-डॉ.राजकुमार मिश्र-
रायपुर, 04 नवंबर 2022। श्रीकृष्ण जी वाले द्वापर युग से गाय हमारे लिए माता की तरह पालक-पोषक बनी हुई है।सारे सनातन धर्मावलम्बी गौ माता के प्रति असीम आदर भाव से भरे होते हैं।यहां तक कि साबित हो चुके कई गुणों के कारण दूध की ही तरह गौ माता का गोबर और मूत्र भी सहर्ष पूरे विश्वास और प्रेम के साथ उपयोग में लाया जाता हैं।
छग के तमाम गांवों कस्बों शहरों में सड़कों और गलियों पर अगर कहीं गोबर दिख जाय तो यकीन कीजिए कि वह ताजा ही होगा और अगले कुछ ही मिनटों में उसे कोई न कोई टोकरी में उठा कर ले जाएगा क्योंकि राज्य की सरकार अत्यंत सराहनीय योजना के तहत गोबर की खरीद करती है और ऐसा उपयोग करती है जिसे देखकर-जानकर राजनीतिक विरोधियों को छोड़कर हर कोई मुग्ध और प्रभावित होता ही होता है।सबसे अच्छी बात तो यह लगती है कि अन्य सभी सरकारी खरीद के नियमों के विपरीत गोबर और गौमूत्र की खरीद की कोई समय सीमा और वजन मात्रा निर्धारित नही है।जब चाहें अपने संग्रह को खरीद के ठिकाने पर ले जाएं और नकदीकरण कर लें।
राज्य सरकार के उक्त प्रयास से सार्वजनिक रास्तों पर गोबरसे हुआ करनेवाली परेशानी तो काफी हद तक अब नहीं रह गई है मगर कुत्तों के शौच से हर रोज फैलने पसरने वाली गंदगी का सवाल यक्षप्रश्न बना हुआ है जिसका समाधान नगरनिकायों को जल्द करना चाहिए।
राजधानी स्थित इस संवाददाता के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार का ध्यान इस तथ्य की ओर गया है कि प्रदेश में हो रहे विकास और बढ़ती जा रही खुशहाली के साथ साथ कुत्ता पालने का शौक भी ताबड़तोड़ रफ्तार से बढ़ता जा रहा है।विभिन्न जाति के पिल्ले 5 हजार से लेकर एक एक लाख तक के भाव पर खरीदे और बेचे जा रहे हैं तथा अपने कुत्ते के साथ सैर करते सुबह शाम नजर आनेवाले नवधनाढ्य शौकीनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। सड़क छाप आवारा लावारिश कुत्तों द्वारा रास्तों पर हर कहीं की जानेवाली गंदगी को तो नगर निकायों के सफाई कर्मचारी समेट कर हटा देते हैं मगर उन्हें हजारों रुपयों के खर्च पर शान से पाले जा रहे कुत्तों की गंदगी भी उठाने की जहमत से बचाने का औचित्य सरकार को महसूस होने लगा है और आश्चर्य नही होगा अगर जल्दी ही प्रत्येक पालतू कुत्ते के मालिक के लिए कुछ बाध्यकारी नियम कायदे लागू होते नजर आ जाएं
Check Also
कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला
Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …