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बैकुण्ठपुर @तालाब निर्माण की राशि दस लाख पर थी दलालों की नज़र,कलेक्टर से हुई शिकायत

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  • कलेक्टर ने दिया जाँच का आदेश,कृषक के खाते में वेरिफ़ाइड नम्बर दलाल का पाया गया
  • हितग्राही के खाते में किसी नेता के मोबाइल का नंबर था डला, एसएमएस हितग्राही के मोबाइल में न जाकर नेता के मोबाइल पर जा रहा?
  • महिला बैंक कमर्चारी का कहना है हितग्राही के कहने के अनुसार उन्होंने खाता खोला है

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 24 नवम्बर 2022 (घटती-घटना) ऊद्यानिकी विभाग बैकुंठपुर के द्वारा ग्राम रावतसरई (सोनहत ) निवासी आनंदी सिंह के कटकोना स्थित भूमि के लिए तालाब स्वीकृत किया गया था जिसकी द्वितीय किस्त आहरण में दलालों द्वारा हेरफेर किए जाने की सम्भावना सच साबित हुई। वही सम्पूर्ण मामले में आज हितग्राही ने कलेक्टर कोरिया के समक्ष उपस्थित होकर आपबीती सुनाई एवं आवेदन देकर जाँच की माँग की। कलेक्टर को दिए अपने आवेदन में कृषक ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय बाग़वानी मिशन के अंतर्गत उनकी कटकोना स्थित ज़मीन पर तालाब बनाने हेतु बीस लाख का कार्य स्वीकृत हुआ था। जिसकी प्रथम किस्त दस लाख रुपए पूर्व में उनके सहकारी बैंक कटगोड़ी के खाते में आई एवं उस राशि का कार्य करा लिया गया, बाकी बचे कार्य के लिए दस लाख रुपए स्वीकृत होना था यहीं से इस प्रकरण पर एक विभागीय कर्मचारी की साँठ गाँठ से दलाल सक्रिय हो गए।
हितग्राही के पुत्र बालसाय के अनुसार उन्हें उक्त दलाल एवं विभागीय कर्मचारी ने बताया कि उसके वर्तमान खाते से लेन देन में समस्या हो रही है इसलिए उन्हें नया खाता खुलवाना पड़ेगा। इसलिए  बालसाय एवं उसके पिता आनंदी सिंह को ऐक्सिस बैंक बैकुण्ठपुर  ले ज़ाया गया जहां उनकी मुलाक़ात बैंक  कर्मचारी शांति राजवाड़े  से हुई। जिसने मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से अकाउंट खुलवाया बाद में पतासाजी करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त महिला एक्सिस बैंक श्रीनगर ब्रांच की कर्मचारी है तथा हितग्राहियों का खाता बैकुंठपुर में ना होकर श्रीनगर ब्रांच में है। उक्त घटना से  हितग्राहियों को शंका हो गयी जिसपर  उन्होंने बैंक कर्मचारी से एक दो दिन तक पासबुक, चेकबुक, एटीएम की माँग की जिस पर उक्त महिला कर्मचारी ने बैंकिंग किट का गुम जाना बताया साथ ही कहा नए बैंकिंग किट  हेतु आप थाने एवं ब्रांच में आवेदन दे दीजिए। जिसके सुझाव पर भोले भाले  ने अमल किया  एवं आवेदन कर दिया एवं अनहोनी की आशंका को देखते हुए खाते को होल्ड करा दिया गया। कुछ दिन बाद बैकुंठपुर पुलिस थाना से फ़ोन आने एवं सिपाहियों के द्वारा घर में आकर तलाशी लिए जाने पर उक्त कृषक को पता चला कि उनके हस्ताक्षरित दो चेक लगभग दस लाख रुपए राशि के प्राप्त हुए, जिसमें स्टाप पेमेंट होने के कारण राशि आहरण नहीं हो सका, जिसकी शिकायत उक्त दो व्यक्तियों ने की है।  इस बारे में आनंदी सिंह का कहना है कि जिन दो व्यक्तियों के द्वारा शिकायत एवं चेक लगाया गया है उन्हें वो जानते तक नहीं है जबकि अपने आवेदन में उन लोगों ने खुद को व्यापारी बताते हुए उनके तालाब के निर्माण में सामग्री देना एवं जेसीबी चलाना बताया है। हितग्राही का कहना है कि चेक पर दस्तख़त उनके ही हैं किंतु संभवतः उनके अनपढ़ होने का फ़ायदा उठा कर  उद्यानिकी विभाग के उक्त कर्मचारी एवं दलालों द्वारा विभिन्न दस्तावेज़ों एवं सादे काग़ज़ पर हस्ताक्षर लेने के दौरान चेक में भी हस्ताक्षर ले लिए गये हैं। सम्पूर्ण मामले में आनंदी सिंह के बैंक खाते में वेरिफ़ाइड मोबाइल नम्बर मुख्य दलाल का बताया जा रहा है, जिसके कारण हितग्राही को उसके खाते से सम्बंधित कोई जानकारी एसएमएस इत्यादि भी नहीं प्राप्त हो पा रहा था। जानकारों का मानना है कि  इससे दलाल  के ऊपर लग रहे आरोप पुख़्ता होते हैं  बरहाल कलेक्टर द्वारा जाँच के आदेश  दिए जाने से हितग्राहियों में न्याय की उम्मीद बलवती हुई है।
किसान के आवेदन पर एक्सिस बैंक ने जारी किया खाते में दर्ज मोबाइल नम्बर
हैरानी की बात यह कि कल कलेक्टर कार्यालय में किसान द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत के बाद मोबाइल बैंकिंग से नया नम्बर अपडेट किया गया। पुराना नम्बर एक स्थानीय नेता का है। बैंक के अनुसार किसान का खाता वो ही ऑपरेट कर रहा था, शिकायत के बाद उसी ने मोबाइल बैंकिंग से मोबाइल नंबर बदल दिया, वही बदला हुआ नंबर किसान का नही है। मामले की जांच पर हो सकता है बड़ा खुलासा।
ऐक्सिस बैंक सूरजपुर में विभागीय कर्मचारियों व दलालो की साठगांठ से किसान का खुला खाता
उद्यान विभाग से आदिवासी किसान का तालाब हुआ स्वीकृत, 10 लाख की द्वितीय किश्त आनी थी, ऐक्सिस बैंक के सूरजपुर के कर्मचारी ने विभागीय कर्मचारियों और कुछ दलालो से साठगांठ कर रावतसरई के किसान का खाता सूरजपुर में खुलवाया, जब किसान अपना खाता ढूंढता बैकुंठपुर आया तो उसे पता चला कि उसका खाता सूरजपुर में है, और दलालो के चेक फर्जी तरीके से कट भी गया, किसान को पता नही चला, भागता हुआ किसान बैंक पहुंचा और खाते में होल्ड लगवा दिया, पैसा दलालो के खाते में जाने से बच गया, दलाल पहुंचे थाने तो किसान को ढूढने में जुट गई पुलिस, सरकारी राशि मे हेरफेर के मामले में अब मामला कलेक्टर के पास पहुंचा।


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