नई दिल्ली @एलएसी के पास भारतीय वायुसेना की कड़ी नजर

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नई दिल्ली ,13 दिसंबर 2022(ए)। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर से सटे बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। चीन अपने नापाक इरादों की चालबाजी दिखाते हुए अपने 300 सैनिकों को यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने भेजा। लेकिन भारतीय सैनिकों के आगे चीनी सैनिकों की चालाकी नहीं चल पाई। भारतीय सैनिकों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए उनके नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने दिया। बता दें कि हालिया संघर्ष से पहले चीनी ड्रोन ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा में घुसपैठ की भी कोशिश की थी, जिसके बाद भारतीय सेना सकते में आ गई और किसी भी तरह के उल्लंघन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात करना पड़ा।
निम्न बिंदुओं पर भारतीय वायुसेना की विशेष नजर
भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यथास्थिति बदलने की पिछले हफ्ते 9 दिसंबर को की गई चीनी सैनिकों की एकतरफा कोशिश के बाद राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात पर करीब से नजर रख रही है। इस घटनाक्रम की इससे जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी।
वहीं संसद में इसे लेकर बड़े पैमाने पर विपक्ष के विरोध के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।  अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर पहले लोकसभा एवं बाद में राज्यसभा में दिए बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है।
रक्षा मंत्री ने अपने बयान में बताया, हमारे किसी भी सैनिक की मौत नहीं हुई या गंभीर रूप से घायल नहीं हुए।
अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं।’
घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने संकेत दिया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने सुरक्षा संबंधी लड़ाकू विमानों को तैनात करते हुए उनके उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है।
पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।
 अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद चीन की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। एएफपी ने बताया कि झड़प के बाद चीन ने कहा कि भारतीय सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है।
इस पूरी घटना पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, यांगत्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और हर साल मैं क्षेत्र के जवानों और ग्रामीणों से मिलता हूं। यह अब 1962 नहीं है। अगर कोई अतिक्रमण करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक मुंहतोड़ जवाब देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं हुआ है।

एलएसी के पास भारतीय वायुसेना की कड़ी नजर
नई दिल्ली ,13 दिसंबर २०२२(ए)। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर से सटे बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। चीन अपने नापाक इरादों की चालबाजी दिखाते हुए अपने 300 सैनिकों को यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने भेजा। लेकिन भारतीय सैनिकों के आगे चीनी सैनिकों की चालाकी नहीं चल पाई। भारतीय सैनिकों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए उनके नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने दिया। बता दें कि हालिया संघर्ष से पहले चीनी ड्रोन ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा में घुसपैठ की भी कोशिश की थी, जिसके बाद भारतीय सेना सकते में आ गई और किसी भी तरह के उल्लंघन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात करना पड़ा।
निम्न बिंदुओं पर भारतीय वायुसेना की विशेष नजर
भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यथास्थिति बदलने की पिछले हफ्ते 9 दिसंबर को की गई चीनी सैनिकों की एकतरफा कोशिश के बाद राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात पर करीब से नजर रख रही है। इस घटनाक्रम की इससे जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी।
वहीं संसद में इसे लेकर बड़े पैमाने पर विपक्ष के विरोध के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।  अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर पहले लोकसभा एवं बाद में राज्यसभा में दिए बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है।
रक्षा मंत्री ने अपने बयान में बताया, हमारे किसी भी सैनिक की मौत नहीं हुई या गंभीर रूप से घायल नहीं हुए।
अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं।’
घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने संकेत दिया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने सुरक्षा संबंधी लड़ाकू विमानों को तैनात करते हुए उनके उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है।
पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।
 अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद चीन की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। एएफपी ने बताया कि झड़प के बाद चीन ने कहा कि भारतीय सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है।
इस पूरी घटना पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, यांगत्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और हर साल मैं क्षेत्र के जवानों और ग्रामीणों से मिलता हूं। यह अब 1962 नहीं है। अगर कोई अतिक्रमण करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक मुंहतोड़ जवाब देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं हुआ है।


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