उदयपुर, 20 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। हसदेव अरण्य वन क्षेत्र में कोयले खदानों को दी गई स्वीकृतियों के विरोध में लगातार आंदोलन चल रहा है। सरगुजा जिले के विकास खंड उदयपुर अंतर्गत ग्राम हरिहरपुर में विगत 2 मार्च से जारी धरना को 275 दिन पूरे हो चुके है ।
आंदोलन के 275 दिन पूरे होने पर मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग धरना स्थल में एकत्र होकर आंदोलन को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एवं सरपंच पतुरियाडांड उमेश्वर आर्मो ने कहा कि राज्य सरकार ने परसा खदान की वन स्वीकृति को निरस्त करने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को पत्र लिखा है और व्यापक जान आक्रोश को संज्ञान में लिया है लेकिन फर्जी ग्राम सभा और पर्यावरणीय चिंताओं का कोई उल्लेख नहीं किया। वे स्वयं ही अंतिम वन स्वीकृति निरस्त कर सकते है और परसा कोल खदान को रद्द कर सकते है। जब तक हसदेव अरण्य की सभी खदाने आधिकारिक रूप से निरस्त नहीं कि जाती यह आंदोलन सतत चलता रहेगा।
साल्ही गांव से रामलाल करियाम ने कहा कि यह वर्ष समाप्त होने को है और आंदोलन में सामूहिक रूप से इकट्ठा किया गया अनाज भण्डार भी। हमने इस वर्ष के धान की कटाई पूर्ण कर ली है और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए अपने हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के अन्न भण्डार को वापस भरना शुरू कर दिया है।
फोपुर से मुनेश्वर पोर्ते ने आरोप लगाया कि हमारे आंदोलन को कमजोर करने कंपनी और प्रशासन द्वारा फर्जी एफ आई आर तक का सहारा ले चुके है। लेकिन इन हथकंडों से हम कमजोर नहीं होंगे बल्कि यह आंदोलन और भी तेज होगा क्योंकि व्यापक जन समर्थन इस संघर्ष के साथ जुड़ा है।
हसदेव अरण्य के जंगलों को बचाने नए वर्ष 2023 में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति छाीसगढ़ के सामाजिक संगठनों और प्रकृति प्रेमी लोगों से हसदेव में जंगल बचाने सम्मेलन में शामिल होने का आव्हान करेगी। इस दौरान हरिहरपुर धरना स्थल में उमेश्वर आर्मो, सुनीता पोर्ते, मायावती देवी, रामलाल करियाम, मुनेश्वर पोर्ते सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
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