रायपुर, 31 अक्टूबर 2022।मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश मे एक नवम्बर से शुरू हो रहे धान खरीदी के महाभियान पर किसानो और प्रदेशवासियो को शुभकामनाए दी है। मुख्यमत्री ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओ से प्रदेश मे खेती-किसानी मे नये उत्साह का सचार हुआ है। खेतो से दूर हो रहे किसान खेतो की ओर लौटे है और खेती का रकबा भी बढ़ा है। राज्योत्सव के साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 मे प्रदेश के पजीकृत किसानो से 01 नवम्बर 2022 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होगी। इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य मे 25.72 लाख किसानो का एकीकृत किसान पोर्टल मे पजीयन हुआ है, जिसमे लगभग 61 हजार नये किसान है। राज्य मे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। इस साल किसानो से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति म्टिल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति म्टिल की दर से खरीदा जाएगा।
खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि मुख्यमत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के लिए एक नवम्बर 2022 से धान ,खरीदी शुरू हो जाएगी। किसानो से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए राज्य शासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारिया एव व्यवस्थाए कर ली गई है। किसानो को धान बेचने मे किसी भी तरह की दिक्कत न आए, इसको लेकर सभी केन्द्रो मे बेहतर प्रबध किए जाने के साथ ही व्यवस्था पर मॉनिटरिग के लिए अधिकारियो-कर्मचारियो की ड्यूटी भी लगाई गई है। खाद्य सचिव श्री वर्मा ने बताया कि गत वर्ष के पजीकृत 24.05 लाख किसानो ने पजीयन कराया था। पजीकृत किसानो के डाटा को कैरी फॉरवर्ड तथा इस साल लगभग 61 हजार नये किसानो ने अपना पजीयन कराया है। इस प्रकार पजीकृत किसानो की सख्या बढ़कर 25.72 लाख हो गई है। पजीकृत किसानो के धान का रकबा बढ़कर 30.44 लाख हेक्टेयर हो गया है। समर्थन मूल्य पर किसानो से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 मि्. प्रति एकड़ लिकिग सहित निर्धारित की गई है। धान खरीदी हेतु बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है। धान खरीदी के लिए सभी समितियो मे पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
उपार्जित धान की कस्टम मिलिग के लिए मिलर्स का पजीयन किया जा रहा है। राज्य मे अवैध धान की आवक रोकने तथा सवेदनशील उपार्जन केन्द्रो पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए है। सीमावर्ती सोसायटियो पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अन्य राज्यो से छत्तीसगढ़ मे धान का अवैध परिवहन न हो, इसकी रोकथाम के लिए चेकपोस्ट भी बनाए गए है, जहा अधिकारियो की टीम माल वाहको पर कड़ी निगरानी रखेगी। गौरतलब है कि राजीव गाधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलो की उत्पादकता मे वृद्धि तथा फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानो को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए तथा धान की खेती बदले अन्य फसलो की खेती करने वाले किसानो को प्रति एकड़ की मान से 10 हजार सबसडी दी जा रही है। बीते तीन सालो मे राज्य के किसानो को 16 हजार 415 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। वर्ष 2019 मे समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 18.43 लाख किसानो को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए के मान से 5627 करोड़ रूपए, वर्ष 2020 मे 20.59 लाख किसानो को 5553 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2021 मे समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 24 लाख किसानो को तीन किश्तो मे 5235 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। विाीय वर्ष के अत तक किसानो को चौथी किश्त के रूप मे 1745 करोड़ रूपए की सब्सिडी और दी जाएगी। इस प्रकार इस राज्य के किसानो को कुल 6980 करोड़ रूपए सब्सिडी के रूप मे मिलेगे।
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