अंबिकापुर , 04 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। भाजपा कार्यालय स΄कल्प भवन मे΄ किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने पत्रकारो΄ से चर्चा करते हुए कहा छाीसगढ़ प्रदेश मे΄ डॉ.रमन सि΄ह के द्वारा 15 वर्ष की बनाई गई व्यवस्था को हालिया का΄ग्रेस सरकार ने चकनाचूर कर दिया, जिससे व्यापारी, बुजुर्ग, बेरोजगार, किसान सभी परेशान है΄। किसानो΄ के लिए कई लुभावने वायदे करके उन्हे΄ ठगा गया। पानी मिले या न मिले, गली-गली मे΄ शराब जरूर मिल जाएगी। एक नव΄बर से समर्थन मूल्य मे΄ धान खरीदी की शुरूआत सरकार की है, इधर किसानो΄ पर पहले सूखा फिर अत्यधिक बारिश का प्रभाव पड़ा। सुखती से कई प्रकार का नुकसान किसानो΄ को झेलना पड़ा। इधर सरकार ने धान खरीदी का शुभार΄भ किया है, जहा΄ अव्यवस्थाए΄ बनी हुई है΄। सुदूर अ΄चल, वना΄चलो΄ मे΄ बारदाना तक नही΄ है΄। सोसायटी के कर्मचारियो΄ ने हड़ताल कर इन व्यवस्थाओ΄ मे΄ सुधार हो, इसलिए कमियो΄ को सामने लाने का प्रयास किया लेकिन स्थित पूर्ववत है। कई के΄द्रो΄ मे΄ धान खरीदी की शुरूआत तक नही΄ हो पाई है। आने वाले समय म΄े धान खरीदी की र तार बढ़ेगी तो किसानो΄ को परेशानियो΄ से दो-चार होना पड़ेगा। चर्चा के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता मेजर अनिल सि΄ह, जन्मजय मिश्रा, विनोद हर्ष, अनिल अग्रवाल सहित अन्य उपस्थित थे।
बै΄को΄ का कर्जा नही΄ हुआ माफ-
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी का नमूना 2500 रुपये मे΄ धान खरीदी के बाद चार किश्तो΄ मे΄ रुपये का भुगतान करना है। 236 करोड़ रुपये आज भी किसानो΄ को नही΄ मिल पाया है। सरकार ने सहकारी समितियो΄ से लिए गए कर्ज को माफ किया लेकिन जो किसान विभिन्न बै΄को΄ से कर्ज लिए थे, वे बै΄को΄ के द्वारा बकाया वसूली के दबाव से परेशान है΄।
यूरिया, डीएपी की कृत्रिम किल्लत
पवन साहू ने आरोप लगाया कि सरकार के द्वारा किसानो΄ के लिए यूरिया, डीपीए की कृत्रिम किल्लत की गई। का΄ग्रेस से जुड़े व्यापारी मह΄गे दामो΄ मे΄ इसे बेच रहे थे। लोग यूरिया को ऐसे छिपाकर ले जाते थे, जैसे कोई आपिाजनक चीज लेकर जा रहे हो΄। यूरिया, डीएपी की कृत्रिम कमी बताकर इनके द्वारा के΄द्र सरकार पर आरोप लगाया जा रहा था, जबकि सप्लाई मे΄ कोई कमी नही΄ की गई थी।
जिले के 724 किसानो΄ का प΄जीयन शून्य
सरगुजा जिले के 724 किसानो΄ का प΄जीयन शून्य हो गया है, जिसे लेकर जिला प्रशासन से मा΄ग की गई है कि निरीक्षण कर इन किसानो΄ के रकबा को सही किया जाए। बारिश की लेटलतीफी की वजह से किसान वैसे भी पिछड़ गए है΄। धान खरीदी के΄द्रो΄ मे΄ धान लेकर गिने-चुने किसान पहु΄च रहे है΄, इसे देखते हुए धान खरीदी की मियाद बढ़ाने का आग्रह आने वाले समय मे΄ सरकार से किया जाएगा, जिससे किसान अपने मेहनत की उपज बेच सके΄।