बैकुण्ठपुर@दशहरा रात्रि से गुम नाबालिग मिली हरियाणा में,घटती घटना की खबर के बाद नाबालिग को ढूंढ़ने में पुलिस ने दिखाई तत्परता,मिली सफलता

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  • रावण दहन कार्यक्रम देखने घर से निकली थी नाबालिग,दरिंदों के चंगुल में नाबालिग को गुजारना पड़ा 2 माह
  • पुलिस ने दरिंदों के चंगुल से नाबालिग को कराया आजाद, हो रही सराहना
  • 2 महीने नाबालिग असहनीय पीडा¸ओं से गुजरी,साथ ही परिजन रहे परेशान

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 21 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। जब एक नाबालिग पुत्री के गुम होने से पूरा परिवार था परेशान, पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी थी, परिजनों के गुहार पर दैनिक घटती घटना ने खबर की प्रकाशित, तब पुलिस हरकत में आई और नाबालिग को ढूंढने निकली और मिली सफलता। पुलिस पहले प्रेम प्रसंग का मामला समझ कर सुस्त बैठी थी, फिर बाद में एक नंबर से परिजनों को फोन आया। इसके बाद पुलिस को वह नंबर सुराग के तौर पर इस नाबालिग तक पहुंचने में मदद किया। प्रारंभ में परिजनों द्वारा उक्त नंबर पुलिस महकमे को देने के बाद भी विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, परंतु खबर प्रकाशन के बाद यही नंबर बच्ची की तलाश में मददगार बना। इस 2 महीने में एक तरफ जहां बच्ची ने तमाम परेशानियों का सामना किया तो वहीं दूसरी तरफ पूरा परिवार भी परेशान रहा।
घटना विगत दशहरे के दिन रात्रि को रावण दहन कार्यक्रम के बाद की है। जब गिरजापुर निवासी नाबालिक बच्ची अपने सहेलियों के साथ दशहरे का कार्यक्रम देखने गई थी। भोर में वापस लौटने के दरमियान पटना स्थित शर्मा चौक से उसका अपहरण कर लिया गया और हथियार की नोंक पर समीपवर्ती कोरबा जिले के सिरमिना नामक स्थान पर कई दिनों तक डरा धमका कर रखा गया। इस दरमियान बच्ची पर कई अत्याचार किए गए और उसके बाद उसे हरियाणा ले जाकर बेच दिया गया। कार्यक्रम के बाद बच्ची के घर न पहुंचने पर परिजनों ने आसपास अपने रिश्तेदारों और लड़की के सहेलियों के घर उसकी खोजबीन की। अंततः उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई परंतु सामान्य मामला समझ कर पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। 1 महीना बीत जाने पर भी जब बच्ची का कुछ पता नहीं चला और घटना की जानकारी घटती घटना के संवाददाता को पता चली तो लड़की के परिजनों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय आवेदन प्रस्तुत करने को कहा तथा इस पूरे घटनाक्रम को प्रमुखता से घटती-घटना ने प्रकाशित किया। जिसमें संदेही मोबाइल नंबर का भी जिक्र था। चुंकि मामला आदिवासी नाबालिग बालिका से संबंधित था और सूत्र मिलने के बाद पुलिस विभाग भी गंभीरता से सामने आया और अंततः अपने कड़ी परिश्रम से आखिरकार बच्ची को ढूंढ निकाला।
मिशन मुस्कान कार्यक्रम के तहत जिला स्तर पर टीम गठित कर हरियाणा हुई थी रवाना
पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा के निर्देशन एवं उप पुलिस अधीक्षक बैकुण्ठपुर कविता ठाकुर के नेतृत्व में थाना पटना के अप.क. 471/2022 धारा 363 भा.द.वि.के विवेचना के दौरान अपहृत बालिका का पता तलाश राज्य स्तर पर चलाये जा रहे मिशन मुस्कान कार्यक्रम के तहत जिला स्तर पर टीम गठित कर हरियाणा के सोनीपत से अपहृत बालिका को दस्तयाब/बरामद किया गया। तथा पीडिता के बयान के आधार पर तथा पीडिता के बताये अनुसार कि घटना दिनांक को पीडि़ता को अपहरण करके दुसरे राज्य में बेच देना तथा बंधक बनाकर रखना बताने पर प्रकरण में धारा 366 (क). 368. 374 (4), 376 (2) (ढ), 506 भा.द.वि. एवं 4, 6, 17 पाक्सो एक्ट धारा जोड़ते हुए प्रकरण में अग्रीम विवेचना करते हुए अपहरण करने वाले एवं अपहृता को बेचने के आरोपीगण पवन कुमार पिता नफे सिंह उम्र 35 वर्ष निवासी छिछराना थाना बरोदा जिला सोनीपत हरियाणा, खिलेश्वर उर्फ जीतू राजवाड़े पिता रामरतन राजवाड़े उम्र 25 वर्ष निवासी पिपरा थाना पटना जिला कोरिया, संजय कुर्रे पिता घरमूराम उम्र 32 वर्ष निवासी बरबसपुर थाना रामानुजनगर जिला सूरजपुर, मनोज उर्फ संजू राम कूरें पिता शिवनाथ करें उम्र 40 वर्ष निवासी बाबूपारा सिरमिना थाना पसान जिला कोरबा, संजू उर्फ सुषमा पिता रामाशंकर सोनवानी उम्र 35 वर्ष निवासी सरनापारा थाना पटना जिला कोरिया, मंजू उर्फ गीता पिता रामाशंकर सोनवानी उम्र 35 वर्ष निवासी सरनापारा थाना पटना जिला कोरिया, महेन्द्र उर्फ मोनू पिता श्यामरतन जाति गोंड उम्र 25 वर्ष निवासी सिरमिना थाना पसान जिला कोरबा, को 20 दिसम्बर 2022 को गिरफ्तार किया गया तथा घटना में प्रयुक्त मोटर सायकल जप्त कर आरोपीगण को एडीजे कोर्ट बैकुण्ठपुर में पेश किया गया जहां आरोपीगण को जेल भेजा गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही में उप निरीक्षक संदीप सिंह, सउनि महेश कुशवाहा, सउनि लवांग सिंह, प्रआर नवीन दत्त तिवारी, प्रआर सतेन्द्र तिवारी, आरक्षक प्रमित सिंह, सम्मेलाल कोसले रामायण श्याम, अर्जुन पुलस्त, सुरेन्द्र भगत इत्यादि थाना स्टाफ सक्रिय रहे।
2 माह की प्रताड़ना तो समाप्त नहीं हो सकती परंतु परिजनों के चेहरों पर मुस्कान है
बहरहाल नाबालिग बालिका अपने घर में सकुशल पहुंच गई है। विगत 2 माह की उसकी प्रताड़ना को तो समाप्त नहीं किया जा सकता परंतु परिजनों के चेहरों पर मुस्कान है क्योंकि बच्ची सकुशल घर वापस आ गई है, जिसके लिए पूरी पुलिस की टीम बधाई कि पात्र है और विभाग ने एक बार पुनः यह सिद्ध करके दिखाया कि यदि वह लगन के साथ किसी प्रकरण में लग जाएं तो सफलता अवश्य ही प्राप्त होती है।


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