अंबिकापुर, 28 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। सबल साय एक सेवानिवृत आदर्श शिक्षक हैं, जिनके सभी बच्चों की ऐसी परवरिश पोस्ट बतौली के खड़धोवा गाँव में हुई उनके छोटे बेटे की बड़ोदरा मेडिकल कॉलेज गुजरात शल्य चिकित्सा (सर्जरी) विभाग में प्रवेश पाने के बाद उनकी प्रषंसा की जा रही है उनके बड़े बेटे डॉक्टर रवि शंकर सिंह अंबिकापुर के प्रतिष्ठित एनेस्थीसिया विभाग में निरंतर 15 वर्षो से कार्यरत है साथ ही उनकी बहू स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग में कार्यरत है
डॉक्टर शिव शंकर सिंह की हाई स्कूल की शिक्षा मल्टीपरपज अंबिकापुर से हुई तत्पश्चात पीएमटी परीक्षा पास करने के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर से हुआ
एक छोटे से गांव के लिए एक पीढ़ी में एक परिवार के तीन डॉक्टर एक बड़ी उपलब्धि है. स्थानीय लोगों के लिए सबल साय जी एक आदर्शवादी और ईमानदार व्यक्ति हैं वे प्राइमरी स्कूल से सेवानिवृत शिक्षक है वह एक छोटे से वेतन से अपने सभी बच्चों को ईमानदारी से पढ़ाया
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने दोनों बच्चों को चिकित्सा की पढ़ाई के लिए क्यों प्रोत्साहित किया
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके बच्चे समाज की मदद करने में सक्षम होंगे, क्योंकि ‘‘केवल डॉक्टर ही लोगों को बचा सकते हैं.’’ एक चिकित्सक भले ही वह राजकीय या निजी सेवा देता हो परन्तु समाज के प्रति उनका योगदान बहुमूल्य होता हैं
जब कभी महामारी का प्रकोप होता है तो ये डॉक्टर ही हमारी जान बचाने के लिए सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़े होते हैं. कठिन परीक्षाओ को ऊतिर्ण करने के पश्चात एक चिकित्सक बनने का स्वप्न पूरा होता हैं. लोगों के दुःख दर्द के प्रति संवेदना रखने वाले कोमल ह्रदय का व्यक्ति डॉक्टर बनकर समाज सेवा के कार्य को अपनाता हैं