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एमसीबी/मनेंद्रगढ़@बिना वर्दी नजर आने वाले पुलिस थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़, आखिर क्यों बचते हैं वर्दी पहनने से?

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  • पुलिस में अपनी पहचान अपनी वर्दी से ही मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी को क्या है परेशानी?
  • कई बार अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने पर भी थाना प्रभारी नहीं देखे जाते वर्दी में
  • पुलिस विभाग के अधिकारियों पर भी उनका ऐसा रौब अधिकारी भी उन्हें बिना वर्दी आने पर टोक नहीं पाते।

रवि सिंह-
एमसीबी/मनेंद्रगढ़ 28 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। पुलिस के लिए वर्दी उसकी पहचान है,पुलिस विभाग में भर्ती की चाह रखने वालों को जहां रोजगार की लालसा में भी पुलिस विभाग की तरफ उत्सुक देखा जाता है वहीं पुलिस की वर्दी के प्रति भी लालसा देखी जाती है जो साबित करती है कि वर्दी का पुलिस विभाग में क्या महत्व है और क्या विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के बीच महत्व है। जिस तरह देश की सेना में सेवा देने को उत्सुक लोगों में भी वर्दी के प्रति ही उत्साह देखा जाता है शेष मामला रोजगार से भी जुड़ा होता है और फिर भी वर्दी का महत्व ज्यादा दिखता है जो अन्य लोगों से उन्हें अलग भी करती है और उन्हें अनुशासित भी बताती है। लेकिन वहीं कुछ लोगों के लिए पुलिस विभाग में होने के बाद भी वर्दी का कोई महत्व नहीं होता और वह बिना वर्दी ही नजर आते हैं और जिसे देखकर कहा जा सकता है कि शायद वर्दी उन्हे काटती हो या वर्दी से उनके व्यक्तित्व पर असर पड़ता हो इसलिए वह वर्दी से परहेज करते हैं।
थाना प्रभारी को वर्दी से परहेज क्यों?
वर्दी से परहेज करने के मामले में एमसीबी नवीन जिले के मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी वर्तमान में अव्वल बने हुए हैं और उन्हें लगातार बिना वर्दी ही देखा जा सकता है क्या पुलिस थाना क्या सार्वजनिक स्थानों पर या अधिकारियों से ही मिलने के दौरान। मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी को बिना वर्दी देखे जाने पर एक सवाल जो उठता है वह यह कि क्या वर्दी से उन्हें दिक्कत है और वर्दी उन्हें वह सम्मान नहीं दिला पा रही है जो उन्हें बिना वर्दी मिल पा रहा है मनेंद्रगढ़ थाने में पदस्थ प्रभारी थाना प्रभारी उपनिरीक्षक जो लगातार बिना वर्दी ही नजर आते हैं उनपर वरिष्ठ अधिकारियों की भी नजर नहीं पड़ती या यह कहा जाए कि पड़ती भी है तो उनका रौब अधिकारियों पर इतना है कि अधिकारी उन्हें कुछ कह नहीं पाते और वह अधिकारियों के समक्ष भी उपस्थित होने पर बिना वर्दी ही उपस्थित पाए जाते हैं जो उनके वर्दी से परहेज को साबित भी करता है और उनके विभाग में ऊंची पकड़ को भी प्रदर्शित करता है।
क्या वर्दी को लेकर मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी उत्साहित या गौरवांवित महसूस नहीं करते?
जिस वर्दी से अन्य पुलिसकर्मी थाना प्रभारी यहां तक की विभाग के वरिष्ठ से वरिष्ठ अधिकारी स्वयं को गौरवांवित मानते हैं महसूस करते हैं कम से कम उससे मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी स्वयं को जरा भी उत्साहित या गौरवांवित नहीं महसूस करते। पुलिस विभाग में वर्दी अनुशासन के रूप में भी शामिल है और अनुशासित उसी पुलिसकर्मी को माना जाता है जो विभाग के नियमों का पालन तो करे ही वहीं वह वर्दी में भी कार्यस्थल पर उपस्थित हो और वह भी साफ सुथरी स्थिति में। अब यदि मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी का रौब अधिकारियों पर हावी है और इसलिए ही उन्हें वर्दी नहीं पहनने की सहमति अधिकारियों से प्राप्त है ऐसे में अन्य को भी फिर ऐसी ही सुविधा प्रदान करनी चाहिए और सभी को मन अनुसार वर्दी पहनने नहीं पहनने की छूट मिलनी चाहिए।


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