रायपुर@अनुसूईया उइके बोलीं- मेरे कहने पर विशेष सत्र

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आरक्षण विधेयक के समर्थन में राज्यपाल, भाजपा नेता उठा रहे थे सवाल सुश्री अनुसूईया उइके बोलीं विशेष सत्र पर पूरा सहयोग रहेगा
रायपुर,26 नवम्बर 2022(ए)।
विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर भाजपा कई सवाल उठा रही है। इस बीच राज्यपाल अनुसूईया उइके इसके समर्थन में आ गई हैं। महालेखाकार के एक कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को इस बारे में चिट्‌ठी लिखी थी। उसमें बताया था कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखी थी। ऐसे में सरकार को मेरा पूरा सहयोग रहेगा।
प्रदेश में सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की ओर से इसकी मांग उठाई जा रही है कि जो आरक्षण 58त्न से कम किया गया है उसको यथावत रखा जाए। मैंने भी कहा कि जो भी हाईकोर्ट में हुआ है उसके लिए कोई न कोई कदम सरकार को उठाना चाहिए। या तो अध्यादेश लेकर आये अथवा विधानसभा में सत्र बुलाकर या जो भी उनके द्वारा उचित है वह जल्दी से जल्दी समाधान होना चाहिए।उसी दिशा में सरकार के द्वारा यह कदम भी उठाया गया है।
राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में ही कहा था कि इसमें मेरा पूरा सहयोग रहेगा। जब मैं ही मांग कर रही हूं कि विशेष सत्र बुलाएं और उसमें सारी चीजें आती है जो सबके हित के लिए है तो मैं क्यों मना करुंगी। मैं तो हमेशा छत्तीसगढ़ के कल्याण के लिए सोचती हूं। मेरे मन में कभी ऐसी भावना नहीं रही। पद मेरा संविधानिक है, संविधानिक दृष्टि से ही मैं काम करती हूं और कदम उठाती हूं।
विधानसभा में आरक्षण की नई व्यवस्था आएगी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का प्रावधान करने वाले दोनों अधिनियमों में संशोधन विधेयक का प्रारूप मंजूर किया गया। इसमें आरक्षण का नया अनुपात तय हुआ है। सरकार अब आदिवासी वर्ग-एसटी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32प्रतिशत आरक्षण देगी, अनुसूचित जाति-एससी को 13प्रतिशत और सबसे बड़े जातीय समूह अन्य पिछड़ा वर्ग-ओबीसी को 27प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सामान्य वर्ग के गरीबों को 4प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
बीजेपी ने
ऐसे कैसा था तंज
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा, पांच दिसम्बर को भानुप्रतापपुर में वोटिंग है इसलिए एक-दो दिसम्बर को यह विशेष सत्र हो रहा है। कांग्रेस आरक्षण पर कंफ्यूज है। यदि आरक्षण के लिए बुलाए ये पूरी तरह से चर्चा हो। चंद्राकर का कहना था, मनोज मंडावी का निधन नहीं होता तो यह सत्र नहीं होता। भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने पूछा था कि – क्या विधानसभा के विशेष सत्र के तुरंत बाद आदिवासियों को नौकरी मिलने लगेगी? क्या मेडिकल शिक्षा एमबीबीएस में इस वर्ष जनजाति वर्ग के 104 बच्चों का जो नुकसान हो रहा था, उन बच्चों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाया जायेगा?


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