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कोरबा@निजात अभियान को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान,लीडरशिप इन क्राइम प्रिवेंशन कैटेगरी में प्रतिष्ठित आईएसीपी 2022 अवार्ड के लिए हुआ चयन

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कोरबा, 25 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)।अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव संतोष सिंह के कार्यकाल के दौरान राजनांदगांव पुलिस द्वारा चलाए गए नशा-विरोधी, निजात अभियान को संस्थागत श्रेणी के ‘लीडरशिप इन क्राइम प्रिवेंशन’ कैटेगरी में अमेरिका के प्रतिष्ठित आईएसीपी अवार्ड हेतु चुना गया है। छाीसगढ़ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश और डीजीपी श्री अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन में पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के विरुद्ध सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। निजात अभियान एक कार्यवाही व जागरुकता अभियान है, जिसमें अवैध नशे के सौदागरों पर सख्त कार्यवाही के साथ ही नशे के विरुद्ध जन जागरूकता और नशे के आदी लोगों का पुनर्वास शामिल है। इस चर्चित अभियान की शुरुआत पिछले वर्ष तत्कालीन एसपी कोरिया संतोष सिंह द्वारा किया गया था। उसके बाद राजनांदगांव और वर्तमान में कोरबा पुलिस सहित कई जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसी वर्ष गृह मंत्रालय, भारत सरकार की संस्था पुलिस अनुसंधान एवं विकास यूरो (बीपीआरएंडडी) ने कोरिया पुलिस द्वारा शुरू किए गए निजात अभियान को देश के तीस सर्वोाम स्मार्ट-पुलिसिंग अभियानों में शामिल किया था। राजनांदगांव पुलिस के साथ ही गढ़चिरौली पुलिस के तत्कालीन एसपी अंकित गोयल के माओवाद विरोधी कार्यक्रम ‘दादा लोरा खिड़की’ को संस्थागत श्रेणी के सामुदायिक पुलिसिंग कैटेगरी में आईएसीपी अवार्ड हेतु चुना गया है। संस्था द्वारा पुलिसिंग में किए गए बेहतर कार्यों के आकलन के आधार पर इस अवार्ड के लिए चयन किया गया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके जीरो-टॉलरेंस कार्रवाई और व्यापक जन-जागरूकता वाले कार्यक्रम निजात अभियान के अब कोरबा जिले में भी सार्थक परिणाम आने लगे हैं। वर्तमान में कोरबा जिले में निजात अभियान के तहत पुलिस नशीले पदार्थों और अवैध शराब की तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने में सफल रही है। जिले के थानों में नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग के साथ ही नशा-मुक्ति कक्ष भी निर्माणाधीन है। अभियान के तहत सैकड़ों की संख्या में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। लोग नशे की लत छोड़कर सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए जिले के सभी कस्बों और दूरदराज के गांवों में बैठक, रैली, नुक्कड़ नाटक, वॉल राइटिंग, पोस्टर, बैनर आदि लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में समाज के सभी लोगों और वर्गों की सहभागिता हो रही है और व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।


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