- मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ तक के समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बता रही थी चालक की हुई मौत, फिर कैसे बदला गया वाहन चालक?
- उच्च अधिकारी ने दुर्घटना के दिन चालक की मौत होने की जानकारी दी थी मीडिया को, क्या अधिकारी को नहीं थी जानकारी कि कौन था चालक?
- मध्यप्रदेश का एफआईआर बता रहा कोई और था चालक, अन्य चालक का नाम आया सामने
- दो चालक को लेकर पुलिस गई थी मध्यप्रदेश तो फिर दुर्घटना के कई दिनों बाद तक चालक का नाम पुलिस ने क्यों छुपाया?
- एफआईआर में चालक का नाम बदला देख उठ रहे कई सवाल
- जिस चालक का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया क्या उस चालक के गूगल टाइम लाइन व मोबाइल नेटवर्क की होगी जांच?
- आखिर क्यों बदला गया चालक का नाम?
- क्या चालक के ड्राइविंग लाइसेंस में थी कोई कमी किस वजह से नाम बदलने कि आई मजबूरी?
- पुलिस द्वारा अधिग्रहित वाहन दुर्घटना के बाद ऑनलाइन दिख रही थी अनफिट, वाहन अचानक हो फिट, अब चालक का बदला नाम,उठने लगी जांच की मांग
-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़ 30 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। नवीन जिला एमसीबी के नगर थाना के थाना प्रभारी अपने 5 सदस्य टीम के साथ मध्य प्रदेश के नीमच एक आरोपी को पकड़ने गए हुए थे, आरोपी को लाते समय वाहन एनएच 12 ग्राम कूडन भेडाघाट में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ तक के समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बताया था कि वाहन में सिर्फ 7 लोग ही मौजूद थे, जिसमें वाहन चालक की दुर्घटना में मौत हो गई है, वही सहायक उपनिरीक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं वह आरोपी सहित अन्य पुलिस कर्मियों को भी हल्की-फुल्की चोटें आई, यही बात एमसीबी जिले के एसडीओपी ने भी मीडिया को बताया था, अचानक अब मध्यप्रदेश में दर्ज हुए एफआईआर बता रही है कि जिस व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हुई वह वाहन चालक नहीं था वाहन कोई और चला रहा था, जिसे लेकर एक बार फिर से इस मामले पर संदेह उत्पन्न होने लगा है, संदेह इसलिए उत्पन्न हो रहा है क्योंकि पहले दुर्घटना के दौरान वाहन का फिटनेस ऑनलाइन अनफिट दिखा रहा था, फिर मामला उजागर होने के बाद फिटनेस भी अपडेट हो गया और अब नया नाम चालक का जुड़ना कहीं ना कहीं एक नया सवाल खड़ा कर रहा है, क्या पुलिस अपनी फजीहत से बचाने के लिए इस प्रकार का काम कर रही है? यह एक बहुत बड़ा सवाल है पर वही इस मामले में जांच भी अत्यंत जरूरी है, इस मामले को लेकर गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने भी उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी और जांच की मांग की थी पर जांच होने के बजाय मामले में अलग-अलग पहलू सामने आ रहे हैं।
क्या इस मामले में होगी निष्पक्ष जांच
पूरे मामले में क्या निष्पक्ष जांच हो सकेगी, जैसा कि बताया जा रहा है कि जिस ड्राइवर को लेकर मनेंद्रगढ़ पुलिस मध्यप्रदेश गई हुई थी और जिसकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई उसका ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर कोई पेंच फ़ंश रहा था और जिसकी वजह से पुलिस पूरे मामले में फ़ंश सकती थी वहीं सवाल यह भी है और जांच का विषय भी की जिसकी मौत की सूचना सामने आई वह वाहन चालक जब था ही नहीं तो पुलिस ने उसे क्यों वाहन में ले जाने की जहमत उठाई। कुल मिलाकर मामले में बहोत से पेंच हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।
पुलिस एफआईआर में लिखा है चालक की थी लापरवाही,पुलिस वालों के बैठने के बावजूद चालक ने कैसे की लापरवाही?
एफआईआर में इस बात का जिक्र है कि चालक तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था और लापरवाही पूर्वक गाड़ी चला रहा था पर सवाल यह है कि जिस गाड़ी में पुलिस वाले खुद बैठे थे उसका चालक इतना लापरवाह कैसे हो सकता है क्या गाड़ी की रफ्तार धीरे करने को पुलिस वाले नहीं बोले तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं?
वाहन दुर्घटना को लेकर पुलिस संदेह के घेरे में, उठ रहे लापरवाही को लेकर सवाल
इस वाहन दुर्घटना को लेकर बार-बार पुलिस की लापरवाही पर ही संदेह किया जा रहा है और किया भी क्यों ना जाए लापरवाही तो हुई है भले से इस लापरवाही को पुलिस छुपाने का प्रयास कर रही हो पर लापरवाही एक नहीं कई तरीके से दिख रही है जो उनके उच्च अधिकारियों को भी समझ में आ रहे हैं पर जांच करेगा कौन? क्योंकि थाना प्रभारी तो काफी पकड़ वाले हैं यही वजह है कि वह लंबे समय से एक ही थाने में टिके हुए हैं भले ही एसपी बदल जाएं पर नहीं बदल पाते हैं तो थाना प्रभारी, जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे वैसे इस दुर्घटना को लेकर संदेह भी तेज हो रहे हैं पर इस संदेह पर से पर्दा उठाएगा कौन?
7 से 8 सदस्य कैसे हुए
वाहन की क्षमता 7 लोगों की थी और अब प्राथमिकी के अनुसार वाहन में 8 लोग सवार थे यह मानना होगा और यह भी गैर कानूनी है। 5 पुलिस स्टाफ सहित आरोपी व दो अन्य जिसमें एक मृतक भी ऐसे में 8 लोग कूल वाहन में सवार थे और अब पुलिस की यह गलती जांच का विषय हो सकती है। पूरे 1 महीने मामले को होने को है तब तक यही बताया आ रही थी की उस वाहन में 7 लोग थे हैं फिर आठवां कहां से आ गया? ना किसी अखबार ने आठ बताया ना किसी अधिकारी ने आठ बताया पर आफआईआर में अचानक आठवां व्यक्ति चालक बनकर सामने आ गया जिसे लेकर एक बहुत बड़ा प्रश्न अब उठ खड़ा हुआ है।
क्या कहता है एफआईआर
मध्य प्रदेश के भेड़ाघाट थाने में दर्ज एफआईआर अनुसार भेडाघाट थाने में उपनिरीक्षक एफआईआर लिखते समय लिखा की दिनांक 03/12/2022 को थाना डियुटी दौरान ग्राम कूडन भेडाघाट में सड़क दुर्घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचा तो घायल व्यक्तियों को एम्बूलेंश इलाज हेतु मेडिकल लेकर पहुंची, मेडिकल पहुंचकर प्रआर इस्तयाक खान से पूछताछ किया जो बताया कि दिनेश चौहान, जितेन्द्र ठाकुर, आकाश उर्फ विक्की राजवाडे को घायल होना बताये जो विक्की उर्फ आकाश की इलाज के दौरान मौत होना बताया, प्रधान आरक्षक इस्तयाक खान की रिपोर्ट पर देहाती नालशी 0/22 धारा 279,337,304 ए भा0द0वि0 पंजीबद्ध कर देहाती मर्ग इटीमेशन मृतक विक्की उर्फ आकाश राजवाडे देहाती मर्ग इंटीमेशन 0/22 धारा 174 जाफौ. चाक कर मृतक आकाश कुमार राजवाडे की मर्ग पंचनामा कार्यवाही कर पीएम मेडिकल कालेज जबलपुर से करा कर वापस थाना आया वापसी पर असल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। नकल देहाती नालसी जैल हैं देहाती नालसी थाना भेडाघाट जिला जबलपुर अप.क्रं. 0/22 धारा 279, 337, 304ए ताहि नाम मुददई- मो0 इस्तयाक खान पिता स्व. दीन मोहम्मद उम्र 47 साल निवासी पता प्र.आर. थाना महेन्द्रगढ़ जिला एमसीबी छ.ग. बनाम वाहन ईनोवा क्रमांक सीजी 16 सीएन 2705 का चालक जाहिद खान, दिनांक समय घटना 03/12/22 के 05/00 बजे सुबह, वह स्थान जहां देहाती नालसी लेख की गयी केज्यूल्टी मेडिकल अस्पताल जबलपुर, घटना स्थल- एनएच 12 ग्राम कूडन भेडाघाट, दिनांक समय रिपोर्ट 03/12/22 के 11/00 बजे, विवेचक- उनि रामाशीष यादव थाना भेडाघाट, विवरण- मैं थाना महेन्द्रगढ़ में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हूँ, मनेन्द्रगढ़ से अधिग्रहीत वाहन ईनोवा क्रमांक ष्टत्र 16 ष्टहृ 2705 से थाना का स्टाफ उनि सचिन सिंह, सउनि दिनेश चौहान, प्रआर इस्तयाक खान, आर. प्रमोद यादव, जितेन्द्र ठाकुर जिसमें दो ड्रायवर जाहिद हसन एवं आकाश कुमार राजवाडे को लेकर जिला नीमच म.प्र. से थाना महेन्द्रगढ छाीसगढ के अपराध क्रमांक 484 / 22 धारा 384,354 354 (घ) भादवि. 66/67 आई.टी.एक्ट के मामले का आरोपी राकेश कुमार तंवर को लेकर वापस मनेन्द्रगढ़ जा रहे थे कि वाहन ईनोवा कार क्रमांक सीजी 16 सीएन 2705 का चालक जाहिद खान द्वारा तेज रफ्तार व लापरवाही से चलाकर एन.एच. 12 ग्राम कूडन भेडाघाट के पास लोहे की रेलिंग से टकरा कर कार को पल्टा दिया, जिससे उसमें बैठे दिनेश चौहान की पसली में जितेन्द्र ठाकुर को कमर में प्रमोद यादव को कंधे में तथा आकाश कुमार राजवाडे को सीने व बदन में चोटें आयी। वहां स्थानीय लोगों द्वारा कार को सीधा कर हम लोगों को बाहर निकाला व उन्हीं लोगों द्वारा एम्बूलेंस 108 बुलाई जिसमें बैठकर घायलों को मेडिकल इलाज के लिये लेकर गये। दिनेश चौहान एवं जितेन्द्र ठाकुर भर्ती हैं तथा आकाश उर्फ विक्की राजवाडे की मृत्यु इलाज के दौरान हो गयी। घटना को सचिन सिंह, प्रमोद यादव ने देखा हैं। आरोपी चालक जाहिद खान के विरूद्ध कार्यवाही चाहता हूँ।