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दमोह@बच्चों के धर्मान्तरण मामले की जांच में खामियां

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राष्ट्रीय बाल आयोग ने कलेक्टर को समन भेजकर बुलाया
दमोह ,18 दिसंबर 2022 (ए)। धर्मांतरण के मामले की जांच के बीच राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)ने दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य को समन जारी करके 26 दिसंबर को दोपहर 3 बजे कार्यालय में पेश होने के लिए कहा है। आयोग ने जिला प्रशासन की ओर से धर्मांतरण के मामले की जांच करने के लिए गठित की गई कमेटी पर सवाल उठाया है। साथ में जांच रिपोर्ट में अनेक खामियां मिलने का उल्लेख किया है।
बिना दस्तावेज के भेजी एटीआर रिपोर्ट
दरअसल आयोग ने कलेक्टर के नाम से जो समन जारी किया है, उसमे उल्लेख किया है कि 05 दिसंबर को आयोग ने बाल गृह और अन्य शिक्षण संस्थाओं में पाए गए गैरकानूनी प्रथाओं के खिलाफ शिकायत अग्रेषित की थी। यह शिकायत ईसाई मिशनरी के संस्थानों के निरीक्षण के बाद की गई थी। जिसके बाद आयोग को कलेक्टर कार्यालय से 14 दिसंबर को एक “एटीआर (कार्रवाई रिपोर्ट) प्राप्त हुई है। जिसमें आपके कार्यालय ने जांच रिपोर्ट साझा की थी। आयोग ने इस एटीआर को असंतोषजनक पाया था, क्योंकि आपके कार्यालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी में कोई दस्तावेज नहीं है। जिसे आयोग के पत्र में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
साथ ही आयोग ने एटीआर पत्र के उस पैराग्राफ पर भी सवाल उठाया है। जिसमें उल्लेख किया गया है किज्बच्चों के बयान के अनुसार वे जन्म से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थेज्लेकिन उक्त बयानों को किसी भी दस्तावेज द्वारा समर्थित नहीं किया गया है और न ही बच्चों और उनके माता-पिता के अनुसूचित जाति से होने के बारे में कोई जानकारी प्रदान की गई है। इसलिए आयोग ने फिर से उन दस्तावेजों की पहचान करने के लिए अवलोकन कराना चाहता था। लेकिन जो एटीआर प्रस्तुत की गई। उसमें दस्तावेजों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई।
आयोग को उस निर्देश के संबंध में कोई अनुपालन रिपोर्ट और आदेश नहीं मिला है। जिसका उल्लेख आयोग ने अपने पत्र के बिन्दु नंबर 12 के तहत किया गया था। इसी तरह आयोग को धर्मांतरण के मामले की जांच के लिए गठित की गई समिति का समर्थन करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं मिला है, जबकि उसका उल्लेख आयोग ने अपने पत्र के बिंदु 14 के अनुपालन में होने का दावा किया है।
आयोग के अध्यक्ष ने खुद कराई थी एफ आईआर
इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित आधारशिला के बाल भवन, मिड इंडिया और भिड़ावरी के पास संचालित बाल गृहों का निरीक्षण किया था। मामले में गड़बड़ी मिलने पर काननूगो ने मिशनरी के 10 संचालकों के खिलाफ धर्मांतरण सहित अनेक धाराओं में मामला दर्ज कराया था। जिसमें डॉ. अजय लाल को जमानत मिल गई है। बाकी को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। इस मामले में इससे पहले एसपी डीआर तेनीवार को भी नोटिस किया जा चुका है।
बता दें कि राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रियंक कानूनगो, मप्र बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बीते दिनों दमोह के मिशनरी के बाल भवन सहित तीन संस्थाओं का निरीक्षण किया था। यहां कुल 194 बच्चे दर्ज मिले थे, जिनमें से करीब 148 बच्चे मौके पर मौजूद थे। इनका धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया था। इस दौरान एक मुस्लिम बच्चे को भी क्रिश्चियन बनाने का खुलासा हुआ था। डिंडौरी के एक किशोर को पास्टर की ट्रेनिंग दी जा रही थी। मामले में निरीक्षण के बाद खुद आयोग के अध्यक्ष ने थाने पहुंचकर एफ आईआर कराई थी।


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