कोरिया/मनेंद्रगढ़@नगरपालिका मनेंद्रगढ़ में एल्डरमैन मनोयन को लेकर असंतोष क्यों?

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  • अविभाजित कोरिया जिले में जब जब नगर पालिका में एल्डरमैन पद पर मनोनयन हुआ असंतोष सामने आया
  • 10 महीने के लिए एल्डरमैन के मनोयन की सूची जारी कर असंतोष जो पैदा किया गया?

रवि सिंह –
कोरिया/मनेंद्रगढ़ 25 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। कांग्रेस की  सत्ता के 10 महीने ही अब और बचे हैं लेकिन इस 10 महीने में जहां अपने पार्टी को निर्वाचित वर्तमान जनप्रतिनिधियों को अपने आप को मजबूत करने की कवायद करनी चाहिए जिससे कि  अगली बार भी फिर से सत्ता में वापसी हो सके, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है अविभाजित कोरिया जिले के तीनों विधानसभा की स्थितियों पर नजर डालें तो हर जगह असंतोष की स्थिति है और असंतोष ऐसे ही नहीं पैदा हो रहा है असंतोष पैदा करने के पीछे भी विधानसभा का नेतृत्व करने वालों की गलत सोच है, इससे पहले बैकुंठपुर विधानसभा में एल्डरमैन के मनोयन को लेकर असंतोष देखा गया था जो धीरे-धीरे समय के साथ शांत होता दिख रहा था, ठीक वैसा ही असंतोष मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कुछ दिन पहले ही मनोनीत हुए एल्डरमैन को हटाकर नए एल्डरमैन के मनोनयन के बाद देखा जा रहा है, जिसे लेकर एक बार फिर मनेंद्रगढ़ शहर में असंतोष देखने को मिल रहा है, जहां हटाए गए एल्डरमैन ने वीडियो जारी कर सवाल पूछा तो वही जनता का भी एक सवाल था कि आखिर 10 महीने के लिए ऐसी क्या वजह आन पड़ी थी कि ऐसा करना उचित हो गया और पूर्व के मनोनीत एल्डरमैन हटाये गए? आखिर 10 महीने में जहां सब कुछ सही रखना था वहां पर असंतोष पैदा करने के लिए क्यों एल्डरमैन को हटाया गया?
ज्ञात हो की नगरपालिका मनेन्द्रगढ़ की एल्डरमैन ज्योति जैन मजूमदार को पद से चलता कर दिया गया है। हालांकि ज्योति मजूमदार का संबंध अतीत में भाजपा से रहा है ऐसा माना जा रहा है डॉ चरणदास महंत की करीबी होने की वजह से उन्हें एल्डरमैन के पद से नवाजा गया था, वहीं सूत्रों की माने तो राज्योत्सव के दौरान धरने पर बैठने के कारण मनेन्द्रगढ़ विधायक उनसे नाराज हुए थे और  यह भी वजह हो सकती है कि इनको हटाकर रवि जैन को एल्डरमैन की जिम्मेदारी दी गई है? यदि रवि जैन की बात की जाए तो रवि जैन भी पूर्व में भाजपा पदाधिकारी रह चुके हैं सत्ता के साथ ही कांग्रेस में आए। मनेन्द्रगढ़ विधायक के करीबी होने के कारण उन्हें कांग्रेस ने पार्षद का टिकट दिया जहां वो अपने ही गली मोहल्ले के चुनाव में जमानत जप्त करवा बैठे, कुछ लोगों को सत्ता के साथ सामंजस्य स्थापित करने में महारथ हासिल होती है रवि उनमें से एक हैं और उन्होंने अंततः हारकर भी पालिका में अपनी उपस्थिति दर्ज करा ली और भले ही मनोनीत पार्षद वह पार्षद बन ही गए।
सत्ता जिधर रवि उधर?
क्या सारी योग्यताएं अतीत के भाजपाइयों के पास ही हैं? मनेन्द्रगढ़ विधायक को अपने करीबी समर्थकों में जो गुण चाहिए वो सारे कला और कौशल रवि जैन में मौजूद हैं इस कारण डॉ विनय जायसवाल के इर्द गिर्द अतीत के भाजपाइयों की फौज नजर आती है। इस नियुक्ति के बाद शहर के कांग्रेस पदाधिकारियों यूथ कांग्रेस के युवाओं को दौड़ते भागते हसदेव नदी में छलांग लगा देनी चाहिए, क्योंकि उनकी मेहनत व उनकी कांग्रेस के प्रति श्रद्धा किसी काम की नहीं रही। विधायक अपनी जीत में भाजपा की बगावत को मुख्य कारण मानते हैं और इसीलिए करीबियों की सूची में भाजपाई ज्यादा हैं यह भी कहने वाले कहते हैं और यही वजह है कि पार्षद मनोनयन में भाजपा से आये लोगों का नम्बर पहले लगता आया और लग भी रहा है।
कोरिया जिले की भी दोनों नगरपालिकाओं में एल्डरमैन मनोनयन को लेकर देखा गया था असंतोष
जिस तरह मनेंद्रगढ़ में वर्तमान में एल्डरमैन मनोनयन को लेकर असंतोष देखा जा रहा है वैसा ही कोरिया जिले की दोनों नगरपालिकाओं में भी कुछ दिन पूर्व असंतोष देखा गया था जहां कुछ नाम वासपी लेकर पार्टी के पार्षद के विरुद्ध चुनाव न लड़ने का निर्णय लेने वाले लोगों को एल्डरमैन मनोनीत किया गया था और वहीं अपने खास खास सिपहसालारों को उनके ही लिए एल्डरमैन पद से हटा दिया गया था और कोई ठोस कारण भी नहीं बताया गया था। कोरिया जिले में उपजा अंसतोष समय के साथ दिखना बंद भले हो गया हो लेकिन अंदर ही अंदर यदि अंसतोष अभी भी होगा तो उसको वही जान सकते हैं जो असन्तुष्ट हैं और वह चुनाव में अंसतोष जाहिर नहीं करेंगे ऐसा अभी की शांति देखकर कहा नहीं जा सकता।


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