बैकुण्ठपुर@दो माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को नहीं मिला अतिरिक्त मानदेय और आवश्यक पंजियां:अभिनव द्विवेदी

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बैकुण्ठपुर 3 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। जगत जननी कहे जाने वाली महिला और इन्हीं के लिए बने महिला एवं बाल विकास विभाग में महिलाओं के रुप में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं के साथ ही हो रहा जमकर शोषण। जी हां कोरिया और नवगठित जिले मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर समेत समूचे प्रदेश में पदस्थ लगभग 50,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और लगभग 50000 सहायिकाओं को पिछले दो माह मिलने वाले अतिरिक्त मानदेय से जानबूझकर वंचित किया जा रहा है। यह ऐसा पहली बार नहीं है जब इन न्यूनतम मजदूरी मद में कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को विलंब से भुगतान मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने पूरे मामले की जानकारी लेते हुए बताया कि जब से प्रदेश में मौजूदा भूपेश की सरकार बनी है तब से ऐसी स्थिति निरंतर निर्मित हो रही है। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्रालय और संचालनालय में बैठे अफसरों के उदासीनता और नजर अंदाज करने के कार्यशैली के कारण ही ऐसी स्थिति निरंतर निर्मित होते आ रही है जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कड़ाई से निर्देशित करते हुए व्यवस्था को सुधारने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता ने पत्र भी लिखा है। जब सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी को इसकी जानकारी मिली तो सामाजिक कार्यकर्ता ने तत्काल कोरिया जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग प्रीति खोखर चखिहार से बात की और कहा कि पता करते हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने तत्काल सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग भुवनेश यादव से भी बात कर दो माह से अतिरिक्त मानदेय ना मिलने की बात बताई जिस पर सामाजिक कार्यकर्ता ने तत्काल भुगतान कराने हेतु आग्रह भी किया है। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने कहा कि प्रशासन के आला अफसर हमेशा न्यूनतम मजदूरी पाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के पीछे ही बिना सुविधा मुहैया कराए उन्हें परेशान क्यों करते हैं,। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि उनके साथ कोई रहे या ना रहे,हम हमेशा साथ हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव पी द्विवेदी ने यह भी कहा कि हाल ही में भारतीय मजदूर संघ से संबंद्धता रखने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के नव नियुक्त प्रदेश महामंत्री स्वंय एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने के उपरांत भी आज तक भुगतान में हो रही लेट लतीफी पर आगे क्यों नहीं आई और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ना मिलने वाली पंजियों को लेकर अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाई? सवाल अब यह है कि प्रदेश में सुपोषण जैसे महा अभियान को सफल बनाने वाली धरातल की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं के साथ ही जब शासन प्रशासन अनदेखी करेगा तो भला योजनाएं सफल कैसे होगी?


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