चिरमिरी/मनेंद्रगढ़@सरकार की…पुलिस विभाग की या विधायक की हो बदनामी फिर भी नहीं रुकेगा अवैध कारोबार?

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  • चिरमिरी में नहीं थम रहा अवैध कोयले का काला कारोबार,संबंधित विभाग बना मूकदर्शक
  • माफियाओं की जेसीबी जब्त,फिर भी कोयला उत्खनन में जुटे हुए हैं कोयला चोर,क्या नहीं है माफियाओं को पुलिस का डर?
  • क्या चिरमिरी में जारी कोयला चोरी मामले में केजीएफ या पुष्पा फिल्म की तर्ज पर बन सकती है फिल्म?
  • कोयला चोरों की जेसीबी जंगलों में धड़ल्ले से कर रही अवैध कोयला उत्खनन और रोकने वाला कोई नहीं

रवि सिंह –
चिरमिरी/मनेंद्रगढ़ 10  दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। यूपी जैसे प्रदेशों में बुलडोजर काफी प्रसिद्ध हुआ वहां पर बुलडोजर इसलिए प्रसिद्ध हुआ क्योंकि बुलडोजर के द्वारा अवैध कार्य करने वालों पर कार्यवाही की जा रही थी, लेकिन छत्तीसगढ़ के नवीन जिले एमसीबी में जेसीबी इसलिए प्रसिद्ध होता जा रहा है क्योंकि यहां पर जेसीबी का उपयोग अवैध कारोबार में जमकर हो रहा है, जंगलों व पहाड़ों के अंदर जेसीबी पहुंचकर अवैध कोयले का उत्खनन कर रहा है, पूरी तरह से कोयले का अवैध कारोबार केजीएफ और पुष्पा फिल्म की कहानी का रूप ले लिया है इस पर रोक लगाने में पुलिस प्रशासन से लेकर शासन पर बैठे हुए लोग भी असफल हो चुके हैं, ऐसा लगता है कि इन कोल माफियाओं के सामने इन्होंने घुटने टेक दिए हैं, कुछ दिन पहले ट्रक और जेसीबी पकड़ कर पुलिस ने खूब वाहवाही बटोरी थी, इसके बाद फिर से जेसीबी जंगलों को बर्बाद कर कोयले का अवैध उत्खनन कर रही है, सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि इस अवैध कारोबार को लेकर जहां वर्तमान सरकार पुलिस विभाग व स्थानीय विधायक की फजीहत हो रही है बदनामी हो रही है इसके बावजूद इस पर कार्यवाही ना कर इसे बढ़ावा देना कहां तक उचित है यह समझ से परे है? बदनामी और  फजीहत हो तो हो पर कारोबार तो होगा क्या इस तर्ज पर माफिया कर रहे हैं काम? ना सरकार को अपनी फजीहत की चिंता है ना पुलिस विभाग को और ना ही स्थानीय विधायक को, यही वजह है कि यह कारोबार बढ़ता जा रहा है, माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि अब मशीन का भी उपयोग अवैध कारोबार में कर रहे हैं लगातार वीडियो व फोटो वायरल हो रहा है जो कहीं ना कहीं पुलिस तक भी पहुंच रही है और उनकी पोल खोल रही है पर ना जाने पुलिस क्यों लाचार बैठी है?

शासन प्रशासन की असफलता खुलकर सामने दिख रही है,अवैध कारोबार अब शासन प्रशासन के नियंत्रण से बाहर हो चुका है
चिरमिरी में जारी साथ ही कोरिया जिला में जारी कोयला चोरी मामले में जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन की भूमिका मूकदर्शक की बनी हुई है और जिस स्तर पर जिस तरह यह चोरी का कारोबार हो रहा है उसे देखकर साफ लग रहा है कि कोयला चोर अब प्रशासन पर हावी हो चुके हैं और उनपर किसी का नियंत्रण नहीं है,कुल मिलाकर लूट मची हुई है और जितना जो लूट सके कि तर्ज पर जिले का खनिज लुटा जा रहा है। कोयला चोरों में सफेदपोश भी शामिल हैं और सभी मिलकर बंदरबांट कर रहें हैं जो खुलेआम हो रहा है।
जिलेवासियों के हक़ पर कोयला चोर डाल रहे डाका,जनप्रतिनिधी भी हैं मौन
चुनाव पूर्व बड़ी बड़ी बातें करने वाले क्षेत्र विकास की बातें करने वाले जनप्रतिनिधी भी कोयला चोरी मामले में मौन हैं और जिलेवासियों के हक़ पर पड़ रहे डाका मामले में मूकदर्शक बनकर बैठे हुए हैं। जिले की खनिज संपदा पर जहां हक़ यहां की जनता का होना था उसपर हक़ अब केवल चोरों का रह गया है और उन्हें एक तरह से पूरी तरह से छूट दे दिया गया है कि वह लूटकर जितना ले जा सकें ले जाएं और जिलेवासियों के हक़ पर डाका डालते रहें।
चिरमिरी को स्थायित्व दिलाने की बात कोरी बात,अब यही लग रहा है
विस्थापन का दर्द झेल रहे चिरमिरी को स्थायित्व दिलाने की बात करने वाले चिरमिरी को लुटता देख रहें हैं और चिरमिरी लगातार चोरों से लूट रहा है और वह मौन हैं जो इसके स्थायित्व की बात किया करते थे,अब यही लगता है कि स्थायित्व की बात केवल कोरी बात थी और सभी अपने अपने लाभ के लिए राजनीति में अपनी रोटी सेंक रहें हैं यही लगता है। चिरमिरी को स्थायित्व तो नहीं मिल पा रहा है बशर्ते प्रतिदिन चिरमिरी लूट रहा है यह देखा जा रहा है।
सरेआम जारी है कोयला चोरी,चोरों की हो रही मोटी कमाई- कोयला चोरी सरेआम जारी है और चोर मोटी कमाई कर रहें हैं। कोयला चोरों की प्रतिदिन की आमदनी जहां लाखों करोड़ों में है वहीं स्थानीय लोग बेरोजगार घूम रहे हैं, कुलमिलाकर चिरमिरी सहित कोरिया जिले में कोयला चोरों पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
भ्रष्टाचार और चोरी मामले में शासन प्रशासन का मौन रहना,कहीं मौन स्वीकृति तो नहीं
भ्रष्टाचार और चोरी जो खनिज संपदाओं की चोरी है मामले में शासन प्रशासन का मौन रहना कहीं न कहीं शासन प्रशासन की मौन सहमति की तरफ इशारा करती है। जिले में खनिज संपदाओं की खुलकर चोरी की जा रही है भ्रष्टाचार चरम पर है समाचारों में प्रतिदिन मामले प्रकाशित भी हो रहें हैं फिर भी शासन प्रशासन पूरी तरह कुम्भकर्णीय नींद में सोया हुआ है या सोने का अभिनय कर रहा है। कुलमिलाकर दोनों ही मामलों जिनमे भ्रस्टाचार और खनिज संपदाओं की चोरी का मामला है शासन प्रशासन की इसे रोकने को लेकर बिल्कुल भी सक्रियता नहीं दिखती साथ ही इसको लेकर कोई गंभीरता भी नहीं दिखती। इसको देखते हुए लगता है कि लूट में मदद के लिए शासन प्रशासन के नुमाइंदे मदद करने बैठे हैं रोकने के लिए नहीं।



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