रामानुजगंज 10 दिसम्बर 2022(घटती घटना) जिला न्यायधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी कि अध्यक्षता में विश्व मानवाधिकर दिवस के अवसर पर जिला जेल रामानुजगंज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। सिराजुद्दीन कुरैशी ने विचाराधीन कैदियों को संबोधित करते हुए कहां की जो अधिकार मानव को जन्मजात प्राप्त है उसे मानवाधिकार कहा जाता है। उन्हें स्वतंत्रता,समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए सम्मान मिलना चाहिए। इन अधिकारों का उलंघन करने वालों को अदालत द्वारा सजा दी जाती है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक,सामाजिक और शिक्षा का अधिकार शामिल है। मानवाधिकार वे अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल,जाति,राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार से वंचित या प्रताडि़त नहीं किया जा सकता। किंतु हमारे देश की विडंबना है कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी हर दिन मानवाधिकार का लगातार हनन हो रहा है। आज समृद्ध लोग गरीब लोगों के अधिकारों को रौंद रहे है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे अंदर पूर्ण जानकारी की कमी है। हम अपने अधिकारों से परिचित नहीं हैं। हमें अपने अधिकारों को जानना अत्यंत आवश्यक है। उन्होनें गांधी जी के सत्य एवं अहिंसा को बताते हुए कहा कि गांधी जी ने अपने इन्हीं दोनो हथियारों की बदौलत अंग्रेजी साम्राज्य को समाप्त किया। उन्होनें बंदियों के लिए लाईब्रेरी एवं धार्मिक,साहित्यिक किताबें उपलध कराने हेतु जेल अधीक्षक को निर्देश दीये। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्रकार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जेल अधीक्षक जी0एस0 मरकाम, तहसीलदार विनीत सिंह,पूर्व लोक अभियोजक बिपिन बिहारी सिंह, लोक अभियोजक अविनाश गुप्ता,लीगल एंड क्लीनिक अधिवक्ता अवधेश गुप्ता,पैनल अधिवक्ता राकेश पाण्डेय,जिला जेल के समस्त स्टॉफ एवं पीएलव्ही उपस्थित थे।
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