अंबिकापुर, 06 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर निम्न अमूल-चूल परिवर्तन करने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि इस तरह की घटना का मूल कारण दो विभागों की वर्चस्व की लड़ाई है। चिकित्सालय में जितने भी विभाग हैं उनके एचओडी चिकित्सा शिक्षा विभाग के जूनियर डॉक्टर हैं उनसे 20-25 साल सीनियर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को जो कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ हैं एचओडी का सहायक बनाकर रखा गया है। क्योंकि जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रूप में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित किया हुआ है। ऐसी ही स्थिति सभी वार्डों में प्रभारी जुनियर नर्सें अपने से सीनियर नर्सों की बॉस बनकर बैठी हैं। अधिकांश मेडिकल कॉलेज के एचओडी स्टाफ नर्स, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और डीन बिलासपुर और रायपुर के हैं। शुक्रवार को दोपहर में यह सभी अम्बिकापुर से बिलासपुर और रायपुर को प्रस्थान कर जाते हैं। मेडिकल सुप्रीटेंडेंट एवं डीन तो रायपुर में मीटिंग का बहाना करके बुधवार या गुरुवार को ही अपने घर बिलासपुर निकल जाते हैं। इनके अनुपस्थिति में यह सभी विभाग और वार्डों के जिला चिकित्सालय के पदस्थ सीनियर डॉक्टर और नर्सेस अपने जिम्मेदारी न मानते हुए चुपचाप रहते हैं। उन्होंने आगे उल्लेख किया है कि शासन में स्वास्थ्य मंत्री के पद में रहने के साथ-साथ अम्बिकापुर विधान सभा के विधायक भी हैं। साथ ही आपके अधिनस्थ आपके विधान सभा क्षेत्र में ही जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज का भी संचालन हो रहा है। प्रदेश के साथ ही आपकी विशेष जवाबदारी अम्बिकापुर के विधायक होने के नाते जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर एवं मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर की जवाबदारी है। अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता बहुत उम्मीद से आपसे यह उम्मीद लगाई थी कि, स्वास्थ्य विभाग के मंत्री पद पर रहते हुए जिला चिकित्सालय अंबिकापुर एवं मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर की व्यवस्था सुचारू एवं चौक-चौबंद रहेगी। किंतु दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि, चार साल बीत गये किन्तु शहर की जनता आपसे निराश है।
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