- सेवानिवृत्त होने से पहले पदोन्नति सूची नाम दर्ज होने से संदेह के घेरे में विभाग उठ रहे सवाल
- अनियमितता और भ्रष्टाचार पर जिसे मिलनी थी शास्ति, सरकार ने दी प्रशस्ति: गोंगपा
- कार्यकाल के दौरान प्रभारी रेंजर पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का लगाया गया है आरोप
- अनियमितताओं तथा भ्रष्टाचार की जांच और कार्यवाही ना होने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी
–रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़ 23 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने वन मंडल परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ में विगत 10 वर्षों से प्रभारी रेंजर के रूप में कार्यरत अधिकारी हीरालाल सेन के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। विगत माह कलेक्टर जिला एमसीबी को सौंपे गए अपने ज्ञापन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारियों ने पदस्थ प्रभारी रेंजर हीरालाल सेन के द्वारा विगत 10 वर्षों में वन मंडल अंतर्गत कराए गए कार्यों की जांच की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि हीरालाल सेन के द्वारा इनके परिक्षेत्र में जो भी विभागीय कार्य हुए हैं, उन कार्यों में जमकर अनियमितता बरती गई है। और भ्रष्टाचार किया गया है। वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के जंगलों में हरे भरे पेड़ों की कटाई और अवैध कोयले की तस्करी भी इनके कार्यकाल में जमकर हुई है। इनके द्वारा वन परिक्षेत्र में जितने भी निर्माण कार्य कराए गए हैं सब में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जिनकी निष्पक्ष जांच नितांत आवश्यक है। आरोपों की सूची काफी लंबी है। जिसमें अभी हाल ही में इनके द्वारा नरवा विकास कार्य अंतर्गत राज्य कैंपा मद से 65 लाख रुपए लागत का अर्दन डैम का निर्माण कराया गया है, जिसका वर्चुअल लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा विगत 17 जून को किया गया। वह भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। जहां डैम का तथाकथित निर्माण बताकर लोकार्पण कराया गया वहां पूर्व से ही मनरेगा कार्य से जल संसाधन विभाग ने लाखों की लागत राशि द्वारा तालाब का निर्माण कराया गया था। जिसका एक हिस्सा पानी भरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। उसी क्षतिग्रस्त हिस्से में प्रभारी रेंजर हीरालाल सेन द्वारा अर्दन डैम का निर्माण कराकर संपूर्ण राशि का भ्रष्टाचार कर बंदरबांट किया गया है। पार्टी पदाधिकारियों अनुसार इनके कार्यकाल में कैंपा मद और लैटाना उन्मूलन कार्यक्रम के सभी कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। विगत माह कलेक्टर जिला एमसीबी को सौंपा गया अपने ज्ञापन में उपरोक्त सभी कार्यों के जांच की मांग दिसंबर में उक्त अधिकारी के सेवानिवृत्त के पूर्व की गई थी। ज्ञापन में यह भी उल्लेख था कि यदि समय अनुसार जांच और कार्यवाही नहीं की जाती तो वृहत आंदोलन किया जाएगा।
जांच तो ठंडे बस्ते में, परंतु भ्रष्टाचारी अधिकारी को सेवानिवृत्त के ठीक पूर्व मिली पदोन्नति से सरकार कटघरे में- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एमसीबी जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम के अनुसार जिस अधिकारी पर करोड़ों की हेराफेरी और भ्रष्टाचार का आरोप गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने लगाया, और जिला कलेक्टर से जिसके जांच की मांग की, वह जांच का आवेदन तो ठंडे बस्ते में चला गया। परंतु सेवानिवृत्त के चंद दिनों पूर्व उक्त अधिकारी को मिली पदोन्नति से वर्तमान कांग्रेस सरकार कि कार्य प्रणाली कटघरे में है। ऐसे अधिकारी की पदोन्नति किस आधार पर हुई है, इस पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं। और पार्टी ने वर्तमान कांग्रेस सरकार को अंधेर नगरी चौपट राजा की संज्ञा दी है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी वन परिक्षेत्र अधिकारी के पदोन्नति की घोर निंदा करती है। और उनके पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर एमसीबी और वर्तमान राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि यदि भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे अधिकारियों की जांच के बजाय और उन्हें दंड मिलने के बजाय पुरस्कार प्राप्त होता रहा तो अन्य के भी हौसले भ्रष्टाचार करने को बुलंद होंगे।