अंबिकापुर, 05 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव एवं स्वास्थ्य सचिव आर प्रसन्ना ने सोमवार को 4 नवजात शिशुओं की मृत्यु के कारणों तथा अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की बारीकी जानने एसएनसीयू अम्बिकापुर पहुंचे। करीब 1 घंटे तक शासकीय चिकित्सा महाविद्यलय संबद्ध एसएनसीयू में कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कालेज के डीन, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सीएमएचओ, अस्पताल कंसल्टेंट, एचओडी तथा ड्यूटी डॉक्टर की उपस्थिति में 4 नवजातों की मृत्यु के सम्बंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए एक-एक पहलू पर पूछ-ताछ की। उन्होंने नवजातों की मृत्यु को संवेदनशील व गम्भीर बताते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाई करने तथा 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उस पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने पूछ-ताछ के दौरान रात्रि में वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा भ्रमण नहीं करने की स्थिति को लेकर गंभीरता दिखाते हुए अब प्रतिदिन एक वरिष्ठ चिकित्सक की रात्रि विजिट हेतु मासिक ड्यूटी चार्ट बनाने के निर्देश दिए तथा ऑन कॉल पर शीघ्र पहुंचने कहा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन एवं चिककित्सा अधीक्षक को कड़ाई से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के कितने डॉक्टर प्रायवेट प्रैक्टिस करते हैं और कितने निजी अस्पताल को रिफर करते हैं उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में कई नवजात बच्चे भर्ती थे। रविवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई। करीब 4 घंटे बाद जब बिजली आई तो एक-एक कर 4 नवजातों की सांसें थम चुकी थीं।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में लाइट गुल होने के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था। जब लाइट आई तो बच्चों को वार्मर पर रखा गया। इसके बाद बच्चों की मौत होनी शुरु हो गई। इधर अस्पताल प्रबंधन का इतना ही कहना है कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी हालत गंभीर थी।
प्रबंधन की सक्रियता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री ने विद्युत पैनल खराब होने व जिम्मेदारों के द्वारा सक्रियता न दिखाने को लेकर कहा कि प्रबंधन को संजीदगी के साथ सक्रियता दिखानी होगी। जो भी समस्या है उसे उच्च अधिकारी को तत्काल जानकारी दें तथा संबंधित अधिकारी समस्या का समाधान शीघ्र करें। प्रशासनिक कारणों से समस्या उत्पन्न होना व समय पर निराकरण में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। अस्पताल के किसी भी काम को हल्के में न लें।
बिजली गुल होने के बाद अफरा-तफरी
रात में बिजली गुल हो जाने के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान एसएनसीयू की नर्सों द्वारा वहां भर्ती बच्चों को उनके परिजनों को दे दिया गया, क्योंकि वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था।इस दौरान स्टाफ नर्स ने सभी परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को सीने से लगाकर तथा कंबल से ढंक कर रखें। लाइट आने के बाद दोबारा बच्चों को वार्मर पर रखा गया।
इन लोगों बच्चों की हुई मौत
एसएनसीयू में जिन परिजनों के बच्चों की मौत हुई, उनमें बिश्रामपुर निवासी गौरव कुमार सिंह, उदयपुर के ग्राम जजगा निवासी अरविंद खलखो, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ निवासी प्रदीप तिग्गा तथा सूरजपुर जिले के रमकोला निवासी विकास देवांगन शामिल हैं।
शव ले जाने घंटों करना पड़ा इंतजार
बच्चों की मौत हो जाने के बाद उनका शव ले जाने परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि उन्हें शव वाहन ही नहीं मिल रहा था। जब अधिकारियों की बैठक खत्म हुई तो उनके लिए शव वाहन की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल रमकोला निवासी विकास देवांगन के बच्चे का शव भेज दिया गया है। अन्य बच्चों का शव भेजने की तैयारी चल रही है।
भाजपाइयों ने स्वास्थ्य मंत्री से मांगा इस्तीफा
अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार की रात 4 नवजात बच्चों की मौत खबर सुनकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दोपहर करीब 2.30 बजे अंबिकापुर पहुंचे। वे सीधे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उस स्थल पर पहुंचे, जहां भाजपाई विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री के वहां पहुंचते ही भाजपाइयों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने भाजपाइयों से कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद ही नवजातों की मौत की वजह सामने आ पाएगी। गौरतलब है कि भाजपा ने नवजातों की मौत मामले में स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
48 घंटे के अंदर दोषी पाए जाने पर होगी करवाई
अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 नवजात बच्चों की मौत के मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड का आला अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा ड्यूटी के दौरान मौजूद रहे डॉक्टरों सहित ड्यूटी रोस्टर नहीं दिखाने पर नाराजगी जताई. दरअसल अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती देर रात एसएनसीयू वार्ड के बिजली पैनल खराब होने से 2 बार लाइट गुल होने की बात प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने भी मानी है. एसएनसीयू वार्ड के निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों सहित मेडिकल कॉलेज डीन कि आधे घंटे से अधिक चली बैठक में निर्णय लिया गया है कि 48 घंटे के अंदर जो भी दोषी हो उस पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी और ऐसा दोबारा ना हो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
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