- राजा मुखर्जी –
कोरबा , 03 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरबा वन म΄डल के अ΄तर्गत ज΄गल लकड़ी तस्करो΄ के निशाने पर है΄। बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे है΄ और कटे पेड़ ले जाए जा रहे है΄ लेकिन वन अमले को भनक तक नही΄ लग रही। जब तक पता चलता है,पेड़ बिक चुके होते है΄ या उनका स्वरूप बदल चुका रहता है। हाथी निकल जाने के बाद पू΄छ पकडक़र अमला और अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने मे΄ लगे रहते है। कोरबा वन म΄डल के भी ज΄गलो΄ की रक्षा करने का दावा भले ही डीएफओ से लेकर एसडीओ और रे΄जर,डिप्टी रे΄जर करते है΄ लेकिन हकीकत मे΄ इन्हे΄ पता ही नही΄ चल पाता है कि ज΄गल के भीतर या कुछ हो रहा है। इनका मुखबिर त΄त्र जहाँ इस मामले मे΄ फेल है वही΄ वन सुरक्षा के मामले मे΄ स्थानीय ग्रामीणो΄, सुरक्षा समिति के लोगो΄ से बेहतर तालमेल का अभाव भी लगातार बना हुआ है। जलाऊ लकड़ी पकडऩे पर वसूली, विभिन्न निर्माण कायोर्΄ मे΄ नियोजित करने के बाद महीनो΄/वषोर्΄ से मजदूरी का भुगतान नही΄ करने की प्रवृिा व और भी व्यवहार एव΄ व्यक्तिगत कारण जिम्मेदार है΄ कि वन महकमा ज΄गल की सुरक्षा के मामले मे΄ स्थानीय लोगो΄ के बीच अपनी पैठ नही΄ बना पा रहा है।ज΄गलो΄ से इमारती लकडिय़ो΄ की अवैध कटाई के मामलो΄ मे΄ कुछ वन कर्मियो΄ की मिलीभगत से इनकार नही΄ किया जा सकता। सूत्र यह भी बताते है΄ कि कुछ ऐसे रे΄जर है΄ जो अपने चहेतो΄ के लिए खुद ही इमारती महत्व के वृक्षो΄ की कटाई करवा कर उनका सिलपट बनाकर उनके स्थल तक पहु΄चाने का भी काम करते है΄। जब महकमा ही स΄पिा लुटवाने मे΄ जुटा रहेगा तो चोरो΄ के हौसले बुल΄द हो΄गे ही। यह और बात है कि कभी-कभार अपनी सक्रियता दिखाने के लिए थोड़ी बहुत कार्रवाई कर दी जाती है ,लेकिन इसके पहले और बाद मे΄ कटने के लिए ज΄गल खुला छोड़ दिया जाता है। ऐसा ही एक वृक्षो΄ और ज΄गल की सुरक्षा मे΄ खामी का मामला कोरबा वन म΄डल मे΄ सामने आया है,जब काटे गए वृक्षो΄ को चिरान बना लिया गया। ग्राम बासीन के तीन ग्रामीणो΄ द्वारा साल प्रजाति के वृक्षो΄ की अवैध कटाई की गई, उन्हे΄ चिरान बनाकर घरो΄ मे΄ छुपा कर रखा गया था। समय अनुसार लकडिय़ो΄ को बाजार मे΄ खपाने की तैयारी थी। इस बारे मे΄ महकमे को जानकारी मिलने पर एसडीओ आशीष खेलवार ने टीम को रवाना किया। बासीन मे΄ 3 ग्रामीणो΄ के कजे से चिरान जत किया गया है।
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