कोरबा@एनटीपीसी के राखड़ डैम ने ग्रामीणों का जीना किया दुश्वार,ग्रामीण हो रहे परेशान

Share


कोरबा , 06 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरबा के ग्राम धनरास स्थित एनटीपीसी के राखड़ डैम ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर रखा है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कंपनी धनरास गांव के राखड़ डैम में राख डंप कर रही है। व्यापक इंतजाम तो दूर राख में पानी का छिड़काव तक नहीं हो रहा है, जिससे जहरीला राख उड़कर आसमान में बादल का रूप ले रहे हैं। सर्द मौसम में हल्की हवा चलते ही आस पास के दर्जन भर गांव में राख की आंधी से पट जा रहे है। जिससे यहां के ग्रामीण बेहद परेशान हैं, हालात यह हैं कि ग्रामीण सर्दी के मौसम में आंगन में खाना नहीं बना पाते। उनकी त्वचा में खुजली का प्रकोप है,जिससे ग्रामीणों में एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ नाराज़गी देखी जा सकती है। एनटीपीसी के राखड़ डैम से दर्जन भर गांव राखड़ से प्रभावित हो रहे हैं ढ्ढ धनरास एनटीपीसी पावर प्लांट के राखड़ डैम में हवा चलने पर आसमान में राख का गुबार दिखाई दिया। पानी का छिड़काव नहीं होने से राख उड़कर आसमान में बादल का आकार ले रहे हैं। जिससे आसपास के लगभग दर्जनभर गांव प्रभावित हैं। सभी स्थानों पर जहरीले राख की बारिश हो रही है। गांव धनरास के साथ ही साथ जाटांगपुर, छूरीखुर्द, गांगपुर, झोरा, सलोरा, बिशनपुर, बरेड़ीमुड़ा, चोरभट्टी और नवागांव कला जैसे गांव रखाड़ डैम से उड़ने वाली राख से परेशान हैं। 2600 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली एनटीपीसी की कोरबा परियोजना लगातार उत्पादन से लेकर ईंधन की बचत और अन्य मामलों में रिकार्ड बना रही है। इसी के साथ राखड़ की समस्या के कारण एनटीपीसी का नाम कोरबा और छाीसगढ़ के साथ-साथ देश में रौशन हो रहा है। कंपनी ने लोतलोता और धनरास में संयंत्र से निकलने वाली राख को संग्रहित करने के लिए फ्लाई ऐश बांध बनाया है। कई मौकों पर इनका विस्तार किया गया और रेजिंग भी बढ़ाई गई है। इन सबके बावजूद अलग-अलग कारणों से पाइपलाइन के जरिये यहां तक आने वाली राख ऊपरी हिस्से से उड़ते हुए पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करने का कारण बनी हुई है। हालांकि पर्यावरण प्रबंधन के मामले में कंपनी जिस तरह के दावे कर रही है, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। ग्रीन बेल्ट के नाम पर कंपनी आखिर किस तरह से मैनेजमेंट और खर्च कर रहा है, यह लोगों के समझ से परे है। ये बात अलग है कि सामुदायिक विकास के बहाने एनटीपीसी लोगों से करीब होने का प्रदर्शन तो करती है, लेकिन इधर राखड़ से लोगों के स्वास्थ्य पर जो बुरा असर पड़ रहा है वह भी सोचने का विषय है। प्रबंधन ने इस समस्या के समाधान की दिशा में अब तक कोई पहल कि है वह नजर नहीं आ रहा है।


Share

Check Also

कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला

Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …

Leave a Reply