केजीएफ फ़िल्म के तर्ज पर चिरमिरी क्षेत्र में जारी है कोयला चोरी का अवैध कारोबार।
खुलेआम हो रही है कोयले की चोरी, मशीनों से चिर रहे हैं चिरमिरी का चोर सीना, प्रशासन बना बैठा है अनजान।चिरमिरी में छोटू मटरू की जोड़ी कर रही है कोयले की चोरी, पहले के चोरों को भी दे दिया इन्होंने मात।
विकास के वादे पर चुनाव जीतने वालों की खुली पोल, प्रशासन की मिलीभगत भी आई सामने।
क्या खादी क्या खाकी सभी मामले में लिप्त या मौन, विपक्ष भी मामले में शांत।
अपनी जेब भरने की ऐसी ललक राष्ट्र की संपत्ति चोरी कर बेचने से नहीं कर रहे गुरेज।
-रवि सिंह-
चिरमिरी 18 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में कोयला चोरों के आतंक से अभी कोरिया जिला थर्रा ही रहा था राष्ट्र की संपत्ति पर डकैती और डकैती रोकने वालों पर जानलेवा हमले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक नया कोयला चोरी का कारनामा सामने आ गया जो कोरिया जिले के कोयला चोरों को भी पीछे छोड़ते हुए आधुनिक तरीके से की जाने वाली चोरी का मामला है। चिरमिरी में मशीनों से दिनदहाड़े कोयला निकाला जा रहा है और उसे बड़ी बड़ी ट्रकों में भरकर अन्य राज्यों को भेज दिया जा रहा है जिसका वीडियो वायरल हुआ है जो जिला प्रशासन जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की नाकामी को संलिप्तता को साबित कर रहा है और साबित हो रहा है कि राष्ट्र की धरोहर देश की संपत्ति को कैसे चोरी कर केवल इसलिए बेच दिया जा रहा है क्योंकि अपनी जेब भरनी है और राष्ट्र की सेवा से कोई लेना देना नहीं है किसी को।
चिरमिरी से जो कोयला चोरी का दृश्य सामने आया है वह केजीएफ फ़िल्म की कहानी की तर्ज का है और इसमें भी खनिज संपदाओं का उत्खनन चोरी से किया जा रहा है और चोरी कर उसे बेचा जा रहा है। चिरमिरी में जारी कोयला चोरी के कारोबार में मशीनों का किस तरह इस्तेमाल हो रहा है और किस तरह दिन में भी कोयला चोरी किया जा रहा है देखा जा सकता है वहीं पूरे मामले में न तो प्रशासन की कोई सक्रियता है इसे रोकने को लेकर और न ही कानून सम्हालने वाली पुलिस का ही कोई कर्तव्य नजर आ रहा है जिससे यह समझा जा सके कि देशभक्ति जनसेवा का जो नारा उसकी पहचान है वह सही है और वह उसी अनुरूप काम कर रही है और संविधान की कसमें खाकर जनप्रतिनिधी के रूप में चुने गए देश के तथाकथित नेताओं को ही मामले में संविधान की रक्षा करते देखा जा रहा है और देश की राष्ट्र की संपत्ति को संरक्षित करने में उनका कोई योगदान नजर आ रहा है। कुल मिलाकर लूट और चोरी के इस कारोबार का ऐसा मकड़जाल क्षेत्र में फैला हुआ है कि इसमें चोर कहलाना ही सभी के लिए देशभक्ति जनसेवा है संविधान का आदर है और कुछ नहीं।
चिरमिरी का केजीएफ फ़िल्म की तर्ज पर रॉकी कौन
चिरमिरी में जारी कोयला चोरी के कारोबार में केजीएफ फ़िल्म की तर्ज पर रॉकी कौन है इसबात की जानकारी लेने पर पता चला कि छोटू मटरू नाम से जाने जाने वाले दो लोग इसके रॉकी हैं और उन्ही के द्वारा पूरा चोरी का कारोबार किया जाता है। यह जोड़ी चिरमिरी की बड़ी चर्चित जोड़ी है और चिरमिरी के विकास की जिम्मेदारी इन्ही के जिम्मे है। छोटू मटरू के बारे में बताया जाता है कि कोई भी अवैध कारोबार और चोरी का कोई भी कारोबार ऐसा नहीं है जिसमें यह संलिप्त नहीं हैं। चिरमिरी में एक तरह से चोरों के सरगना यही हैं और खुलेआम चोरी के लिए इनकी पहचान है।
विगत चार वर्षों से कोयला चोरी का काम बड़ी तेजी से फलाफूला है
चिरमिरी क्षेत्र में पहले भी कोयला चोरी का काम हुआ करता था और स्थानीय इंटभट्ठों को कोयला चोरी कर बेचने का काम छोटे कोयला चोर किया करते थे लेकिन विगत चार वर्षों से इस कारोबार में वृद्धि देखी गई है और अब कोयला मशीनों से निकाला जा रहा है,कोयला चोरों की अपनी अपनी खदानें स्थापित हो चुकी हैं और एक दिन में 25 से 30 ट्रकों का कोयला चोरी से निकाल कर कोयला चोर अन्य राज्यों में भेज रहें हैं।
कोयला चोरों की न तो मशीनें जब्त होती हैं न ट्रकों पर ही होती है कार्यवाही
कोयला चोरों के साथ जिला प्रशासन की कैसी जुगलबंदी है इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि कोयला दिन में ही मशीनों से अवैध कोयला खदानों से कोयला चोर निकालते हैं और उन्हें बड़ी बड़ी ट्रकों में लादकर अन्य प्रदेश भेजते हैं,इस दौरान न तो उनकी मशीनें कभी जब्त होती हैं और न ही उनकी ट्रकें पूरे रास्ते भर अन्य राज्य पहुचने तक पकड़ी जाती हैं। कुलमिलाकर सबुकछ आपस में तय रहता है और सभी का हिस्सा भी बंधा रहता है,इसलिए ही सभी की आंखों पर पट्टी बंधी रहती है।
राष्ट्र की संपत्ति चोरी कर भर रहे कोयला चोर अपनी जेब
कोयला चोर सीधे राष्ट्र की संपत्ति चोरी कर बेच रहे हैं और इस काम को वह इस तरह अंजाम दे रहें हैं जहां कोई भी उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता क्योंकि सभी का मुंह बंद करने सभी के जमीर को खरीद लिया जाता है इनके द्वारा और सकस बाद धड़ल्ले से यह चोरी की जाती है।
कोयला चोरों के रास्ते जो आता है कुचल दिया जाता है
कोयला चोरों का मनोबल भी काफी ऊंचा हो चुका है और वह अपने रास्ते के बीच आने वालों को कुचलने से भी परहेज नहीं करते इसका हालिया उदाहरण कोरिया जिले में देखने को मिला जहां कोयला चोरों के सामने नतमस्तक नहीं होने वाले एसईसीएल कर्मचारियों पर कोयला चोरों ने जानलेवा हमला कर दिया और यदि वह जान बचाकर नहीं भागते उन्हें जान से भी हांथ धोना पड़ता जो घटना देखकर तय था कहा जा सकता है।
विपक्ष भी मामले में है मौन, क्या है वजह क्यों विपक्ष नहीं करता विरोध
जिले में कोयला चोरों को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा भी लगातार मौन है। जिले में कोयले की धड़ल्ले से चोरी हो रही है और राष्ट्र की संपदा चोरों के हांथों बेची जा रही है और देशभक्ति की बात करने वाली भाजपा के ही नेता मामले में मौन हैं और लगातार मौन हैं जबकि यह सर्वविदित है कि कोयला रेत सहित कबाड़ चोरी के कारोबार का विस्तार हाल ही में ज्यादा हुआ है और उनके पास यह एक बड़ा मुद्दा है।
केंद्रीय हस्तक्षेप से रुक सकेगा कोयला चोरी का अवैध कारोबार
जिले में लगातार खनिज संपदाओं की चोरी हो रही है और जिला प्रशासन पूरी तरह इसे रोक पाने में असफल है और ऐसे में अब केंद्रीय सरकार के हस्तक्षेप की आवाज बुलंद हो रही है क्योंकि बिना इसके कोयला चोरों को नहीं रोका जा सकता वहीं मामला राष्ट्र की सपंदा सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए केंद्रीय हस्तक्षेप आवश्यक भी हो चुका है क्योंकि एसईसीएल अपने सुरक्षा कर्मियों के भरोशे ही कोयला चोरों से नहीं निपट सकता वहीं एसईसीएल को प्रशासन से सुरक्षा सहयोग मिलता तो चरचा कालरी जैसी घटना नहीं घटती और ऐसे में अब मामले में केंद्रीय हस्तक्षेप जरूरी है।
एमसीबी और कोरिया जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक
कोयला चोरी के कारोबार को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरिया व एमसीबी जिले में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल है और जिलों में अराजक तत्वों का ही अपना कानून है।उनके रास्ते का रोड़ा बनने पर जान का भी खतरा है यह उन्होंने हाल में ही चेतावनी भी दे डाली है और उनकी चेतावनी से भी जिलों में माहौल भययुक्त हुआ है यह कहा जा सकता है।
कोल ब्लॉक आबंटन पर विरोध दर्ज करने वाले कोयला चोरी मामले में मौन क्यों हैं?
सवाल यह भी उठता है कि जब कभी भी कोल ब्लॉक आबंटन की बात उठती है और किसी कंपनी के द्वारा आबंटन की प्रक्रिया में भाग लिया जाता है तब स्थानीय जनप्रतिनिधियों को खूब हो हल्ला करते देखा जाता है और उन्हें धरना देते भी देखा जाता है लेकिन वहीं जब जिले का कोयला चोर सरेआम चुरा रहें है और बिना राजस्व दिए ही सरकार को बेच रहे हैं अन्य राज्य को तब जनप्रतिनिधियों को मौन देखा जा रहा है और राजस्व की हानि में भी वह सहमत नजर आ रहें हैं। कोल ब्लॉक आंबटन अंतर्गत जो भी कोयला खदान पायेगा वह कम से कम राजस्व देगा क्षेत्र के विकास में भागीदार बनेगा यह जबकि तय है।
देश का सबसे बड़ा कोयला घोटाला साबित हो सकता है कोरिया जिले का कोयला चोरी जो प्रतिदिन जारी है
यदि देखा जाए तो देश का सबसे बड़ा कोयला घोटाला कोरिया जिले व एमसीबी जिले में जारी है जहां खुलेआम कोयला चोर प्रशासन को नतमस्तक कराकर चोरी के काम को अंजाम दे रहें हैं। प्रतिदिन हजारों टन कोयला बाहर अन्य राज्यों को चोरों द्वारा चोरी कर बेच दिया जा रहा है और इस पूरे चोरी के कारोबार में प्रशासन केवल एक कड़ी बनकर काम कर रहा है और मौन साधे बैठा है,जिले के विभाजन और क्षेत्र सीमाओं के घटने के बाद भी प्रशासन चोरों के सामने नतमस्तक है और आत्मसमर्पण कर बैठा है।