कांकेर @धर्मांतरित परिवार ने घर की बाड़ड़ी में शव दफनाया तो विरोध,कब्र से लाश निकाली;7 दिन बाद फिर अंतिम संस्कार
कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना

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कांकेर ,07 नवम्बर 2022। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल कांकेर जिले से दिल दहलाने वाली खबर आ रही है। ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके एक परिवार को गांव के लोगों ने श्मशान घाट पर बुजुर्ग मां का अंतिम संस्कार करने नहीं दिया। गायता और पटेल की अनुमति से परिवार ने अपने घर की बाड़ी में ही अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन बाद में गांव के कुछ लोगों ने कब्र खोद दी। पुलिस और प्रशासन ने कब्र से शव निकालकर मरचुरी में रखवाया और 7 दिन बाद सोमवार को अंतागढ़ में ईसाई रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया, जबकि इसमें परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। इस पूरे मामले में थाने की पुलिस और कुछ संगठनों की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
यह वाकया आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के कुर्रूटोला गांव का है। गांव के मुकेश कुमार नरेटी की मां चैती बाई की एक नवंबर को पीलिया के कारण मौत हो गई। मुकेश और उसके परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया है। इस कारण गांव के लोगों ने श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मुकेश ने गांव के पटेल और गायता से पूछकर अपने घर की बाड़ी में ही मां को ईसाई रीति-रिवाज दफना दिया। इसे लेकर गांव के कुछ लोग विरोध करने लगे।
2 नवंबर को गांव के कुछ लोगों व हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने मुकेश के घर को घेरने की कोशिश की। इस दौरान मुकेश और उसके परिवार से बदसलूकी की गई। इसके बाद 3 नवंबर को सभी परगना के लोगों की सभा हुई। इसके बाद लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। मुकेश का आरोप है कि वह थाने गया था तो उसकी मदद करने के बजाय पुलिस ने मारपीट की और उसे नक्सल मामले में फंसाने की धमकी दी। जब थाने में यह सब चल रहा था, तब गांव में कुछ लोगों ने कब्र खोद दी और उसमें चैती बाई का शव बाहर आ गया। पुलिस को खबर मिली तो अधिकारी पहुंचे।
4 नवंबर को पुलिस ने चैती बाई के शव को कब्र से निकालकर अंतागढ़ स्थित मरचुरी में रखवा दिया। इसके बाद मुकेश को अंतिम संस्कार के लिए बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया। चार तारीख को ही विधायक के कार्यालय में भी लोग जुटे। ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि मुकेश की बड़ी बहन के साथ भीड़ ने बदसलूकी की। मुकेश और उसके दो छोटे भाइयों को धमकाया। इसके बाद डर के कारण वे कहीं छिप गए।
पुलिस और प्रशासन ने मुकेश की तलाश की और उसे अंतिम संस्कार के लिए कहा, लेकिन मुकेश ने साफ मना कर दिया। उसका कहना था कि उसने गांव के पटेल और गायता से पूछकर रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया है। अब जिन लोगों ने शव को बाहर निकाला है, वे ही उसका अंतिम संस्कार करें। आखिरकार 7 नवंबर को पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में अंतागढ़ स्थित कब्रिस्तान में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान अपर कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा, एडिशनल एसपी खुमान सिन्हा, एसडीओपी अमर सिदार, एसडीएम एस. पैकरा, डॉ. क्लाडियस, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर भेषज रामटेके, नगर पंचायत के सीएमओ बसंत लोन्हारे के अलावा मसीही समाज के लोग मौजूद थे।


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