व्यापारी की करतूत से परेशान हैं शासकीय कर्मचारी, आर्डर न देने पर आरटीआई लगाने की भी दी जाती है धमकी।
बैकुण्ठपुर 10 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के विभिन्न शासकीय विभागो के कर्मचारी इन दिनों जिला मुख्यालय के एक व्यापारी की करतूत से परेशान हैं, व्यापारी द्वारा कार्यालयों में जा कर गलत तरीके से अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए स्टेषनरी व अन्य सामग्री खरीदी उसी की फर्म से करने का दबाव बनाया जाता है। किसी उलझन में न पड़ने के डर से कर्मचारी वर्ग इसके खिलाफ आवाज नही उठा पा रहे हैं लेकिन इससे उनमे असंतोष व्याप्त है। कर्मचारियों का मानना है कि वह खरीदी के लिए बिल्कुल स्वतंत्र हैं और कलेक्टर दर पर अधिकृत किसी भी दुकान से स्टेषनरी आदि सामान की खरीदी कर सकते हैं। तो वहीं एक व्यापारी द्वारा इस प्रकार का कृत्य किये जाने से अन्य व्यापारियों की साख पर भी असर पड़ रहा है।
जिले में शासकीय कार्यालयों में स्टेशनरी सामग्री की खरीदी हेतु प्रति वर्ष कलेक्टर कार्यालय द्वारा खुली निविदा आमंत्रित की जाती है जिसमें कि विभिन्न व्यापारियों द्वारा निविदा प्रकिया में भाग लिया जाता है जिसके बाद प्रक्रियाओं के तहत स्टेषनरी सामग्री की एक निष्चित दर तय कर दी जाती है जिसके तहत शासकीय विभागों के द्वारा स्वतंत्र रूप से किसी भी दुकान से स्टेषनरी सामग्री की खरीदी समय-समय पर की जाती है। शासकीय विभाग भी किसी एक दुकान से खरीदी के लिए बाध्य नही होते यह प्रक्रिया विगत कई वर्षो से जारी है। लेकिन इन दिनों जिला मुख्यालय के एक नामी व्यापारी को खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर अनेक शासकीय कार्यालयों का चक्कर लगाते हुए आसानी से देखा जा सकता है। उसके द्वारा कार्यालयों में घूमघूम कर खुद को व्यापारी वर्ग का सर्वेसर्वा बताया जाता है और कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता है कि वे उसकी ही दुकान से स्टेषनरी व कम्प्युटर सामग्री आदि की खरीदी करें। इस बारे में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने उक्त व्यापारी का नाम लेते हुए बतलाया कि उसके द्वारा कार्यालय में आकर अपना धौंस दिखाया जाता है और बहुत ही गंदे तरीके से अमर्यादित व्यवहार भी किया जाता है। व्यापारी द्वारा यहां तक धमकी दी जाती है यदि उसे सामग्री का आर्डर नही दिया जाएगा तो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाकर परेषान भी किया जाएगा। यही नही उक्त तथाकथित व्यापारी के द्वारा किसी दुसरे दुकान से खरीदी करने पर भविष्य में देख लेने की धमकी तक दी जाती है। व्यापारी द्वारा कार्यालयों में जाकर इस प्रकार का कृत्य और दबंगई दिखाने से कर्मचारी वर्ग खुद को डरा महसूस करते हैं और किसी उलझन में न पड़ने के डर से आगे कुछ बोलना नही चाह रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि इन दिनों व्यापारी द्वारा छोटे कर्मचारियों पर गलत तरीके से दबाव बनाया जा रहा है जो कि कहीं से उचित नही है। अगर व्यापारी द्वारा ऐसा ही कृत्य किया जाएगा तो फिर जल्द ही रणनीति तैयार कर कर्मचारी संघो के माध्यम से कलेक्टर से मिलकर इसकी षिकायत की जाएगी।
वहीं इस बारे में बतलाया जाता है कि उक्त व्यापारी द्वारा पिछले कई वर्षो से कार्यालयों में जाकर धमकी चमकी की जाती है और अपने पद व जबरन पहुंच का प्रभाव दिखाकर खरीदी आदि के लिए गलत तरीके से दबाव बनाया जाता है जिससे कि कर्मचारी समेत व्यापारी वर्ग भी खासे परेषान हैं लेकिन इस प्रकार गलत कृत्य से अन्य व्यापारी परेषान है और धीरे धीरे आवाज बुलंद कर रहे हैं। कुछ शासकीय कर्मचारियों द्वारा बतलाया गया कि उक्त व्यापारी द्वारा पूर्व में स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव के नाम लेकर भी खरीद के लिए दबाव बनाया गया है। एक व्यापारी द्वारा इस प्रकार का कारनामा अन्य व्यापारियों के लिए भी गले का फांस बन गया है। व्यापार में इस प्रकार का कृत्य शायद और कहीं नही होता लेकिन यहां के व्यापारी द्वारा ऐसा किया जाना व्यापारी वर्ग के लिए बहुत ही हानिकारक है।