खडगवा, 21 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। आरसीडल्यूएफ यूनियन द्वारा कोल ट्रांसपोर्टिंग में पूर्व में कार्यरत ठेका श्रमिकों एवं चिरिमिरी के स्थानीय युवाओं को रोजगार दिए जाने बाबत चक्काजाम आंदोलन डोमनहिल सीएचपी में प्रारंभ किया गया है ज्ञात हो की चिरमिरी एसईसीएल के रानीअटारीऔर विजय वेस्ट से चलने वाली कोल ट्रांपोर्टिंग में पूर्व में कार्यरत जय अंबे ट्रांसपोर्ट द्वारा चिरिमिरी के स्थानीय मजदूरों को नवीन ठेका कंपनी राजस्थान ट्रांसपोर्ट और जीटी ट्रांसपोर्ट द्वारा रोजगार नहीं दिया जा रहा है जिसके विरुद्ध आरसीडल्यूएफ द्वारा पूर्व में चिरिमिरी के इन स्थानीय कर्मचारियों को रोज़गार देने हेतु लंबे समय से पत्राचार/ धरना प्रदर्शन और चक्काजाम किया गया एसईसीएल और ठेकेदारों द्वारा समय लेकर सदैव टालमटोल किया गया और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया गया जिस कारण आरसीडल्यूएफ द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से चक्काजाम आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है।आंदोलन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय महामंत्री प्रो भागवत प्रसाद दुबे द्वारा भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित कानून का उल्लंघन के मुद्दे को उठाया और कहा कि “जब भारत सरकार द्वारा राजपत्र में स्पष्ट रूप से ठेका श्रमिको के हितार्थ यह नियम बनाया गया है कि किसी भी कंपनी में कार्यरत पुरगामी मजदूर को नए काम पाए कंपनी में नौकरी में अधिमान दिया जाएगा इस अनिवार्य शर्त का उल्लघंन एसईसीएल और ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है,सरकार अपने ही बनाए कानून का उल्लघंन कर रही है,एसईसीएल सरकार की ही एक कंपनी है जिसकी महती जिम्मेदारी कानून के पालन करवाने की है”। सभा को यूनियन के केंद्रीय पदाधिकारी ओम प्रकाश प्रीतम, मंजीत सिंह,दिलीप जानी,मंजीत सिंह,निसार अहमद,गुरुभेज सिंह, वाचस्पति दुबे,राणा दास,पार्षद प्रेम शंकर सोनी,राजकुमार पुरी,यूसुफ खान,प्रभाष राय,पिंटू सोनवानी सहित स्थानीय सिराज खान,मनोज साहू,ह्रदय सिंह,फनिद्र हमाम मिश्रा,इसरार खान वीरू, शेख इस्माईल,शिवराम बेहरा,इम्तियाज द्वारा संबोधित किया गया। गांधीवादी तरीके से चल रहे इस आंदोलन को चिरिमिरी के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने अपना नैतिक समर्थन दिया है। इस चक्काजाम प्रदर्शन से रानी अटारी से निकलने वाले कोयला ट्रांसपोर्ट के ट्रकों का परिचालन बंद हो गया है जिस कारण एसईसीएल को काफी नुकसान पहुंचा है जिस कारण 21तारीख को डिप्टी जरनल मैंनेजर चिरिमिरी एसईसीएल क्षेत्र के नेतृत्व में प्रबंधन का एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर यूनियन के मांग पर समाधानमूलक निर्णय लेने हेतु कुछ समय चाहा गया और ठेकेदारों से बात कर सुलह करने हेतु समय दिए जाने के अनुरोध पर आरसीडल्यूएफ द्वारा इस आंदोलन को 30 दिनों के लिए अस्थाई रूप से स्थगित किया गया है साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि समाधानमूलक निर्णय ना होने की स्थिति में आंदोलन पुनः प्रारंभ कर दिया जाएगा।
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