- सत्ता विरोधी लहर में अल्प मतों से विगत चुनाव में हार का करना पड़ा था सामना
- क्या 2023 में एक बार फिर श्याम बिहारी जयसवाल हो सकते हैं अजय योद्धा?
- संयोग से राजनीति में हुआ पदार्पण,लोकप्रियता ऐसी बढ़ी की उत्तरोत्तर राजनीतिक प्रगति करते गए
- वर्तमान विधायक से समर्थक के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओ से लेकर जनता में असंतोष व आक्रोश क्या डूबा सकता है लुटिया?
- पूर्व विधायक की उपलब्धियों का खाका जनता के सामने घटती घटना के द्वारा
–रवि सिंह-
चिरमिरी/मनेंद्रगढ़ 20 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश का नंबर दो विधानसभा जिसे मनेंद्रगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां दो पंचवर्षीय भाजपा के विधायक सत्तासीन रहे,और दोनों ही बार भाजपा के दो अलग-अलग व्यक्तित्व ने विधायक पद को सुशोभित किया। 15 वर्ष के भाजपाई कार्यकाल के बाद सत्ता विरोधी लहर और जनता से चुनाव पूर्व किए गए बड़े-बड़े वायदो ने कांग्रेस के विधायक को जनता ने मौका दिया। मौका मिलने के बाद जनता को लगा कि उन्होंने अच्छा जनप्रतिनिधि जनसेवक के तौर पर चुना है, क्योंकि उससे पहले इनके अंदर की जनसेवा खूब देखने को मिल रही थी, जिस जनसेवा को देखकर लोग मोहित हुए और डॉक्टर विनय जायसवाल को मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का विधायक बनाया। वर्तमान विधायक के कार्यकाल का 4 साल बीत चुका है और विगत 4 साल में व्यक्तिगत तौर पर इन्होंने क्या खोया, क्या पाया, यह तो आने वाला चुनाव बताएगा। परंतु क्षेत्र के जनता की माने तो इस चार साल में इन्होंने जो जनाधार डैमेज किया,उस डैमेज को कंट्रोल करने में बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा।अब 10 महीने ही शेष बचे हैं, अब इस 10 महीने में कितना डैमेज कंट्रोल करते हैं यह तो समय बताएगा पर अभी वर्तमान स्थिति में जो सामने आ रहा है, उसके अनुसार जनता में असंतोष तो है ही, वहीं इनके खुद के पार्टी के अंदरखाने में भी असंतोष है। कार्यकर्ता से लेकर संगठन के लोग भी इनसे खफा हैं । अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े जनाधार वाले नेता से यदि जनाधार रखने वाले लोग खफा हो जाएंगे तो फिर क्या इनकी वापसी हो पाएगी? इस समय हर तरफ कंपैरिजन की स्थिति निर्मित हो गई है। पूर्व भाजपा के विधायक अच्छे थे, या फिर वर्तमान कांग्रेस के विधायक अच्छे हैं। जिसे लेकर चर्चा तो हो रही है। पर इस चर्चा के बीच यदि किसी को जनसमर्थन मिल रहा है तो वह पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल को मिल रहा है। वर्तमान में राजनीति लफ्जों में सिमटकर नहीं रह गई, बल्कि धरातल पर दिखने वाला काम बोलता है। क्षेत्र की जनता पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का तुलनात्मक विश्लेषण कर रही है। और विश्लेषण उपरांत यह समर्थन और प्रतिसाद संभवत पूर्व विधायक को इसलिए मिल रहा है, क्योंकि जागरूक जनता हर स्थिति परिस्थिति में अपना भला बुरा सोचने के लिए सक्षम है। मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल विगत चुनाव जरूर हार गए हैं, लेकिन उनके विचार व अपने विधानसभा के जनता के लोगों के पीछे समर्पित रहने का गुण उन्हें आज भी लोगों के दिलों में जगह दिलाए हुए है।अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा कराए गए विकासकार्य, जनता के प्रति प्रेम, उनकी साधारण जीवन शैली, उनकी जीवटता और लोगों से सामान्य जुड़ाव, क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता के दिल मे इनका व्यक्तित्व योद्धा की तरह राज कर रहा है। बदलाव के दौर में भी इनका ना बदलना इनकी सबसे बड़ी ताकत है।
पूर्व विधायक की वर्तमान राजनीतिक यात्रा तक का रोचक सफर
श्याम बिहारी जायसवाल ने घटती-घटना से चर्चा करते हुए बताया की अपने पूरे राजनैतिक जीवन में कभी भी अपने परिवार और जीवन की विकट परिस्थितियों को जनता के सामने ला कर वोट के लिए राजनैतिक लाभ नहीं लिया। उन्होंने कभी भी इस बात को साझा नही किया कि वे परिवार चलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न साप्ताहिक बाजारों के समीप पगडंडियों के किनारे फट्टी लगाकर, बोरा में बैठकर कृषि उपज एवं वनोपज में महुआ, डोरी, इत्यादि ग्रामीणों से अल्प मात्रा में खरीदकर परिवार चलाते थै। 1 अक्टूबर सन 1976 को रतनपुर में जन्मे श्याम बिहारी जायसवाल ने गृह ग्राम रतनपुर से ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की, प्राथमिक शाला रतनपुर से सन 1985 में पांचवी पास करने के पश्चात माध्यमिक शाला तामडांड़ से 1988 में आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा खंडगवा हायर सेकेंडरी विद्यालय से पास की। बड़ी बात यह है कि अपने शिक्षा काल के दरमियान अपने गांव रतनपुर से खंडगवा तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए पैदल और साइकिल से सफर किया। विज्ञान के होनहार विद्यार्थी श्याम बिहारी जायसवाल ने अपना ग्रेजुएशन विज्ञान से करने के बाद सन 1998 में रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। योग्यता ऐसी की इन्होंने स्नातकोत्तर की उपाधि पूरे विश्व विद्यालय में द्वितीय स्थान पर रहकर प्राप्त की और यह अपने क्षेत्र के रसायन शास्त्र से पहले स्नातकोत्तर विद्यार्थी रहे।श्याम बिहारी जायसवाल का जीवन संघर्ष भरा रहा है। क्योंकि उन्होंने जब शिक्षा ग्रहण की तब पुरा क्षेत्र साधन विहीन था। यातायात के साधन के नाम पर मात्र बाबरा बस ही थी और एक आदर्श/अली अहमद बस बिलासपुर वाली ही थी। रतनपुर से चिरमिरी आ कर उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की, तथा वे पढ़ाई के दौरान जब प्रेक्टिकल या एक्स्ट्रा क्लास चलता था तो वे अपने परिचितों के यहां टिकरा पारा में एक छोटे से कमरे में रात बिताते थे और हाँ “रावण दहन” कार्यक्रम में भी रतनपुर से चिरमिरी दिन में ही बोरा शॉल लेकर आ जाते थे। रावण दहन कार्यक्रम के बाद दुसरे दिन वे रतनपुर जाते थे, लेकिन इन सब बातों का जिक्र उन्होंने राजनैतिक या निजी जीवन में कभी भी नही किया। पूरे पढ़ाई के दरमियान पैदल और साइकिल का सफर, साथ ही विद्यालय समय से अलग परिवार की आजीविका के लिए हाट बाजारों में फट्टा लगाकर वनोपज की खरीदी और बिक्री,आसपास कै बाजारों में गल्ला के व्यवसाय ने उन्हें समय से पहले संघर्षशील बना दिया था और पूरे क्षेत्र में बाजारों में भ्रमण के कारण क्षेत्रवासियों से पहचान भी काफी समय से हो गई थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने व्यवसाय को अपना कैरियर चुना और अपने ग्राम में राइस मिल की स्थापना की। अपनी व्यवसायिक गतिविधियों और राइस मिल की स्थापना के बाद लोगों से उनका जुड़ाव बनता चला गया। और यही जुड़ा भविष्य में उनकी लोकप्रियता का कारण भी बना।
पहली बार जनपद पंचायत का चुनाव बिना घरवालो की मर्जी से लड़ा, मिली जीत और जनपद उपाध्यक्ष भी बने
श्याम बिहारी जायसवाल कि किस्मत भी गजब की थी। कभी इन्होंने सोचा नहीं था कि राजनीति में प्रवेश होगा।अचानक भाजपा से जनपद सदस्य का फॉर्म भरा और घरेलू विवाद के बावजूद बिना घरवालों की मर्जी उन्होंने चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत मिली और जीत मिलने के बाद निर्विरोध जनपद उपाध्यक्ष भी चुने गए। यह भी एक अजीबोगरीब इत्तेफाक था। पहली बार इन्होंने जहां से चुनाव लड़ा वह तत्कालीन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का गढ़ था और पहली बार में ही है निर्विरोध जनपद उपाध्यक्ष चुने गए। कद्दावर शख्सियत को हराने के कारण भाजपा में इनकी बेहद मजबूत पृष्ठभूमि बनी। 2010 में जनपद सदस्य एवं जनपद उपाध्यक्ष बनने के बाद 2013 में ही इनसे जनपद सदस्य पद से इस्तीफा ले लिया गया और इन्हें क्षेत्र का विधानसभा का टिकट भाजपा की ओर से मिला। उन्होंने पहली विधानसभा चुनाव में भी धमाकेदार जीत दर्ज की और शानदार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।
2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विकास कार्य, उन लोगो के लिए जो बोलते हैं क्या हुआ?
श्याम बिहारी जयसवाल ने अपने कार्यकाल में जन भावनाओं के अनुसार क्षेत्र के विकास के लिए 2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विकास कार्य, उन लोगों के लिए जो बोलते है क्या हुआ….मैं बताना चाहुंगा की नगरीय निकाय के कार्य जो राज्य की भाजपा सरकार द्वारा स्वीकृत हुई, शामिल नही है,इनके अलावा संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में जो विकास कार्य हुए हैं, उनमें से महत्वपूर्ण व बड़े कार्यों की जानकारी की बात की जाए तो चिरमिरी में बड़ी उपलब्धियां में केंवची से चिरमिरी-नागपुर (व्हाया कोटमी, पसान, खड़गवां) राष्ट्रीय राज्यमार्ग की स्वीकृति। लेकिन सरकार बदलने के बाद वर्तमान विधायक व सांसद द्वारा इस ओर कोई रुचि नही ली गयी। नागपुर हाल्ट स्टेशन से चिरमिरी रेलवे स्टेशन को जोड़ने रेल लाईन विस्तार का अभूतपूर्व प्रयास शुरू कर राज्य और रेलवे के बीच ज्वाइंट वेंचर 50-50 प्रतिशत व्यय राशि का एमओयु हुआ। लागत मूल्य 242 करोड़ रूपए लेकिन स्वीकृति के बाद से भूमि अधिग्रहण व राज्यांश की फाइल धूल खा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक 6 दशक पुराने लाहिड़ी महाविद्यालय का पुनरूत्थान (2.02 करोड का नवीन भवन निर्माण, 15-20 वर्षों से रिक्त प्राध्यापकों की नियुक्ति, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान की पीजी कक्षाओं का शुभारंभ, साथ ही 8 वर्षों बाद दर्ज संख्या 750 पार हुई), 1953 से स्थापित शासकीय लाहिड़ी महाविद्यालय को स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया। व्यवसाय एवं दैनिक आवागमन की दृष्टि से साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ मार्ग 2014 में 2 करोड़ लागत से पूर्ण कराया, साथ ही आगामी बजट में डबल लेन सड़क की स्वीकृति हेतु प्रयास शुरू किया। जिसमे 6 किमी का चौड़ीकरण कार्य पूर्ण हुआ। शेष 14 किमी का उन्नयन कार्य कांग्रेस सरकार आने के बाद से लंबित है। नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में आजादी के बाद से पहुंच विहिन क्षेत्र लामीघोडा, मौहारीडांड, साजापहाड़, कंदामार में सड़क, पुल हेतु 2 करोड़ की स्वीकृति के साथ 236 घरों को सौर उर्जा से रौशन करने का कार्य किया। लाहिड़ी कालेज में जिले में प्रथम बीसीए की कक्षाओं का शुभारंभ, जिले में पहला। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क पूर्ण कराया गया। लाईवली हुड कालेज (आजीविका महाविद्यालय) की स्थापना हेतु 6 करोड़ की स्वीकृति, 50 सीटर छात्रावास सहित। जिसे बंद करके भवन का इस्तेमाल आत्मानंद स्कूल के रूप में हो रहा है। चिरमिरी में विद्युत शवदाह गृह व एक नग एंबुलेंस हेतु 30 लाख रूपए की स्वीकृति। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्व समाज मांगलिक भवन हेतु 3 करोड की स्वीकृति। लेकिन निर्माण कार्य आज तक निगम द्वारा नही कराया जा सका। लाहिडी काँलेज में डिजिटल लाईब्रेरी हेतु 47.34 लाख रूपए की स्वीकृति। सोनावनी नाका से दुबछोला सड़क मरम्मत कार्य हेतु 1.40 करोड़ रूपए की स्वीकृति। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क उन्नयन हेतु 1.16 करोड़ रूपए की स्वीकृति। चिरमिरी-साजापहाड़-मनेन्द्रगढ़ सड़क उन्नयन पुल पुलियों सहित 12 किमी हेतु 14.40 करोड़ की स्वीकृति लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कार्य आज तक नही कराया जा सका। नवीन कोयला खदान खोलने हेतु भंडारदेई भुकभुकी की 30 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कराया। चिरमिरी की सड़कों के उन्नयन हेतु 3.5 करोड रूपए की स्वीकृति।
2013-18 के बीच मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र की प्रमुख बड़ी उपलब्धियां
श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा की लेदरी पाराडोल के बीच हसदेव नदी पर पुल 8 करोड़ लागत की स्वीकृति के साथ निविदा प्रक्रिया पूर्ण। मनेन्द्रगढ़ से भौंता के बीच हसदेव नदी पर एक वृहद पुल 5 करोड़ लागत की स्वीकृति। साथ ही खड़गवां के ग्रामीण क्षेत्रों को मनेन्द्रगढ़ से जोड़ने वाली सड़को पर 4 वृहद पुल 20 करोड़ लागत की प्रक्रिया टेंडर में है। लेदरी से कांसाबहरा व्हाया नारायणपुर भौता सड़क निर्माण 15 करोड़ लागत से स्वीकृत। विवेकानंद महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में 45 लाख रूपए से मिनी स्टेडियम की स्वीकृति। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्व समाज मांगलिक भवन हेतु 3 करोड की स्वीकृति। लेदरी पाराडोल से बुंदेली पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 4.90 करोड़ की स्वीकृति। झगराखाण्ड के शासकीय स्कूलो में सुविधाओं के विस्तार हेतु 56.16 लाख रूपए की स्वीकृति। नारायणपुर से पुरानी लेदरी पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 9.20 करोड़ रूपए की स्वीकृति। औद्योगिक क्षेत्र विकास हेतु ग्राम परसगढ़ी अद्योसंरचना विकास हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति। पाराडोल से तेंदूडांड सड़क पर हसदेव नदी पर वृहद पुल हेतु 4 करोड़ की स्वीकृति। छिपछिपी मिडिल स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन। ग्राम भौता में जलाशय निर्माण हेतु 2 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति। ग्राम बंजी में कचारीनाला गुरचहवापारा में बांध निर्माण हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति।
2013-18 के बीच खड़गवां क्षेत्र में प्रमुख बड़ी उपलब्धियां
श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा की मेरो से पाराडोल बीटी सड़क 7 करोड से निर्माण कार्य पूर्ण। उधनापुर से बुंदेली बीटी सड़क 7 करोड से निर्माण कार्य प्रारंभ। पेंड्री से देवाडांड व्हाया मंगोरा बीटी सड़क निर्माण 18 करोड़ लागत की स्वीकृति। रतनपुर से भरदा मार्ग पर बीटी सड़क निर्माण 10 करोड़ लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ। मेरो से कदरेवां मार्ग पर बीटी सड़क निर्माण 5 करोड़ लागत से निर्माण कार्य प्रारंभ। खड़गवां में आईटीआई भवन एवं छात्रावास 4 करोड़ से कार्य प्रगति पर। खड़गवां जनपद क्षेत्र में सिचाई के रकबे को बढ़ाने साजाखाड जलाशय, बलसोता एनीकट, अंजनी जलाशय एवं नहर का निर्माण कार्य 30 करोड़ की लागत से कार्य पूर्णता की ओर। बुंदेली से छिपछिपी हसदेव नदी पर वृहद पुल 12 करोड़ लागत की स्वीकृति के साथ कार्य पूर्णता की ओर। रतनपुर-कोटया मार्ग के आंजन नाला में 7 करोड़ की लागत से पुल की स्वीकृति। पेंड्री से देवाडांड (व्हाया मंगोरा) बुधरा नदी पर लगभग 22 करोड की लागत के पुलों की स्वीकृति। उधनापुर से बुंदेली के बीच कोडिया नाला में 3 करोड़ लागत से पुल निर्माण की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। खड़गवां चंनवारीडांड से जनकपुर के बीच कोडा नाला में 3 करोड़ की लागत से पुल की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। ग्राम ठग्गांव के बगबुडी में गुडघेला नाला पर 2 करोड़ लागत से पुल की स्वीकृति के साथ कार्य प्रारंभ। खड़गवां जनपद क्षेत्र के 40 ग्रामों के 100 मजरेटोलों का वि़द्युतीकरण कार्य। विधायक आदर्श ग्राम उधनापुर में मिनी स्टेडियम हेतु 45 लाख की स्वीकृति। विधायक आदर्श ग्राम से पैनारी तक 3 किमी सड़क हेतु 4 करोड की स्वीकृति। ग्राम पंचायत बेलबहरा से लालपुर तक 3 किमी सड़क हेतु 4 करोड की स्वीकृति। ग्राम दुग्गी ठिहाईपारा से कन्हारबहरा करवा होतु हुए खड़गवां मुख्यालय तक 7 किमी सड़क हेतु 3 करोड की स्वीकृति। चिरमिरी कोरबा मुख्य मार्ग से महामाया मंदिर होतु हुए सिंहपुर तक 8 किमी सड़क हेतु 12 करोड़ की स्वीकृति। कोडांगी से तामडांड मार्ग पर नउवानार नाला पर पुल हेतु 6 करोड की स्वीकृति। फुनगा से बेलबहरा मार्ग पर सुखाड़ नाला पर पुल हेतु 3 करोड की स्वीकृति। पेंड्री से देवाडांड व्हाया मंगोरा मार्ग पर हसदेव नदी पर पुल निर्माण हेतु 15 करोड की स्वीकृति। रतनपुर से चोपन व्हाया कोटया सड़क निर्माण कार्य पुल-पुलियों सहित 11 करोड की स्वीकृति। देवाडांड से नरायणपुर पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 11.70 करोड़ रूपए की स्वीकृति। शिवपुर से उधनापुर पीएमजीएसवाई सड़क हेतु 6.69 करोड़ रूपए की स्वीकृति। ग्राम दुबछोला के नवापारा में गुडघेला नाला पर 50 लाख रूपए से पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ। पोडीड़ीह से पेंड्रा मार्ग पर कटकोना में बुधरानदी पर उच्चस्तरीय पुल 3 करोड़ की लागत से कार्य प्रारंभ। पोड़ीडीह से पेंड्रा मार्ग पर सकड़ा में सुखाड़नदी पर उच्चस्तरीय पुल 3 करोड की लागत से कार्य प्रारंभ। नवीन स्कूल प्रारंभ – क. रतनपुर (हाई स्कूल) ख. जरौंधा (हायर सेकेण्ड्री) ग. कोड़ा (हायर सेकेण्ड्री)। वाटर एटीएम की स्थापना 5 नग (खड़गवां, रतनपुर, कोड़ा, देवाडांड व उधनापुर)। नवीन हास्पिटल – ग्राम रतनपुर में भवन हेतु 55 लाख रूपए की स्वीकृति। 100 करोड़ की लागत से विभिन्न स्टाप डेम, पुल, पुलिया, सीसी सड़क, मनरेगा व रोजगार मुलक कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई। कौडीमार से डोमनीडांड सड़क पर हसदेव नदी पर वृहद पुल निर्माण हेतु 4 करोड़ की स्वीकृति। बरदर से पीपरबहरा 5 किमी सड़क निर्माण पुल पुलियों सहित हेतु 6 करोड़ की स्वीकृति। मंझौली मिडिल स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन। ग्राम कोड़ा नेवरी में गिधराउबका जलाशय निर्माण हेतु 23 करोड़ 63 लाख की स्वीकृति। ग्राम कौड़ीमार में जलाशय निर्माण हेतु 3 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति। ग्राम कटकोना में संग्राम घोघरा में बांध निर्माण हेतु 3 करोड़ की स्वीकृति।
2013-18 के बीच की कुछ विशेष उपलब्धियां
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के चिरमिरी, मनेन्द्रगढ़, झगराखाण्ड व खड़गवां में शुद्ध पेयजल हेतु 1.75 करोड़ की लागत से 25 नग कोरिया नीर वाटर एटीएम की स्थापना। बहुदेशीय जल परियोजना हेतु हसदेव नदी में केवई नदी को जोड़ने का अभूतपूर्व प्रयास। सत्ता परिवर्तन के बाद परियोजना अधर में रह गयी। 250 आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों का मुख्यमंत्री संजीवनी कोष से प्रत्येक का 1-2 लाख रूपए की वित्तीय सहायता से ईलाज हेतु किया गया। चिरमिरी, मनेन्द्रगढ़ व झगराखाण्ड शहरों में जल आवर्धन योजना हेतु 5-5 करोड़ रूपये राशि से एनीकट निर्माण की स्वीकृति। विधानसभा क्षेत्र में पहली बार चिरमिरी व मनेन्द्रगढ़ में प्रति सप्ताह एक दिन विधायक कार्यालय में जनसंवाद कार्यक्रम शुरू किया।
क्षेत्र के विकास के लिए श्याम बिहारी के आगामी विजन
घटती घटना के संवाददाता से बातचीत में श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि यदि क्षेत्र की जनता और प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता में लाती है, और मुझे दोबारा मौका मिलता है तो कुछ महत्वपूर्ण कार्य जो क्षेत्र के लिए मेरे विगत कार्यकाल में नहीं हो पाए, जो सदैव से मेरे जेहन में हैं वह यह की क्षेत्र को प्रदेश के आदर्श जिले, आदर्श क्षेत्र के रूप में स्थापित करना, मनेंद्रगढ़ विधानसभा में बेरोजगारी दूर करने के लिए लघु कुटीर उद्योग, व्यवसायिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को लाना, नवीन खदानों के माध्यम से विस्थापन को रोकना, नागपुर चिरमिरी रेल लाइन को पूर्ण कराना, 100 लघु कुटीर उद्योग की स्थापना, इनके अलावा भी कई बृहद योजनाएं मेरे महत्वपूर्ण विजन में हैं।
अपने कार्यकाल के कार्यों के बलबूते मैदान में
मनेंद्रगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल से बातचीत में यही लगा कि उनकी प्रतिद्वंदिता किसी और से नहीं बल्कि स्वयं से है। जहां वे स्वयं को और क्षेत्र को बेहतर करने के प्रयास में निरंतर लगे हुए हैं। उनमें लोगों का सामना करने की क्षमता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे कार्यों को मूर्त रूप दिया है जो आज भी लोगों की सुख-सुविधाओं का बायस हैं। और यही कारण है कि उन्हें पर्याप्त जन समर्थन है। वह अपनी उपलब्धियों को लेकर मैदान में हैं। यदि भारतीय राजनीतिक पार्टियां और उनके नुमाइंदे आम जनता को बरगलाने के बजाय अपनी उपलब्धियों को लेकर सामने आए, तो अपने क्षेत्र के लिए जनसेवक चुनने में जनता को भी आसानी होगी। छत्तीसगढ़ में 15 साल बनाम 5 साल का यह चुनाव सबसे ज्यादा रोचक होने वाला है, क्योंकि विगत चुनाव में तुलनात्मक स्थिति नहीं थी। परंतु इस चुनाव में जनता के पास तुलना का विकल्प होगा। बहरहाल चुनाव में अभी समय है और आगे जो होगा वह भविष्य के गर्भ में है। परंतु यदि कोई जनप्रतिनिधि अपनी उपलब्धियों को जनता के समक्ष गिना पाता है, तो निश्चय ही जनता भी उसे सर आंखों पर बिठाएगी।