होगी जो जिले किस अस्मिता को ऊंचाइयों पर ले जाने प्रयास करेगी और लोगों को साथ लेकर वह जिले की भलाई और उन्नति के लिए काम करेगी।
वर्ष 2022 में भाजपा ने क्या पाया क्या खोया
वर्ष 2022 भाजपा के लिए बहोत बेहतर नहीं रहा,भाजपा ने जहां इस वर्ष अपने दो बड़े नेताओं को खोया जिसमे एक पूर्व विधायक एवम एक आदिवासी नेता शामिल हैं वहीं भाजपा को नगरपालिका चुनावो में भी अच्छी सफलता नहीं मिली,अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए नगरपालिका चुनावों में भाजपा ने जिले की दो नगरपालिकाओं में से एक मे अध्यक्ष और एक मे उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जरूर कर लिया लेकिन पार्षदों के हिसाब से भाजपा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और भाजपा को कांग्रेस की अंतर्कलह का ही लाभ मिल सका।
कांग्रेस ने नगरपालिका में अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष का पद गंवाया
सत्ताधारी दल कांग्रेस के लिए भी वर्ष 2022 बेहतर नहीं रहा, कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत होने के बावजूद जिले की एक नगरपालिका में अध्यक्ष वहीं दूसरी में उपाध्यक्ष पद गंवाया। कांग्रेस की आपसी अंतर्कलह इसकी वजह बनी। कांग्रेस चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकी लेकिन अपने ही पार्षदों को विश्वास में नहीं ले पाना उसकी कमजोरी रही।
अवैध कारोबारों पर नहीं लग सका वर्ष भर अंकुश,पुलिस पर मिली भगत का लगता रहा आरोप
वर्ष 2022 में जिले की कानून व्यवस्था पर लगातार प्रश्नचिन्ह लगते रहे। जिले में अवैध कोयला खदानों का संचालन होता रहा, अवैध शराब मध्यप्रदेश से लाई जाकर जिले में परोशी जाति रही जुआ फड़ संचालित होते रहे वहीं रेत का भी अवैध कारोबार चलता रहा। जिले में सभी अवैध कारोबारों को लेकर लगातार खबरें चलती रहीं लेकिन मामले में पुलिस मौन धारण किये बैठी रही और पूरे वर्ष चोरों सहित अवैध कारोबारियों का आतंक जिले में जारी रहा। जिले में पुलिस की अवैध कारोबारियों के साथ मिलीभगत की बातें भी सामने आती रही और फिर भी पुलिस निरंकुश बनी रही।

टाइगर की मौत
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, तेंदुआ, हाथी, चीतल, वनभैंसा समेत काफी संख्या में जानवर व पशु पक्षी विचरण करते हैं। यहां कई बार जंगली जानवरों का शिकार करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। गुरुघासी दास राष्ट्रीय उद्यान के रामगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सलगवांकला में बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। सूचना मिलते ही वन विभाग के आला अधिकारी समेत कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। मामले में 2 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। दरअसल 4 जून को बाघ ने एक भैंसे का शिकार किया था। इससे आक्रोशित भैंस मालिक ने भैंस के शव पर कीटनाशक (जहर) का छिड़काव कर दिया था। रात में जब बाघ ने भैंस का मांस खाया तो उसकी मौत हो गई।
पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे
साल 2022 कोरिया जिले के मुखर पत्रकारों के लिए भी अच्छा नहीं रहा। मुखरता से बिना किसी लाग लपेट के शासन-प्रशासन की संदिग्ध कार्यशैलियों पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों पर भी झूठे मुकदमों की कार्यवाही की गई। कई बार नोटिस देकर उन्हें परेशान किया गया। पत्रकार सुरक्षा कानून की बात करने वाली वर्तमान प्रदेश सरकार और जिले में पदस्थ सरकार के नुमाइंदे एवं शासकीय जवाबदेह अधिकारियों के गलत कार्यों में लिप्त होने की खबर प्रकाशित होने पर पत्रकारों को विभिन्न तौर तरीके से परेशान करने की घटनाएं आम हो गई थी।

मुख्यमंत्री की भेंट मुलाकात में हुई केवल घोषणाएं जमीन पर अमल किसी कार्य का नहीं
कोरिया विभाजन की त्रासदी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कोरिया दौरे और भेंट मुलाकात कार्यक्रम से कोरिया वासियों को बहुत सी उम्मीदें थी और यह शासन की जवाबदारी भी थी कि असंतुष्ट कोरिया वासियों को ऐसी सौगातें दी जाए जिनसे विभाजन का मलाल कम किया जा सके। नेताओं से लेकर पक्ष और विपक्ष ने अपनी अपनी मांगों की सूची बनाई थी, उनमें से कुछ मांगों पर सहमति भी बनी परंतु भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं 2022 में अमल में नहीं लाई जा सकिं। इसे सत्ता शासन की विफलता हि माना जाएगा। पटना के नगर पंचायत की घोषणा हो, या पूर्ण तहसील की, इसके अतिरिक्त अनेक ऐसी घोषणाएं जिनका धरातल पर क्रियान्वयन शून्य है।

एक के बाद एक भूकंप के झटकों से हिली कोरिया की धरती, भविष्य में बड़ी घटना का अंदेशा
वर्ष 2022 के मध्य अगस्त और सितंबर में एक के बाद एक कुछ समय अंतराल पर ही लगातार दो बार भूकंप के कंपन से कोरिया की धरती हिली। जिससे कोरियावासी भयभीत नजर आए। इसका प्रमुख कारण यह था की कोरिया प्रदेश और देश के जिस भूभाग पर स्थित है, सामान्यतः इन क्षेत्रों में भूकंप का आना आम बात नहीं है। लगातार भूकंप के झटकों ने क्षेत्रवासियों को चिंतित कर दिया कि आने वाले भविष्य के गर्भ में कहीं कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा और बड़ी घटना घटित ना हो जाए।


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