अम्बिकापुर, 24 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)।अभी कुछ समय पहले छग के मुख्यमंत्री जी ने सी एम आई ई की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षित बेरोजगारी दर 0.4 प्रतिशत बताकर अपनी पीठ इतनी जोर से थपथपाई कि कर्कश थपथपाहट की आवाज मधुर संगीत होने का भ्रम बन कर बेरोजगारों के दिल में उतर गई और ऐसा लगा जैसे जादूगर ने जादू की छडी घुमाई और सभी बेरोजगार काम पर आ गए परंतु प्राप्त प्रामाणिक रिपोर्ट का आंकड़ा यह चीख चीख कर पुकार कर रहा है कि मेरे साथ शिक्षित बेरोजगारी दर 0.4 प्रतिशत वाली अंक गणितीय खेल कर मुख्यमंत्री जी बेरोजगारों के भावनाओं से खेल रहे हैं। उपरोक्त व्यंगात्मक कथन के साथ अभिषेक शर्मा अधिवक्ता टैक्स, जिला सह कोषाध्यक्ष भाजपा सरगुजा एवं प्रदेश सह संयोजक आर्थिक प्रकोष्ठ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि एक सरकारी दस्तावेज के आधार पर जनवरी 2019 से सितंबर 2022 तक छग में कुल 1067250 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीयन करवाया था परंतु सितंबर 2022 तक महज 13484 लोगों को ही ज्वाईनिंग का आफर लेटर प्राप्त हुआ। यदि केवल इसी आंकड़े पर पंजीयन प्राप्त लोगों का रोजगार प्रतिशत देखा जाऐ तो सिर्फ 1.2 प्रतिशत ही है, जो बेरोजगारों का नहीं। आश्चर्यजनक तो यह है कि सरकारी आंकड़ों में भी बड़ी भिन्नता है, आर टी आई से प्राप्त दस्तावेज और छग शासन की शासकीय वेबसाइट में दर्शित संख्या में 758067 पंजीयन बेरोजगारों की संख्या का भी अंतर है, शासकीय वेबसाइट पर सितंबर 2022 तक 554592 अनसूचित जनजाति, 457047 अनुसूचित जाति, 218335 अ. पि. वर्ग एवं 595343 सामान्य वर्ग के आवेदक पंजीकृत हैं जिनका योग 1825317 होता है जो आर टी आई के दस्तावेजों से 758067 ज्यादा संख्या बताता है। यदि शासकीय संख्या पर रोजगार का प्रतिशत देखा जाए तो यह महज 0.07 प्रतिशत ही होता है। आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए अभिषेक शर्मा ने कहा कि इसके विपरीत केंद्र सरकार की क्करुस्नस् (श्चद्गह्म्शस्रद्बष् द्यड्डड्ढशह्वह्म् द्घशह्म्ष्द्ग ह्यह्वह्म्1द्ग4) की जून 2022 की राज्यवार रिपोर्ट के अनुसार सभी आयु वर्ग के बेरोजगारी के आंकड़ों में बेरोजगारी दर शहरी क्षेत्रों में पुरूषों का 11.3 प्रतिशत और महिलाओं का 11.4 प्रतिशत लगभग है जो समयानुसार परिवर्तनशील होता है। इसके साथ ही प्रत्येक 100 व्यक्तियों में काम करने वाले लोगों का लेबर फोर्स पारटिसिपेशन रेट जून 2022 में केवल लगभग 2.5 प्रतिशत ही है।
आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए अभिषेक शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य की कांग्रेस सरकार शिक्षित बेरोजगारी को बेरोजगारी नहीं मानती तथा बेरोजगारी दर को 0.4 प्रतिशत बताकर सरकार की विफलता और विवशता पर पर्दा डालना चाहती है, बेरोजगारी का यह आंकड़ा सरकार पर प्रश्न चिह्न है , भ्रामक जानकारी देते हुए वाहवाही लूटने से अच्छा कांग्रेस को रोजगार देने पर पहल करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि आज राज्य का शिक्षित बेरोजगार कांग्रेस से पूछ रहा है कि आपकी सरकार रोजगार तो दे नहीं सकी बताईये सरकार बनने की तारीख से आज तक 18 लाख लोगों को बेरोजगारी भाा कब मिलेगा।
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