- क्या अपने पाले की गेंद दूसरे के पाले में डालने के मामले में महारत प्राप्त है मनेंद्रगढ़ विधायक को?
- विधायक के प्रतिनिधि ही विधायक की जल्दबाजी में करा रहे फजीहत।
चिरमिरी 15 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्रमांक 2 के विधायक सलाहकार या यह कहें विधायक प्रतिनिधि विधायक की फजीहत कराने से बाज नहीं आ रहे हैं, विधायक को अपना कार्य दिखाने के चक्कर में विधायक की ही वह फजीहत करा दे रहे हैं, कुछ ऐसा ही वाकया तब हुआ जब व्हाट्सएप के एक प्रतिष्ठित समूह में उनके प्रतिनिधि ने विधायक की मुलाकात की फोटो किसी और के साथ वाली डाली और जानकारी किसी और की बताई, जिस फोटो को व्हाट्सएप समूह में डाला गया उसमें विधायक कुलपति से मुलाकात कर रहे हैं पर जानकारी एसईसीएल के सीएमडी से मुलाकात करने की डाल दी गई जिसके बाद उस समूह में ही उस प्रतिनिधि की फजीहत हो गई लोगों ने उस पर छींटाकशी शुरू कर दी की जानकारी तो सही है पर फोटो तो सीएमडी की नहीं है। हालांकि सोशल मीडिया में लोगों के द्वारा याद दिलाने पर गलती भी माननी और फिर तत्काल सुधार कर सही फोटो डाली गई।
अपनी नाकामी छुपाने के उद्देश्य से अपने पाले की गेंद दूसरे के पाले में डालने के मामले में महारत हासिल विधायक खुद तो अपने क्षेत्र में कोयला लोहा चोरी जैसे अपराधों पर अंकुश लगवा पाने में अक्षम है वही मात्र दिखावे की गरज से कोयला कंपनी के सह प्रबंध निदेशक के बिलासपुर कार्यालय पहुंचकर उन्हें ज्ञापन देते वह नजर आए। सवाल यह उठता है कि खुद के उत्पादित कोयले और लौह सामग्री की सुरक्षा नहीं कर पाने वाले प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली जगजाहिर है।
एक वर्ष पूर्व थाने में खुद पहुंचकर कोयला लोहा चोरों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए आवेदन दिया गया था
ज्ञात हो कि विधायक जी के द्वारा पिछले एक वर्ष पूर्व चिरमिरी थाने में खुद पहुंचकर अपने समर्थकों के साथ इन कोयला लोहा चोरों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए थाने में आवेदन दिया गया था पर कुछ हुआ नहीं, पुलिस प्रशासन के द्वारा कार्यवाही तो दूर महोदय के आवेदन के उपरांत तो चोरों ने अपनी उत्पादन और परिवहन की क्षमता 20 गुना बढ़ा दी है, जबकि विधायक जी के समर्थन वाली सरकार है सरकार में इनकी दखल भी तगड़ी है उनके एक इशारे पर किसी का भी स्थानांतरण सहित अन्य कार्यवाहीयां तुरंत होती रही है, चाहे वह चंदन गुप्ता का मामला हो या फिर चंदन शर्मा का या फिर श्रीमती सोनकर के पति का स्थानांतरण हो या फिर मनेंद्रगढ़ थाने में उनके विधि विरुद्ध कार्यवाही हो महोदय जी के एक इशारे पर नाचने वाले अधिकारी उनके आवेदन पर उचित कार्यवाही ना कर आखिर कोयला लोहा चोरी पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा पा रहे हैं?
विधायक व महापौर एक ही घर से फिर भी समस्या दूर होने अगले जनप्रतिनिधि का कर रहे इंतजार?-
सनद रहे कि क्षेत्रीय विधायक पूर्व में भी एक ऐसी घटना को अंजाम दे चुके हैं, चुकी इनकी पत्नी स्वयं महापौर हैं पूरे चिरमिरी क्षेत्र के पेयजल सहित अन्य कार्यों के उपयोग के लिए पानी की सप्लाई की जिम्मेदारी निगम प्रशासन की है, खुद आज तक 100 प्रतिशत घरों में पानी पहुंचा नहीं सके हैं अपनी नाकामी को छुपाने के उद्देश्य से पूर्व तात्कालिक महाप्रबंधक के बंगले में स्वयं अपने समर्थकों के साथ बगले में घुसते नजर आए थे विधायक जी, जिसको लेकर उन्हें काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा था, उन्होंने महाप्रबंधक की एक बैठक में पहुंचकर उसमें खेद भी व्यक्त किया था जिसका एक वीडियो बाजार में काफी दिनों तक वायरल होती रही है, यहां पर भी विधायक जी माइंड गेम खेलते नजर आए जबकि नगर निगम की जिम्मेदारी ही नागरिकों को मिलने वाली सभी बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने की है, जिसमें जल प्रदान करना अहम हिस्सा माना जाता है, इन सबके बीच बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जो काम निगम और स्थानीय प्रशासन का है वह काम सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एवं महाप्रबंधक (जीएम) को विज्ञप्ति देकर जनता का गुमराह करना चाहते हैं,जनता सब जानती है और समझती हैं।