नई दिल्ली , 10 दिसम्बर 2022 (ए)। उपराज्यपाल कार्यालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आदेश को अवैध बताया है जिसे उन्होंने योजना विभाग को दिया था, जिसमें जैस्मिन शाह के समर्थन में कहा था कि जैस्मिन शाह को सभी सुविधाएं बहाल की जाएं। उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा है कि जैस्मीन शाह के मामले को पहले ही कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जा चुका है।उपराज्यपाल के निर्देश पर पिछले 17 नवंबर को योजना विभाग ने दिल्ली संवाद एंव विकास आयोग के उपाध्यक्ष के पद के तहत शाह को मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया था। एलजी ने शाह को पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा था।
सुविधाएं ली गईं थी वापस
वहीं पिछले महीने उपराज्यपाल के एक आदेश के बाद उन्हें दी जा रही सुविधाओं को वापस ले लिया गया था। सिविल लाइन्स के एसडीएम ने गत 17 नवंबर को जैस्मिन शाह के दफ़्तर को सील कर दिया था। जैस्मिन शाह ने इस कदम के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
क्या कहा केजरीवाल ने?
शाह को हटाने और उनके विशेषाधिकार वापस लेने का प्रशासनिक आदेश भी 17 नवंबर को एलजी सक्सेना के निर्देश के बाद योजना विभाग द्वारा जारी किया गया था, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने आदेश में लिखा है कि इस मुद्दे पर कोई अधिकार उनके पास नहीं है। केजरीवाल ने आदेश में कहा है कि डीडीसी उपाध्यक्ष को कैबिनेट के एक फैसले से नियुक्त किया गया था और केवल आयोग के अध्यक्ष की मंजूरी से ही उन्हें हटाया जा सकता है, य
ह अधिकार केवल मुख्यमंत्री के पास है।
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