बैकुण्ठपुर@चुनावी त्यौहार के पूर्व जनता की पूछ-परख बढ़ी पक्ष व विपक्ष के नेताओं के कदम धरती पर नजर आने लगे

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  • सरकार के कार्यकाल के 4 साल, कांग्रेसी नेताओं का सघन दौरा
  • गांव,गली, नुक्कड़,चौराहों,हाट बाजार जाकर मिल रहे लोगों से,शासन की योजनाओं का ले रहे फीडबैक
  • प्रदेश में संचालित योजनाओं, स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि और प्रदेश के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता का लगा रहे अंदाजा
  • भ्रमण कर रहे नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट अनुसार मिल रहा अच्छा फीडबैक और सकारात्मक प्रतिसाद
  • सोशल मीडिया पर किए जा रहे पोस्टों की मानें तो वर्तमान सरकार और विधायिका से संतुष्ट है जनता

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 21 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। वर्तमान सरकार के कार्यकाल का 4 वर्ष बीत चुका है आने वाले वर्ष में चुनाव है। चुनावी त्यौहार के पूर्व जनता की पूछ परख बढ़ गई है। पक्ष और विपक्ष के नेताओं के कदम धरती पर नजर आने लगे हैं। स्वयं को सर्वश्रेष्ठ जन हितैषी बताने की होड़ लगी हुई है। अपने अपने दल बल के साथ गली, नुक्कड़, चौक, चौराहा, हाट, बाजार सभी ओर नेता रंग-बिरंगे परिधानों में नजर आने लगे हैं। आने वाला वर्ष छत्तीसगढ़ की जनता के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होगा, क्योंकि 4 वर्ष तक भूली बिसरी जनता की याद फिर से राजनीतिक रसूखदारों को नजर आने लगी है। यही कुछ दिन है, जब सर आंखों पर बिठाये गये नेतागण जनता की सुध लेते हैं और भोली-भाली जनता भी दीर्घकालीन समस्याओं को भूल कर अल्पकालीन मृग मरीचिका को ही सब कुछ मान लेती है। निरीह जनता को इस बात का सुख मिलता है कि बड़े बड़े ओहदेदार, समाज के तथाकथित प्रतिष्ठित भाग्यविधाता उनके सामने सर झुका रहे हैं।
जनता के समक्ष विपक्ष के आरोप और सत्ता पक्ष की उपलब्धियों का बखान
छत्तीसगढ़ प्रदेश में आने वाला वर्ष हर गली कूचे में सत्ता पक्ष के प्रति विपक्ष के आरोप और सत्ता पक्ष द्वारा अपनी उपलब्धियों के बखान और गुणगान से गुंजायमान रहने वाला है। क्योंकि अभी से ही विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष की कमजोरियों, कमियों, भ्रष्टाचार और जनता के प्रति उदासीनता को लेकर मुनादी की मुद्रा लेकर अवतरित हो चुका है। तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता गण अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते नहीं थक रहे। पूरे छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी की जो तपन बैकुंठपुर विधानसभा में महसूस की जा रही है, वह शायद किसी अन्य विधानसभा में नहीं है। पक्ष और विपक्ष के कई नेता आगामी विधानसभा में स्वयं को टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं और जनता को यह विश्वास भी दिला रहे हैं कि आगामी भाग्यविधाता वे ही होंगे। सभी अपने संकीर्ण दलबल और टीम के साथ अपने अपने स्तर पर जनता का सामना कर रहे हैं। जनता की समस्याओं से उन्हें कोई सरोकार हो ना हो, परंतु समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक अपना चेहरा दिखाने कि ललक उन्हें अपने आलीशान जीवन शैली से दूर रहने को मजबूर कर रही है और सभी का जनता के मध्य हितैषी बनकर जाने का एकमात्र उद्देश्य है की दूसरे नेताओं को निचा दिखाकर स्वयं को सर्वश्रेष्ठ रूप में प्रदर्शित करना। अपनी व्यक्तिगत छवि को उज्जवल करने के लिए जहां विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष की और उनके नेताओं की कार्यशैली पर आरोप लगाकर उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता अपने सरकार की 4 वर्ष की गतिविधियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत कर रहे हैं। विगत 4 वर्षों तक जनता की सुध ना लेने वाले भी जनता दरबार में खड़े होकर स्वयं को प्रमाणित करने का प्रयास कर रहे हैं।
जन समक्ष कार्यक्रमों की भीड़ और सोशल मीडिया के दावे
एक बात तो स्पष्ट समझ में आ रही है की पक्ष और विपक्ष दोनों बिखरा पड़ा है और दोनों ही ओर के अनेकानेक नेता अपने अपने गुटों को लेकर लामबंद हैं। पार्टी के सामूहिक कार्यक्रम के बजाय नेता अपनी अपनी व्यक्तिगत टीमों के साथ सड़कों पर हैं। हालांकि यह तो आने वाला चुनावी वर्ष बताएगा कि ताज किस के सर पर सजेगी, परंतु सबके अपने-अपने दावे हैं। जिसे लेकर प्रतिदिन सोशल मीडिया ऐसी पोस्टों से भरा पड़ा रहता है। विपक्ष के पास खोने को कुछ नहीं है, और जनता का प्रतिसाद उनके प्रति कैसा रहेगा यह अभी से नहीं कहा जा सकता, परंतु सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा जिस प्रकार वर्तमान सरकार के 4 वर्ष के कार्यकाल, सरकार द्वारा संचालित योजनाएं, योजनाओं का क्रियान्वयन, व्यक्तिगत तौर पर योजनाओं की पहुंच और लाभ,आम जनता की संतुष्टि का जो फीडबैक और जनता का प्रतिसाद सत्ता पक्ष के नेताओं के भ्रमण कार्यक्रम के पश्चात सोशल मीडिया में ब्यौरा के रूप में मिल रहा है, उसके अनुसार जनता बेहद खुश नजर आ रही है। जनता की संतुष्टि और खुशी वाली बात में कितनी सच्चाई है यह तो जनता स्वयं जाने परंतु सोशल मीडिया अनुसार छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान, मजदूर भाइयों के हित में जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, और वर्तमान में निर्वाचित स्थानीय विधायिका द्वारा इन कार्यक्रमों का जिस प्रकार पहुंच जनता तक हो रहा है। उसके अनुसार जनता बेहद खुश नजर आ रही है। यदि सचमुच ऐसा है और जनता संतुष्ट है तो वर्तमान निर्वाचित जनप्रतिनिधि का कार्यकाल बेहद उम्दा माना जाएगा और संभवत जनता उन्हें पुनः निर्वाचित कर क्षेत्र की सेवा का एक मौका और जरूर देगी।


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