मनेंद्रगढ़/एमसीबी@क्या नियम को दरकिनार कर हाइवे के करीब होटल ग्रीन पार्क क्लब के लाइसेंस पर बार लिखवा कर मध्यप्रदेश की शराब खफाई जा रही थी?

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क्लब लाइसेंस की आड़ में खोल लिया बार,महापौर व विधायक के रिश्तेदार बने सदस्य?
क्लब के आड़ में चल रहा था बार अब मामला हुआ उजागर तत्काल बंद करने के उठने लगी मांग
क्लब ग्रीन पार्क को लेकर दो विधायक भी आमने-सामने
क्लब के सदस्यता को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
महापौर को पता नहीं और क्लब की सदस्यता में हो गई शामिल… आखिर क्या है माजरा…

-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़/एमसीबी 21 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)।
लंबे समय से मनेंद्रगढ़ से लेकर पूरे जिले के लोग इस भ्रम में जी रहे थे कि मनेंद्रगढ़ में बार का लाइसेंस है पर अब खबरें आ रही हैं कि क्लब के लाइसेंस पर बार का बोर्ड लगाकर लोगों को दिया जा रहा था धोखा और बेचे जा रहे थे मध्यप्रदेश की शराब अब यह मामला शिकायत से लेकर राजनीतिक भी हो चला है। वहीं फर्जी बार को बंद कराने अलग तरह का ही विरोध दर्ज कराया गया आरटीआई कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट गेट पर बीयर की बोतल, गिलास और चखना लेकर बैठ गया और कहा मुझे बैग में शराब, गिलास और चखने के रूप में आलू भुजिया का पैकेट लेकर कलेक्टोरेट पहुंचना पड़ा है। उनहोंने कहा कि शाम पांच बजे तक में इंतजार करूंगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई या अधिकारी बात नहीं सुनते तो मैं सड़क पर ही बैठकर बीयर पीउंगा। जिसके बाद अधिकारी भी हड़बड़ा गए और उन्हें भी समझ नहीं आया कि आखिर यह क्या हो रहा है और वह वहां से भाग खड़े हुए पर सवाल यह है क्या कितने दिन से जब यह अवैध तरीके से बार संचालित हो रहा था तो इतना बड़ा विभाग क्या कर रहा था?
मिली जानकारी के अनुसार मनेंद्रगढ़ नदीपार क्षेत्र में एनएच से लगे ग्रीन पार्क होटल में क्लब लाइसेंस की आड़ में बार का संचालन किया जा रहा है। यहां खुलेआम शराब बेचने और क्लब सदस्यों के अलावा बाहरी लोगों को 2 साल से शराब परोसी जा रही है। यहां पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की अवैध शराब खपाने की शिकायत भी मिल चुकी है। मनेंद्रगढ़ शहर के लोगों के अलावा चिरमिरी के महापौर मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल की पत्नी कंचन जायसवाल, विधायक जायसवाल के भाई विनोद जायसवाल सहित मनेंद्रगढ़ और चिरमिरी सहित आसपास क्षेत्रों के कई महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और व्यवसायियों के नाम क्लब के सदस्यों के रूप में शामिल हैं। मनेंद्रगढ़ विधायक के भतीजे शशिधर जायसवाल के नाम पर क्लब ग्रीन पार्क कोरिया का लाइसेंस पंजीकृत है, जिसमें कुल सदस्य संख्या 107 दर्शाई गई है। चिरमिरी महापौर कंचन जायसवाल का नाम 70 नंबर पर और विधायक के भाई विनोद जायसवाल का नाम 71 नंबर पर अंकित है। सूची में चिरमिरी नगर निगम के कुछ पार्षदों के नाम भी शामिल हैं। वहीं यह भी जानकारी मिल रही है कि सूची में बिना जानकारी के कई नामों को शामिल किया गया है।

फर्जी बार बंद कराने कलेक्टर के गेट के बाहर एक बुजुर्ग बीयर की बोतल लेकर चखना व गिलास के साथ बैठा
मनेन्द्रगढ़ छत्तीसगढ़ के नवगठित जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में क्लब के लाइसेंस की आड़ में अवैध शराब परोसने के कारोबार का मामला सामने आया है। आरटीआई के तहत हुए खुलासे के बाद क्षेत्र में खलबली मची हुई है। इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता ने कलेक्टर जनदर्शन में कार्रवाई के संबंध में जानकारी चाही थी. लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया। इससे नाराज आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता अपनी मांग को लेकर बीयर की बॉटल लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे और कलेक्टोरेट के बाहर बीयर की बोतल लेकर बैठ गए। वे अपने साथ बैग में बीयर की बोतल, एक गिलास और आलू भुजिया का पैकेट लेकर पहुंचे। इसकी जानकारी जब डिप्टी कलेक्टर सीएस पैकरा को मिली तो वे फौरन आरटीआई एक्टिविस्ट रामाशंकर गुप्ता को मनाने पहुंच गए, लेकिन रामाशंकर गुप्ता नहीं माने।

जवाब मांगा तो जनदर्शन छोड़ चले गए अधिकारी
आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता ने कहा कि, इसके पहले उन्होंने कलेक्टर जनदर्शन में मौजूद अफसरों से इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन वे उक्त क्लब के संबंध में जवाब देने के बजाय अधिकारी जनदर्शन छोड़ बाहर निकल गए। रमाशंकर गुप्ता ने कहा कि, इस कारण जनदर्शन में पहुंचे लोग मायूस होकर लौट गए। इसी कारण मुझे बैग में शराब, गिलास और चखने के रूप में आलू भुजिया का पैकेट लेकर कलेक्टोरेट पहुंचना पड़ा है। उन्होंने कहा कि शाम पांच बजे तक में इंतजार करूंगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई या अधिकारी बात नहीं सुनते तो मैं सड़क पर ही बैठकर बीयर पीउंगा।
क्लब के दस्तावेजों में कई गलत दर्शाई गई
क्लब ग्रीन पार्क कोरिया, जिसे बार लिखकर संचालित किया जा रहा है। लाइसेंस पाने जो दस्तावेज शामिल किए गए हैं, उन दस्तावेजों को देखने से पता चलता है कि कई भ्रामक जानकारियां दी गई हैं। एड्रेस में मेन रोड दर्शाया है, जबकि क्लब नेशनल हाइवे से सटा हुआ है। बावजूद इसके एड्रेस में नेशनल राष्ट्रीय राजमार्ग नगर पालिका निगम सीमा के अंदर है, तो हाइवे का कहीं जिक्र नहीं है। इस संदर्भ में जिला आबकारी अधिकारी प्रवीण वर्मा का कहना है कि कोई भी मदिरा दुकान संचालन की अनुमति है। राष्ट्रीय राजमार्ग नगर निगम सीमा से बाहर होने पर शराब दुकान संचालन की अनुमति नहीं है।
क्या है एफएल-4 (क) लाइसेंस
छत्तीसगढ़ शासन ने शराब पीने वालों के लिए क्लब में सुविधा की अनुसार लाइसेंस जारी किया है, जिसे एफएल-4 (क) का नाम दिया है। क्लब में शराब की बंद बोतल बेचना प्रतिबंधित है। साथ ही उपरोक्त कार्य में सदस्यों को सर्वसुविधायुक्त टेबल टेनिस, तैराकी पूल,टेबल टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं भी जरूरी है। इसके अलावा होटल के बाहर बार शब्द का उपयोग न कर केवल क्लब ही लिखा होना चाहिए। क्लब के सदस्य के अतिरिक्त कोई भी सदस्य शराब पीते पाए जाने पर आबकारी नियम अनुसार 10 हजार का जुर्माना का प्रावधान भी है।
आबकारी विभाग नहीं करता कार्रवाई
बताया जाता है कि पिछले 2 सालों से नियम-कायदों को ताक पर रखकर बेखौफ होकर क्लब की आड़ में चल रहे बार का कारोबार करोना काल में भी जो दुकानें बंद थी तभी मध्य प्रदेश तीसरा में हाथापाई जाती थी लगातार मिल रहे अवैध शराब की शिकायत पर हाल ही में विधायक गुलाब कमरों ने नाराजगी जता आबकारी विभाग के अधिकारियों की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है विधायक नाराजगी के बाद अब कार्यक्रम अब यहां तक यह कार्रवाई करने से बच रहा है और होटल के बाहर लिखे बार शब्द को भी नहीं हटा सका बता दें कि इसके पहले भी अवैध तरीके से बेची जा रही शराब के विरोध में स्थानीय प्रशासन व रायपुर कार्य विभाग के चमक कैसे-कैसे की जा चुकी पर कार्यवाही शून्य रही।
इनका ये कहना क्लब के नाम पर आवंटित लाइसेंस में बार नहीं लिख सकते
राज्य शासन के आबकारी आयुक्त निरंजन दास ने कहा क्लब के नाम पर आवंटित लाइसेंस में बार नहीं लिखा जा सकता। वहीं उन्होंने कहा कि केवल क्लब के सदस्य और उनके अतिथि ही क्लब में बैठकर शराब का सेवन कर सकते हैं।
महापौर ने कहा-सदस्यों में उनका नाम शामिल होने की जानकारी नहीं
क्लब ग्रीन पार्क कोरिया के 107 सदस्यों की सूची में चिरमिरी महापौर कंचन जायसवाल का नाम 70वें नंबर पर होने की जानकारी जब उन्हें दी गई तो उन्होंने कहा क्लब के सदस्यों में उनका नाम शामिल होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। महापौर ने कहा कि दस्तावेज प्राप्त होने पर उनके ओर से इसमें कार्रवाई की जाएगी।
व्यवसायी ने कानूनी सलाह लेने की बात कही
रघुनाथ पोद्दार प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं। क्लब के सदस्यों की सूची में इनका भी नाम शामिल है। इस विषय में वे कहते हैं कि बिना उनकी जानकारी के उन्हें सदस्य में शामिल किया है। उन्होंने आपत्ति जताई है। कानून सलाह लेकर वे कदम उठा पाएंगे।
बार का लाइसेंस है…तभी लिखा
क्लब ग्रीन पार्क के संचालक शशिधर जायसवाल ने कहा उनके पास बार का लाइसेंस है। इसलिए उन्होंने प्रतिष्ठान के बाहर बार शब्द लिखा है। क्लब में सदस्यों के अलावा उनके अतिथि व मित्र आकर शराब का सेवन करते हैं।
मामले से जुड़े कुछ सवाल
सवाल-जब बार का लाइसेंस नहीं था तो फिर बार का बोर्ड लगा कर क्यों बेची जा रही थी शराब?
सवाल-संबंधित विभाग को पता था कि यह क्लब का लाइसेंस है पर यहां पर बार का बोर्ड लगा हुआ है तो फिर अभी तक क्यों नहीं की कार्रवाई?
सवाल-जब क्लब के सदस्यों को जानकारी नहीं तो फिर क्लब कि सूची में कैसे आया नाम?
सवाल-जब क्लब की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तो सूची में दर्ज लोगों का कहना है कि हमें तो पता ही नहीं, जब उन्हें पता नहीं तो फिर नाम कैसे जुड़ा फिर तो क्लब ही फर्जी हुआ?
सवाल-जब सारे दस्तावेज सोशल मीडिया में तैर रहे इसके बावजूद कार्यवाही क्यों नहीं हो रही?


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