- आरोपी पकड़ने में पुलिस की दिखी कई लापरवाही पर क्या होगी जांच ?
- क्या बिना फिटनेस वाले वाहन से मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम कर रही थी मध्यप्रदेश में आरोपी की तलाश?
- आरोपी को पकड़कर वापस लौटते समय वाहन हुआ दुर्घटनाग्रस्त, ड्राइवर की हुई मौत
- खुद ही वाहनों के दस्तावेजों की जांच करने वाली मनेंद्रगढ़ पुलिस की यह बड़ी लापरवाही
- मामला मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम के वाहन दुर्घटना से जुड़ा हुआ,मध्यप्रदेश में पलट गया आरोपी को लेकर आ रहा वाहन
- क्या ड्राइवर के परिवार के आश्रित सदस्य को मिलेगी पुलिस विभाग की तरफ से नौकरी या अन्य लाभ,परिजनों की न्याय की गुहार?
- बिना फिटनेस वाली वाहन लेकर पुलिस वाले गए थे आरोपी पकड़ने,वाहन हुई दुर्घटनाग्रस्त, चालक की हुई मौत, बीमा कंपनी देगी क्षतिपूर्ति राशि?
–रवि सिंह-
एमसीबी/मनेंद्रगढ़ 6 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना) मनेंद्रगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लंबे समय से तरह तरह की बात होती आ रही थी आरोप-प्रत्यारोप लगता रहा था पर इस बार तो आरोप-प्रत्यारोप नहीं बड़ी लापरवाही सामने देखने को मिली है और वह लापरवाही कहीं ना कहीं पुलिस की तरफ से ही हुई है यह माना जा रहा है पुलिस महानिरीक्षक के आने से ठीक 1 दिन पहले थाना प्रभारी 5 कर्मचारियों के साथ एक दिव्यांग आरोपी को पकड़ने मध्यप्रदेश रवाना हो गए थे, पुलिस महानिरीक्षक के दौरे में वह अनुपस्थित रहे, पुलिस महानिरीक्षक के जाने के एक दिन बाद आरोपी को पकड़कर लौटते समय पुलिस की वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें वाहन चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, अब एक और बड़ी बात यह आ रही है कि जिस वाहन में सवार होकर थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी आरोपी को पकड़ने गए थे उस वाहन का दस्तावेज ही पूर्ण नहीं था, जानकारी आ रही है कि उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन का फिटनेस फेल था फिर भी उस वाहन को लेकर पुलिसकर्मी आरोपी को पकड़ने क्यों गए? जब वाहन के दस्तावेज चेक करने वाले पुलिसकर्मी खुद जाने वाली वाहन का दस्तावेज चेक करना भूल गए? तो यह लापरवाही नहीं तो और क्या है?
ज्ञात हो की मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम का वाहन मध्यप्रदेश के भेड़ाघाट के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने मामले में नई बात सामने आ रही है, वाहन जिस समय दुर्घटनाग्रस्त उस समय वाहन में थाना प्रभारी व प्रधान आरक्षक जो स्वयं भी रवानगी डालकर मध्यप्रदेश रवाना हुए थे एक अपराधी को पकड़ने मौजूद नहीं थे और वह अन्य वाहन से सफर कर रहे थे ऐसा सूत्र बता रहें हैं। जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें दुर्घटना के समय सहायक उप निरीक्षक, दो आरक्षक आरोपी व वाहन चालक ही मौजूद था ऐसा सूत्रों का दावा है। वहीं जिस आरोपी को पकड़ने मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने की पूरी की पूरी टीम मतलब अधिकांश पुलिसकर्मी मध्यप्रदेश गए हुए थे वह दिव्यांग है और उसको पकड़ने पूरा पुलिस थाना खाली करके जाना वह भी तब जब पुलिस महानिरीक्षक का मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र में ही पहला दौरा हो सवाल खड़ा करने वाला मामला लगता है और इस ओर इशारा करता है कि पुलिस महानिरीक्षक के गुस्से से जो मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने की कार्यप्रणाली को लेकर थी जो अवैध कारोबार को संरक्षण देने के मामले से जुड़ी हुई थी से बचने के लिए ऐसा किया गया और पूरा का पूरा पुलिस थाना मध्यप्रदेश रवाना हो गया एक दिव्यांग आरोपी को पकड़ने। आरोपी को पकड़ कर लाते समय वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया और ड्राइवर को झपकी आना इसकी वजह बताई जा रही है जिसके कारण दुर्घटना घटी।
क्या थाना प्रभारी ने सहानुभूति के लिए सोशल मीडिया पर खुद के गंभीर होने की अफवाह फैलवाई थी?
सवाल यह उठता है की क्या सच मे मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी व एक प्रधान आरक्षक उस समय वाहन में मौजूद थे जिस समय मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम की वह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुई मध्यप्रदेश में जिसमे आरोपी को पकड़कर लाया जा रहा था वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि वाहन में यदि दोनों थे भी और उन्हें मामूली चोटें आईं तो क्यों उन्होने सोशल मीडिया पर अपनी ही गंभीर स्थिति की खबर फैलवाई,क्या थाना प्रभारी सहानुभूति जुटाने की फिराक में ऐसा कर रहे थे यह भी सवाल उठ रहा है?
सहानुभूति तो वाहन चालक को मिलनी चाहिए
पूरे मामले में सहानुभूति यदि किसी को मिलनी चाहिए तो वह वाहन चालक को और उसके परिजनों को वाहन चालक ने जहां अपनी जान गवां दी वहीं उसके परिजनों ने घर चलाने वाले एक घर के आधार को खोया है।
मृतक ड्राइवर के परिजन मांग रहें हैं न्याय,पुलिस सेवा की तरह ही सुविधा
ड्राइवर जो पुलिस टीम के साथ आरोपी पकड़ने जाते हैं उनकी भी रवानगी दर्ज होती है ऐसा बताया जा रहा है,मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम के वाहन दुर्घटना मामले में जिस ड्राइवर की मौत हुई है उसके परिजन अब न्याय की गुहार लगा रहें हैं। परिजनों की मांग है कि ड्राइवर की मौत पुलिस के साथ आरोपी पकड़ने जाने के दौरान दुर्घटना की वजह से हुई ऐसे में ड्राइवर के कार्य को पुलिस सेवा की ही तरह मानकर मामले में उनके साथ न्याय हो और उन्हें वह सुविधा प्रदान की जाए जो पुलिस सेवा के दौरान हुए किसी दुर्घटना मामले में पुलिसकर्मियों के परिजनों को दी जाती है।
लापरवाही ही पर एक नजर
लापरवाही नंबर 1 बिना फिटनेस वाहन लेकर पुलिस को आरोपी पकड़ने की क्या पड़ी थी जरूरत?
लापरवाही नंबर 2 6 कर्मचारियों के साथ एक दिव्यांग को पकड़ने जाना कितना था उचित है?
लापरवाही नंबर 3 आरोपी को पकड़ने पुलिस ट्रेन से नहीं जा सकती थी क्या किराए के वाहन से ही पकड़ में आता है आरोपी?
लापरवाही नंबर 4 बिना फिटनेस वाली वाहन में जिस चालक की हुई मौत यदि बीमा कंपनी नहीं दी क्षतिपूर्ति तो क्या विभाग देगा क्षतिपूर्ति?
लापरवाही नंबर 5 क्या पुलिस की इस लापरवाही के लिए उच्च अधिकारी करेंगे पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही?
पुलिस के लापरवाही से जुड़े सवाल
सवालः जो थाना प्रभारी वाहन की जांच करते है, क्या वह जिस वाहन में आरोपी पकड़ने जा रहे थे उस वाहन का दस्तावेज जांच करना उचित नहीं समझा?
सवालः बिना फिटनेस की वाहन से अन्य राज्य तक आरोपी पकड़ने जाना क्या सही?
सवालः क्या बिना फिटनेस वाले वाहन से मनेंद्रगढ़ पुलिस टीम कर रही थी मध्यप्रदेश में आरोपी की तलाश?
सवालः क्या बिना फिटनेस वाले वाहन का बीमा कंपनी देगी हर्जाना, क्या ड्राइवर के परिजनों को भी मिलेगी क्षतिपूर्ति?
सवालः बीमा कंपनी ने यदि फिटनेश के अभाव में नहीं दिया हर्जाना,वाहन मालिक सहित ड्राइवर के परिजनों का कौन बनेगा सहारा?
सवालः बीमा कंपनी से बीमा क्षतिपूर्ति नहीं मिलने की स्थिति में क्या मनेंद्रगढ़ पुलिस देगी ड्राइवर के परिजनों को क्षतिपूर्ति?
सवालः पुलिस की ही तरह आरोपी पकड़ने जाने वाली वाहन के ड्राइवर की भी होती है रवानगी दर्ज? क्या इस मामले में भी ड्राइवर की रवानगी हुई है दर्ज?
सवालः ड्राइवर की पुलिस के साथ आरोपी पकड़कर लाने के दौरान गाड़ी पलटने से हुई मौत,क्या ड्राइवर को मिलेगा पुलिस सम्मान?
सवालः क्या ड्राइवर के परिवार के आश्रित सदस्य को मिलेगी पुलिस विभाग की तरफ से नौकरी या अन्य लाभ,परिजनों की न्याय की गुहार?
सवालः बिना फिटनेस वाली वाहन लेकर पुलिस वाले गए थे आरोपी पकड़ने, वाहन हुई दुर्घटनाग्रस्त, चालक की हुई मौत, बीमा कंपनी देगी क्षतिपूर्ति राशि?
सवालः आरोपी पकड़ने में पुलिस की दिखी कई लापरवाही पर क्या होगी जांच?