- 2 विधायकों के आंतरिक कलह की वजह से क्लब ग्रीन पार्क के आड़ में बार लिखा कर अवैध शराब खपाने का मामला हुआ उजागर।
- जितनी फजीहत सत्ता पक्ष के विधायक की हो रही है उतनी ही फजीहत प्रशासन की भी हो रही है फिर भी नहीं कर पाएंगे कार्यवाही।
- वही पूरे मामले में भाजपा ने लिया सत्ता को आड़े हांथों, विधायक से लेकर महापौर तक साधा निशाना।
- मनेंद्रगढ़ विधायक पर पहले शराब दुकान के लिए भवन किराए पर देने का लगा था आरोप।
- बचरापोड़ी व गोदारीपारा में दुकान किराए पर देने विधायक ने किया था प्रयास।
- अब पत्नी सहित निगम पार्षदों व विधायक समर्थकों के नाम क्लब सदस्य सूची में दर्ज होने पर उठ रहे सवाल।
–रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 23 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। 4 साल वाली सत्ता के विधायकों की फजीहत कम होने का नाम नहीं ले रही है और यह फजीहत कोई और नहीं विधायक खुद ही करा रहे हैं, इसके पीछे की कहानी भी कुछ अजीब गरीब है पर पीछे की कहानी पर पर्दा डला हुआ है, सूत्रों की माने तो यह 2 विधायकों के आंतरिक कलह की बात है, कहानी जैसी दिख रही है कहानी वैसी है नहीं, यह बात जरूर सही है कि क्लब के आड़ में बार संचालित हो रहा था और यह बार कोई आज से नहीं लिखा है यह बार बीजेपी के शासन काल से ही चला रहा था पर उस समय बार लिखा नहीं था अघोषित था और तभी से लेकर सरकार बदलने तक ना पुलिस ना अबकारी किसी ने नहीं की कार्यवाही, जो आया वह उस बार से अपनी जेब भरा और चलते बना, यहां तक कि वहां बैठ कर दो दो पैग भी लगा गए और ऐसे में कार्यवाही करता तो करता कौन? सूत्र बताते है कि फजीहत तो आज भी नहीं होती पर विधायक नंबर 1 व विधायक नंबर 2 के बीच सब कुछ सही नहीं है दोनों एक दूसरे के प्रति अपने ही सत्ता में दुश्मन बन बैठे हैं यह हम नहीं यह सूत्रों का कहना है और यह लड़ाई की कहानी भी कुछ अजीब है इस कहानी पर यदि बात करना चाहे तो कहानी लंबी हो जाएगी, इसलिए हम सिर्फ इतना ही बताना चाह रहे हैं कि दोनों विधायक एक दूसरे के कार्यों को लेकर विरोधी हो चले हैं, एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कवायद जारी है जिस वजह से नए-नए मामले भी सामने आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस मामले पर भी राजनीति हो रही है और यह राजनीति विपक्षी नहीं पक्ष पर बैठे नेता ही इस राजनीति में शामिल है, जो भी है जैसा है पर जो बीजेपी शासन काल में नहीं हो पाया वह उस मामले को उजागर इन विधायकों की आपसी कलह ने कर दिया, मनेंद्रगढ़ के बार से पूरी तरीके से पर्दा उठ गया। लोगों को यह भी पता चल गया कि क्लब क्या होता है और बार क्या होता है दोनों में अंतर जमीन आसमान का है पर यह तो क्लब के नाम पर बार लिखा कर खूब हुई अघोषित शराब खोरी।
क्लब की जगह बार लिखकर परोसी जाती रही मध्यप्रदेश की शराब
क्लब ग्रीन पार्क जो होटल ग्रीन पार्क के नाम से भी जाना जाता है में क्लब का लायसेंस लेकर जमकर मध्यप्रदेश की शराब बार लिखकर परोसी जाती रही और मदिरप्रेमियो को भी पता नहीं चल सका कि जिस जगह को बार समझकर वह अच्छी कीमत चुकाकर शराब का लुफ्त उठा रहे हैं वह जगह अवैध रूप से संचालित शराब खोरी का अड्डा है जहां आम लोगों को शराब परोसा जाना अपराध है और गैरकानूनी है।
रास्ट्रीय राज्यमार्ग पर है होटल ग्रीन पार्क
होटल ग्रीन पार्क मनेंद्रगढ़ शहर में रास्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित है,राज्यमार्ग पर स्थित होटल में मध्यप्रदेश की शराब खपाई जा रही थी और जिसका पोल अब खुल सका है जबकि जानते सभी थे केवल बात जगजाहिर होनी बाकी थी। अब जब बात उजागर हुई है कार्यवाही का इन्तेजार है और देखने वाली बात होगी कौन करता है कार्यवाही।
आज से नहीं कई दशकों से जारी है होटल ग्रीन पार्क में शराब परोसने का काम
मनेंद्रगढ़ के होटल ग्रीन पार्क में आज से नहीं कई दशकों से अवैध रूप से शराब पिलाई जाती रही है और अब जाकर यह बात सार्वजनिक हो सकी है। पूर्व में होटल लिखकर ही शराब पिलाई जाती थी बार की तर्ज पर अब क्लब का लायसेंस लेकर बार की तर्ज पर शराब पिलाई जा रही थी जिसका खुलासा हुआ है।
महापौर का नाम क्लब सदस्य के रूप में है दर्ज,कई पार्षदों सहित विधायक समर्थंको को भी बनाया गया है सदस्य- मनेंद्रगढ़ ग्रीन पार्क क्लब की बात की जाए जहां मध्यप्रदेश की शराब बार लिखकर खपाई जा रही थी तो क्लब सदस्यों में नगरनिगम चिरमिरी की महिला महापौर का नाम भी सदस्य के रूप में दर्ज किया गया है वहीं चिरमिरी के कई पार्षदों सहित विधायक समर्थंको को भी क्लब में सदस्य बनाया गया है। क्लब में बार लिखकर मध्यप्रदेश की शराब खपाये जाने मामले में यही सबसे बड़ी बात जो सामने आई है कि किस तरह बड़े बड़े जनप्रतिनिधियों के नाम सदस्य के रूप में आबकारी विभाग में दर्ज हैं और अब जनप्रतिनिधियों का यह बयान सामने आ रहा है कि उन्हें उनके नाम सदस्य सूची में जुड़े होने की जानकारी ही नहीं है।
महापौर सहित अन्य क्या क्लब संचालक पर कराएंगे प्राथमिकी दर्ज,क्या क्लब संचालक पर होगा आपराधिक प्रकरण दर्ज
चिरमिरी नगरनिगम की महापौर सहित पार्षद एवम अन्य विधायक समर्थक व शहर के अन्य वरिष्ठ जन जिनका नाम क्लब में सदस्य के रूप में दर्ज है और उन्ही की नाम की आड़ में यह अवैध करोबार जो जारी था क्या अब वे पुलिस थाने जाकर संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कराएंगे क्या संचालक पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा यह देखने वाली बात होगी। यदि प्राथमिकी दर्ज की जाती है और कार्यवाही होती है तभी माना जायेगा कि क्लब में बिना सहमति के सदस्य बनाये गए वरना यह साबित होगा कि सबकुछ सभी की जानकारी में हो रहा था और मध्यप्रदेश की शराब खपाने यह पूरा क्लब बनाया गया था।
आबकारी विभाग पुलिस विभाग पर भी उठ रहे सवाल,कैसे चल रहा था खुलेआम यह अवैध कारोबार
एमसीबी जिले के जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर वह भी कलेक्ट्रेट रोड पर अघोषित रूप से बिना अनुमति बार संचालित हो रहा था और इसकी जानकारी आबकारी विभाग पुलिस विभाग को नहीं थी यह मानना बिल्कुल गलत होगा वह भी तब जब बार बार इस जगह मध्यप्रदेश की शराब खपाये जाने की बात सामने आ रही थी। अब जब सब कुछ सामने आ चुका है तो ऐसे में जिले की पुलिस सहित आबकारी विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या सबकुछ जानकर वह केवल इसलिए चुप थे क्योंकि मामला विधायक से जुड़ा हुआ था यदि आरोप सही हैं तो।
मनेंद्रगढ़ विधायक पर पहले भी शराब दुकानों के लिए भवन उपलब्ध कराने को लेकर लगे हैं आरोप
मनेंद्रगढ़ विधायक पर शराब मामले में यह कोई पहला आरोप नहीं है पहले भी उनपर यह आरोप लगा है कि वह चिरमिरी के गोदारीपारा व खड़गवां के बचरापोड़ी में सरकारी शराब दुकानों के लिए किराए के भवन उपलब्ध कराने की जुगत में लगे हुए थे जिसमें बचरापोड़ी में तो महिलाओ ने जन आंदोनल खड़ा कर दिया था और वहां शराब दुकान नहीं खुल सकी थी वहीं विधायक समर्थक एक को वहां की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की वजह से माफी मांगने की नौबत आन पड़ी थी।
भाजपा ने विधायक सहित सत्तापक्ष को लिया आड़े हांथों
पूरे मामले में भाजपा को भी बैठे बिठाए मौका मिल गया और भाजपा ने अब मनेंद्रगढ़ विधायक से यह प्रश्न किया है कि क्या यही सरकार की शराब बंदी की कसम है। महापौर का नाम क्लब सदस्य के रूप में दर्ज होने के सवाल पर भी भाजपा ने यह कहा कि वह महापौर के साथ हैं और वह क्लब संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने महापौर के साथ चलने तैयार हैं। कुलमिलाकर भाजपा अब इस मामले में आक्रामक नजर आ रही है और सत्तापक्ष पर लागतार हमला कर रही है।
मामले से जुड़े कुछ सवाल:-
सवाल: क्या फर्जी एनओसी पर संचालित क्लब ग्रीन पार्क मनेंद्रगढ़ पर होगी कार्यवाही?
सवाल: क्या महापौर बिना उनकी अनुमति के क्लब के सूची में नाम जोड़ने वाले के खिलाफ कराएंगी प्राथमिकी दर्ज?
सवाल: क्या कांग्रेस विधायकों की आंतरिक कलह ही बनेगी बीजेपी के जीत की वजह?
सवाल: पुलिस व आबकारी विभाग के होने के बावजूद आखिर नियम विरुद्ध तरीके से कैसे चल रहा था यह क्लब और कैसे लिखा गया बार?
सवाल: क्या सच मे महापौर सहित पार्षदों के नाम को लेकर क्लब संचालक ने नहीं ली थी उनसे अनुमति?